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Lockdown/Liquor Price in UP Update : शराब की दीवानगी यूपी वालों को पड़ेगी महंगी, जानें… अब कितनी ढीली करनी होगी जेब

उत्तर प्रदेश में अब शराब खरीदने के लिये ज्यादा रुपये खर्च करने होंगे. राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को देशी और विदेशी मदिरा के दामों में 10 रुपये से लेकर 400 रुपये तक की बढ़ोत्तरी कर दी है. प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिये गये इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि शराब के दामों में यह वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू होगी.

By Samir Kumar | May 6, 2020 6:18 PM

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अब शराब खरीदने के लिये ज्यादा रुपये खर्च करने होंगे. राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को देशी और विदेशी मदिरा के दामों में 10 रुपये से लेकर 400 रुपये तक की बढ़ोत्तरी कर दी है. प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में लिये गये इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि शराब के दामों में यह वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू होगी.

देशी शराब पर मात्र 5 रुपये की वृद्धि के प्रस्ताव को मिली मंजूरी

समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि इससे सरकार को इस साल करीब 2350 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान है. खन्ना ने बताया कि मंत्रिमंडल ने देशी शराब पर मात्र पांच रुपये की वृद्धि के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, अब 65 रुपये की बोतल 70 रुपये में, जबकि 75 वाली 80 रुपये में मिलेगी.

जानें… विदेशी शराब की इकॉनमी और मीडियम क्लास के बोतलों पर कितनी हुई बढ़ोतरी

सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि विदेशी मदिरा की इकॉनमी और मीडियम क्लास में 180 मिलीलीटर (एमएल) तक 10 रुपये, 180 से 500 एमएल तक 20 रुपये और 500 एमएल से अधिक की बोतल पर 30 रुपये बढ़ाये गये हैं. वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि इसके अलावा रेगुलर और प्रीमियम श्रेणी में 180 एमएल तक 20 रुपये, 180 से 500 तक 30 रुपये और 500 एमएल से अधिक पर 50 रुपये की वृद्धि की गयी है. खन्ना ने बताया कि विदेश से आयातित शराब की 180 एमएल तक की बोतल पर 100 रुपये, 500 एमएल तक 200 और 500 एमएल से अधिक की बोतल पर 400 रुपये बढ़ाये गये हैं.

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लॉकडाउन के बाद से प्रदेश के गांव-गांव में बनने लगी थी अवैध रूप से शराब

सुरेश कुमार खन्ना ने बताया कि लॉकडाउन के बाद से ही प्रदेश में शराब की बिक्री बंद हो गयी थी, लोगों को जब शराब नहीं मिली तो उन्होंने अवैध रूप से बनी शराब पीना शुरू किया और गांव-गांव में अवैध रूप से शराब बनने लगी. उन्होंने बताया कि गाजियाबाद के मोदीनगर में तीन लोगों ने शराब नहीं मिलने पर सेनेटाइजर पी लिया जिससे उनकी मौत हो गयी, कानपुर में भी अवैध शराब पीने से तीन लोगों की मृत्यु हुई. खन्ना ने बताया कि चार मई तक अवैध रूप से बनायी गयी 80,020 लीटर शराब जब्त कर कुल 3,627 लोगों को गिरफ्तार किया था.

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