IPL खेलने का मौका देने के बहाने लखनऊ के क्रिकेटर से ठगे पांच लाख, केडी सिंह स्टेडियम में मिला था ठग

राजधानी के स्पोर्ट्स कॉलेज से पासआउट लखनऊ के अभिलेख सिंह के साथ इंडिया प्रीमियर लीग (आइपीएल) में खेलने का मौका देने के बहाने से ठगी कर ली गयी. 21 साल के इस क्रिकेटर से पांच लाख रुपये की ठगी की गयी है. ठगी करने वाला कृष्णा कुमार झा करीब तीन साल पहले केडी सिंह बाबू स्टेडियम में उससे मिला था.

By अनुज शर्मा | February 24, 2023 9:51 PM
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लखनऊ. राजधानी के स्पोर्ट्स कॉलेज से पासआउट लखनऊ के अभिलेख सिंह के साथ इंडिया प्रीमियर लीग (आइपीएल) में खेलने का मौका देने के बहाने से ठगी कर ली गयी. 21 साल के इस क्रिकेटर से पांच लाख रुपये की ठगी की गयी है. ठगी करने वाला कृष्णा कुमार झा करीब तीन साल पहले केडी सिंह बाबू स्टेडियम में उससे मिला था. शक न हो इसके लिये उसे अरुणाचल प्रदेश की क्रिकेट टीम में अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप में लंबा इंतजार भी कराया. अभिलेख की शिकायत पर लखनऊ की साइबर सेल आरोपी की तलाश में जुट गयी है. इस मामले में गौतमपल्ली थाना में एफआइआर दर्ज हुई है.

2019 में अभ्यास मैच में कृष्णा कुमार झा ने मांगे 17 लाख

अभिलेख सिंह ने पुलिस के सीनियर अधिकारियों को बताया कि वह 2019 में केडी सिंह बाबू स्टेडियम में अभ्यास मैच खेल रहा था. इसी दौरान कृष्णा कुमार झा ने कहा कि वह 17 लाख रुपये खर्च करेगा तो आइपीएल में किसी न किसी टीम में एंट्री करा देगा. युवा क्रिकेटर 17 लाख रुपये की भारी भरकम रकम देने में असमर्थ था. पहला सौदा में सफलता न मिलने पर कृष्ण कुमार झा ने अभिलेख सिंह को ठगने के लिये दूसरा बहाना बनाया. भरोसा दिलाया कि यदि पांच लाख रुपये देगा तो अरुणाचल प्रदेश की टीम से खिला देगा. स्टेट की टीम से खेलने के बाद आइपीएल में एंट्री हो जायेगी. आइपीएल के लिये जरूरी है कि प्लेयर किसी न किसी स्टेट का खिलाड़ी हो.

अरुणाचल में अतिरिक्त खिलाड़ी बनकर रहा लेकिन मौका नहीं मिला

पांच लाख रुपये में आइपीएल में मैच खेलने का सपना साकार होने की उम्मीद में अभिलेख ने अपने माता- पिता को किसी तरह से पैसे देने के लिसे मनाया. घर से पैसे मिलने के बाद चेक के जरिये कृष्ण कुमार झा को भुगतान किया गया. लंबे समय तक वह अरुणाचल प्रदेश में अतिरिक्त खिलाड़ी के रूप में रहा लेकिन मैच खेलने का मौका नहीं मिला. उसने कृष्ण कुमार झा से पैसे वापस करने को कहा. झा ने पैसे की जगह धमकी दी. ठगी का एहसास होने पर अभिलेख ने लखनऊ पहुंचकर पुलिस के आला अधिकारियों को पूरा मामला बताया. अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त मुख्यालय इस मामले में कार्रवाई का आश्वासन देते हैं. उनका कहना है कि एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. आरोपी की खोज में साइबर सेल सक्रिय है.

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