Cyber Fraud: ब्रॉडबैंड स्पीड और 5जी का बहाना देकर जालसाज बना रहे शिकार, ऐसे करें अपने बैंक खाते की रखवाली
Cyber Fraud: साइबर अपराधियों ने ठगी के नायाब तरीका निकाला है. इससे बचने का एक मात्र तरीका जागरुकता है. इसलिए ब्रॉडबैंड स्पीड, 5जी के बहाने विभिन्न तरीकों से दिए जाने वाले झांसों में न आएं और अपना पैसा बचाएं. अगर किसी के साथ कोई घटना होती है तो 24 घंटे के अंदर पुलिस को अवगत कराएं.
Cyber Fraud: डिजिटल दुनिया के दौर में आय दिन धोखाधड़ी की शिकायतें आ रहीं हैं. साइबर ठग मोबाइल और ब्रॉडबैंड की इंटरनेट स्पीड बढ़ाने और 5जी नेटवर्क की सुविधा देने के बहाने लोगों के बैंक खाते खाली कर रहे हैं. ऐसे कई मामले सामने आए हैं. अगर आपके पास ब्रॉडबैंड की स्पीड बढ़ाने और 5जी नेटवर्क देने के लिए फोन या मेसेज आया है तो सचेत हो जाएं. साइबर ठग खुद को सर्विस प्रोवाइडर कंपनी का कर्मचारी बताकर कॉल करते हैं. अब ठगी से बचाने के लिए साइबर सेल ने एडवाइजरी जारी की है.
साइबर सेल के विशेषज्ञों ने बताया कि शातिर अपराधी मोबाइल और ब्रॉडबैंड पर इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने और मोबाइल नेटवर्क को दुरुस्त करने का झांसा देते हैं. इसके बाद ठग ओटीपी बताते हुए पीड़ित को अपना मोबाइल नंबर डायल करने के लिए कहते हैं. ठग पीड़ित के मोबाइल नंबर डायल करते ही ओटीपी पूछते हैं.
इसके साथ ही पीड़ित का मोबाइल नंबर, ई-वॉलेट एवं मैसेजिंग एप की पूरी जानकारी बैकअप के साथ ठग के पास पहुंच जाती है. फिर ठग आसानी से अपने मोबाइल पर पीड़ित का पेमेंट वॉलेट और मेसेजिंग एप डाउनलोड कर लेते हैं. एप के जरिए भी ठग पीड़ित के परिचितों से अलग-अलग बहाना बनाकर पैसे मंगवा लेते हैं. परिचितों को लगता है कि उनके मिलने-जुलने वाले ने ही पैसा मांगा है और वे झांसे में आ जाते हैं.
फोन में रखे निजी तस्वीरों का भी हो सकता है दुरुपयोग
मोबाइल मेसेजिंग एप पर अगर टू वे वेरिफिकेशन नहीं होता तो ठग आसानी से यूजर के नंबर से एप अपने मोबाइल पर इंस्टाल कर लेता है. इंस्टालेशन के दौरान यूजर्स का बैकअप भी ठग के पास पहुंच जाता है. इससे यूजर्स की निजी तस्वीरें और वीडियो भी ठग के पास पहुंच जाती हैं. ठग यूजर की निजी तस्वीर और वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर पैसे ऐंठ सकते हैं.
जल्द शिकायत कर बच सकते हैं पीड़ित
साइबर सेल का कहना है कि अगर लोग ठगी होने के 15 मिनट बाद 1930 पर शिकायत करते हैं तो खाता ब्लॉक कर उन्हें आर्थिक नुकसान से बचाया जा सकता है. ठगी का शिकार हुए लोग साइबर सेल की वेबसाइट पर भी शिकायत कर सकते हैं.
वेबसाइट पर ऐसे दर्ज करें शिकायत
साइबर की शिकायत वेबसाइट पर दर्ज कराने के लिए सबसे पहले आपको CyberCrime.gov.in पर जाना होगा. इस वेबसाइट पर क्लिक करते ही आपके सामने नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल का विंडो ओपन हो जाएगा. इस वेबसाइट में आपको Home के बाद Report Women/Child Related Crime और Report Other Cyber Crime का ऑप्शन का मिलेगा. साइबर क्राइम की घटना किसी महिला या बच्चे के साथ हुई है तो उसे Report Women/Child Related Crime पर क्लिक करना होगा.
यहां से File A Complaint का बटन क्लिक करके अपनी डिटेल के साथ रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको User Id की जरूरत होगी. इसलिए आप खुद पहले Login बना लें. लेकिन इस बात का ध्यान रहे कि जिस मोबाइल नंबर से आप लॉगिन बनाएंगे उसी नंबर पर एक OTP भी आएगा. लॉगिन बनाने के बाद आप आसानी से शिकायत दर्ज करा सकते हैं. इसी तरह साइबर काइम की अन्य घटनाओं की शिकायत के लिए आपको इस लिंक पर क्लिक करना होगा. ये लिंक है REPORT OTHER CYBER CRIME का. इस लिंक पर क्लिक करके आप किसी भी तरह के साइबर क्राइम की ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
इन बातों का रखें ध्यान
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किसी कंपनी या बैंक का नंबर गूगल पर सर्च न करें. इंटरनेट पर मिले नंबर जालसाजों द्वारा डाले गए भी हो सकते हैं और आप ठगी का शिकार हो सकते हैं.
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट डालकर कंपनी या बैंक का नंबर न मांगें. किसी बैंक या कंपनी का आधिकारिक कस्टमर केयर नंबर, उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद रहता है. जरूरत पड़ने पर सीधे वहीं विजिट करें.
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आजकल हर बैंक कंपनी का सोशल मीडिया हैंडल है. आप वहां पर डायरेक्ट मेसेज के जरिए शिकायत कर सकते हैं.आधिकारिक ईमेल आईडी पर भी शिकायत की जा सकती है.
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अगर आपने किसी बैंक कंपनी में कोई शिकायत की है और उसके बाद फोन कॉल पर आपकी समस्या हल करने के लिए कोई खाते या कार्ड से जुड़ी डिटेल मांगे तो न दें.
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अगर आप इंटरनेट या टेक्नोलॉजी के साथ बहुत ज्यादा फ्रेंडली नहीं हैं तो सीधे बैंक या कंपनी में जाकर अपनी समस्या बताना बेहतर रहेगा.
ऐसे करें बचाव
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किसी भी तरह के ऑफर और लालच में न आएं
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अंजान व्यक्ति से फोन पर बात कर उसके बहकावे में ना आएं
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अच्छी तरह जांच करने के बाद ही किसी भी बैंक खाते में राशि डालें
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फेसबुक, ट्विटर आईडी का पासवर्ड स्ट्रांग रखें, सरल पासवर्ड न रखें
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कोई रुपये की मांग करता है, तो पहले जांच लें
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बैंक कर्मचारी कभी भी फोन पर जानकारी नहीं मांगते