लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में सोमवार को कोरोना वायरस से संक्रमित ढाई साल के एक बच्चे को भर्ती कराया गया है. यह बच्चा राजधानी की पहली महिला रोगी कनाडा की एक चिकित्सक का है. यह महिला ठीक होकर वापस घर लौट गयी थी. मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया, ‘‘ढाई साल के एक बच्चे में कोरोना वायरस के लक्षण पाये गये थे जिसके बाद उसकी जांच की गयी थी तो वह इस महामारी से संक्रमित पाया गया. इसके बाद उसे केजीएमयू के पृथक वार्ड में भर्ती करा दिया गया है.”
केजीएमयू के प्रभारी डॉ. सुधीर सिंह ने बताया, ‘‘सबसे पहले भर्ती की गयी महिला रोगी के बच्चे में कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि हुई है. बच्चे को भर्ती कर लिया गया है और उसकी स्थिति सामान्य है.” लखनऊ में कनाडा से लौटी महिला 11 मार्च को कोरोना वायरस से संक्रमित पायी गयी थी. यह महिला पेशे से चिकित्सक है. बाद में महिला ठीक होकर घर चली गयी थी. इस महिला के उपचार में लगी चिकित्सकों की टीम के एक जूनियर रेजीडेंट चिकित्सक को नमूने लेने के दौरान संक्रमण हो गया था और वह अभी भी अस्पताल में भर्ती है.
यूपी में सैनेटाइजर की 55 कंपनियों को मिला लाइसेंस
कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सैनेटाइजर का उत्पादन बढ़ाने के लक्ष्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने 55 कंपनियों को सैनेटाइजर बनाने का लाइसेंस दे दिया है और इसका प्रतिदिन करीब 70 हजार लीटर उत्पादन हो रहा है. प्रदेश में अभी तक चार लाख 12 हजार लीटर सैनेटाइजर का उत्पादन हो चुका है जिसमें से कुल दो लाख सात हजार लीटर सैनेटाइजर की बाजार में आपूर्ति की जा चुकी है.
राज्य के आबकारी एवं चीनी, गन्ना विकास विभाग के प्रमुख सचिव संजय भुस रेड्डी ने सोमवार को बताया, ” कोरोना वायरस संक्रमण के खतरे के कारण प्रदेश में अचानक सैनेटाइजर की मांग बढ़ गयी थी, इसलिए राज्य प्रशासन ने शराब कारखानों और अन्य कंपनियों को सैनेटाइजर बनाने का लाइसेंस देने का फैसला किया ताकि आम जनता को सही और गुणवत्तापूर्ण सैनेटाइजर मिल सकें.”
उन्होंने बताया कि सरकार ने 55 कंपनियों को लाइसेंस दिया है जिसमें 22 चीनी मिलें, नौ (शराब कारखाने) डिस्टलरीज, 22 सैनेटाइजर कंपनियां एवं दो अन्य कंपनियां हैं. इन सभी 55 कंपनियों में सैनेटाइजर का उत्पादन पिछले 15 दिन से शुरू हो चुका है और आज तक चार लाख 12 हजार लीटर सैनेटाइजर का उत्पादन किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि अभी तक कुल दो लाख सात हजार लीटर सैनेटाइजर का उत्पादन कर उसे बाजार में उपलब्ध कराया जा चुका है.
अधिकारी ने कहा कि प्रदेश में सैनेटाइजर की कमी किसी भी हालत में नहीं होने दी जायेगी. कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिये डॉक्टर लोगों को बार-बार हाथों को साबुन से धोने या सैनेटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दे रहे हैं.