यूपी में 343 कोरोना मरीज में 187 तबलीगी जमात के, अखिलेश बोले- जांंचें…मरकज से जुड़े लोगों को किसने दिया वीजा
उत्तर प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 343 हो हुई है. प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘343 मामलों में से 187 तबलीगी जमात से जुड़े मामले हैं, जबकि 26 लोग उपचार के बाद संक्रमण से मुक्त होकर अपने घर जा चुके हैं.''
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 343 हो हुई है. प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘343 मामलों में से 187 तबलीगी जमात से जुड़े मामले हैं, जबकि 26 लोग उपचार के बाद संक्रमण से मुक्त होकर अपने घर जा चुके हैं.”
उन्होंने बताया कि शामली की एक महिला मरीज संक्रमण मुक्त हो चुकी हैं और आज रात उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिलने की संभावना है. अब तक राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से तीन लोगों की मौत हुई है, जो मेरठ, बस्ती और वाराणसी के रहने वाले थे.
यह भी जांचें, तबलीगी जमात के कार्यक्रम में आने वाले लोगों को किसने वीजा दिया : अखिलेश
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण तबलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों पर उठ रहे सवालों के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि इस बात की भी समीक्षा की जाए कि मरकज से जुड़े लोगों को वीजा किसने और क्यों दिया. अखिलेश ने एक ‘ट्वीट’ में इन लोगों पर उठ रही उंगलियों की तरफ इशारा करते हुए कहा ”समीक्षा करने वाले सदिच्छा से इसकी भी समीक्षा-परीक्षा करें कि जिनकी धर-पकड़ की जा रही है उन्हें कब, क्यों व किसने वीजा दिया?”
अखिलेश का सवाल, कोरोना के कितने टेस्ट किये जा रहे हैं
अखिलेश ने यह भी पूछा ”कोरोना के कितने टेस्ट किये जा रहे हैं? अन्य बीमारियों के इलाज व भूखे-भटके लोगों के लिए क्या व्यवस्थाएं हैं? कृपया राहत कोष की पारदर्शिता की भी समीक्षा करें.” गौरतलब है कि प्रदेश में कुल कोरोना संक्रमितों में निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों की संख्या लगभग आधी है. इसे लेकर खासकर सोशल मीडिया पर इनके प्रति नफरत भरे संदेशों की बाढ़ सी आ गयी है. जगह-जगह इनकी धर-पकड़ की जा रही है.
यूपी में कुछ मुस्लिम संगठनों ने इस बात को लेकर जतायी आपत्ति
उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य निदेशालय भी कोरोना संक्रमण के आंकड़े देने के लिये रोजाना जारी होने वाले बुलेटिन में इन लोगों की अलग से जानकारी दे रहा है. अलग से एक कॉलम भी बनाया गया है. इस पर भी कुछ मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जतायी है.
सांसद निधि दो साल के लिये ‘निलंबित’ करना अलोकतांत्रिक : बसपा सांसद
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अफजाल अंसारी ने कोरोना वायरस मामले को लेकर ‘‘सांसदों को विश्वास में लिये बगैर” उनकी क्षेत्र विकास निधि ‘‘निलंबित” किये जाने को ‘‘अलोकतांत्रिक” कदम बताया है. उत्तर प्रदेश की गाजीपुर सीट से बसपा सांसद अंसारी ने बुधवार को कहा कि सरकार ने सांसदों की अगले दो साल की निधि को ‘निलंबित’ करके उस धन को कोविड-19 के कारण पैदा सूरतेहाल से निपटने में इस्तेमाल करने की बात कही है.
सांसदों को विश्वास में लेना चाहिए था : अंसारी
बसपा सांसद ने कहा कि हालात के मद्देनजर इस पर उंगली नहीं उठायी जा सकती, मगर इसके लिये जो तरीका अपनाया गया, वह अलोकतांत्रिक और तानाशाहीपूर्ण है. उन्होंने कहा कि सांसद की निधि उसके क्षेत्र के विकास के लिये होती है और सरकार को यह कदम उठाने से पहले सांसदों को विश्वास में लेना चाहिए था.
प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर दर्ज करायेंगे अपनी आपत्ति : बसपा सांसद
अंसारी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा बनाये गये कोविड-19 राहत कोष के लिये सांसदों की निधि से एक करोड़ रुपये लेने की प्रक्रिया अभी पूरी भी नहीं हुई थी कि उनसे पूछे बगैर उनकी निधि को अगले दो साल तक ‘निलंबित’ किये जाने का आदेश भी जारी कर दिया गया. उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज करायेंगे और अगर मुलाकात का मौका मिला, तो वह व्यक्तिगत रूप से भी उनसे अपनी बात कहेंगे.
अंसारी ने कहा कि अगर सांसदों की अगले दो साल की निधि का धन लिया जा रहा है तो वह उनके क्षेत्र में ही खर्च होना चाहिये, ताकि उसके व्यय पर संबंधित जनप्रतिनिधि की पूरी नजर रहे और क्षेत्रीय विकास में संतुलन भी बना रहे.