UP Chunav Result 2022: यूपी विधानसभा का कार्यकाल 14 मई 2022 को पूरा होगा. इससे पहले नई सरकार के गठन की प्रक्रिया पूरी होना जरूरी है. 7 मार्च को यूपी की कुल 403 विधानसभा की सीटों पर चुनाव प्रक्रिया पूरी हो गई थी. अब 10 मार्च को इन सीटों पर हुए संग्राम का रिजल्ट सामने आना है. 2017 में एनडीए ने 403 में से 325 सीटें जीतकर प्रदेश में इतिहास रचा था.
2017 में बीजेपी की 312 सीटें थी. जबकि 13 सीटें सहयोगी दलों, अपना दल, सुभासपा और निषाद पार्टी को मिली थीं. यूपी में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में बीजेपी ने सरकार बनाई थी. अब उन्होंने बतौर यूपी के मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है. 2022 का चुनाव योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल को सामने रखकर लड़ा गया है. जो बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है
यूपी में 2022 विधानसभा चुनाव 10 फरवरी से 7 मार्च तक सात चरणों में सम्पन्न हुए हैं. जबकि 2017 के विधानसभा के चुनाव 11 फरवरी से 8 मार्च तक हुए थे. इस चुनाव में कुल 61.14 प्रतिशत मतदान हुआ था. जबकि 2022 में 60 प्रतिशत से कुछ अधिक वोट पड़े हैं. 2017 में जब मतगणना शुरू हुई थी तब ईवीएम से बीजेपी की सुनामी निकली थी, इस बार सत्ता के रिपोर्ट कार्ड के आधार पर वोट पड़े हैं. कहीं न कहीं सरकार के कामकाज पर उंगलियां भी उठ रही हैं.
यूपी विधानसभा चुनाव में सत्ता विरोधी स्वर भी चुनाव के दौरान देखने को मिले. खासतौर से बेरोजगारी, पुरानी पेंशन, संविदा कर्मियों की बदहाली, समान कार्य समान वेतन जैसे मुद्दे पूरे चुनाव में हावी रहे. वहीं कानून व्यवस्था, महिला सुरक्षा, फ्री अनाज और आवास देने जैसी सुविधाओं का भी बोलबाला रहा. स्थिति यह रही कि कोई भी यह अनुमान लगाने में सक्षम नहीं हो पा रहा है कि सरकार कौन बनाएगा.
यूपी में 18वीं विधानसभा चुनाव के गठन के लिए 10 मार्च को सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी. पहले आधे घंटे तक बैलेट की गिनती होगी, इसके बाद ईवीएम के वोटों की गिनती शुरू होगी. 403 विधान सभा सीटों का अंतिम परिणाम 10 मार्च को देर रात आने की संभावना है. हालांकि हार-जीत का रुझान दोपहर से मिलना शुरू हो जाएगा.
यूपी विधान सभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को था. पहले चरण में 11 जिलों की 58 सीटों, दूसरे चरण में 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों, तीसरे चरण में 20 फरवरी को 16 जिलों की 59 सीटों, चौथे चरण में 23 फरवरी को 9 जिलों की 59 सीटों, पांचवें चरण में 27 फरवरी को 12 जिलों की 61 सीटें, छठे चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों, सातवें चरण में 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर मतदान हुआ था. सभी चरणों में 60 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था.
पहले चरण (UP First Phase Polls) का मतदान यूपी की 58 विधानसभा सीट पर पिछली 10 फरवरी को औसतन 62.43 फीसदी के साथ सम्पन्न हुआ था. वर्ष 2017 में इन्हीं विधानसभा क्षेत्रों में 63.47 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था. यानी इस बार से 1 परसेंट के अंतर के करीब था.
दूसरे चरण (UP Second Phase Polls) का मतदान 14 फरवरी को संपन्न कराया गया था. उसमें 9 जिलों की 55 सीटों पर 64.42 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इस चरण में 586 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद की गई है्. जो कि साल 2017 के मुकाबले 1.11 प्रतिशत कम दर्ज किया गया था.
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण (UP Third Phase Polls) के मतदान के आंकड़ों पर अपने अंतिम अपडेट में कहा कि 59 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 61.61 प्रतिशत प्रतिशत मतदान हुआ है. 2017 के विधानसभा चुनावों में इन सीटों मतदान का आंकड़ा 62.21 प्रतिशत दर्ज किया गया था.
चौथे चरण (UP Fourth Phase Polls) में नौ जिलों की 59 सीटों पर मतदान खत्म आयोजित किया गया था. उइस बीच 61.65 प्रतिशत वोट डाले गए. 2017 में इन 59 सीटों पर 62.69 फीसदी वोट पड़े थे. सबसे अधिक मतदान पीलीभीत और लखीमपुर खीरी जिले में 67 प्रतिशत से अधिक हुआ था. सबसे कम वोट उन्नाव जिले में 57.73 प्रतिशत पड़े थे.
पांचवें चरण (UP Fifth Phase Polls) में 12 जिलों की 61 सीटों पर 58.36 फीसदी वोट पड़े थे. इन्हीं सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 0.12 फीसदी ज्यादा रहे. 2017 में इस चरण में 58.24 प्रतिशत मतदान हुआ था. चुनाव आयोग के मुताबिक अंतिम आंकड़ा और बढ़ सकता है. पांचवें चरण में कई हाई प्रोफाइल सीटें भी थीं.
छठवें चरण में (UP Six Phase Polls) में 10 जिलों की 57 सीटों पर 56.43 फीसदी वोट पड़े थे. इन्हीं सीटों पर 2017 विधान सभा चुनाव में 56.42 फीसदी मतदान हुआ था. छठा चरण राजनीतिक पार्टियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. यहां कई बड़े चेहरों का भविष्य दांव पर है. यही नहीं सीएम योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर में भी मतदान छठे चरण में ही था.
सातवें चरण में (UP 7th Phase Polls) में 9 जिलों की 54 सीटों पर 57.53 फीसदी मतदान हुआ था. जबकि 2017 में सातवें चरण में 59.56 फीसदी मतदान हुआ था. यह 2022 से लगभग दो फीसदी ज्यादा है. सातवें चरण में पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र में मतदान था.
सत्ताधारी समाजवादी पार्टी 2017 में कांग्रेस के साथ गठबंधन करके मैदान में उतरी थी. समाजवादी पार्टी ने 311 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन वह 47 सीटें ही जीत पायी थी. कांग्रेस को गठबंधन में 114 सीटें मिली थी, लेकिन उसे मात्र 7 सीट पर ही जीत हासिल हुई थी. जबकि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 19 सीटें और राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को एक सीट मिली थी. लेकिन मोदी लहर ने यूपी में एक अलग ही इतिहास रच दिया था. इसमें एनडीए गठबंधन ने 325 सीटों पर विजय हासिल की थी. इस बार भी एनडीए गठबंधन यूपी पर दोबारा विजय हासिल की करने की कवायद में है.