UP Politics: लखनऊ, पिछड़ी जातियों की राजनीति करने वाला दारा सिंह चौहान दल बदलने और सत्ता की ओर दांव खेलने में माहिर माने जाते हैं. कांग्रेस से अपनी राजनीति शुरू करने वाले दारा 1996 में पहली बार बसपा से राज्यसभा सांसद बने. चार साल में ही उनको सपा भा गई और बसपा से इस्तीफा दे दिया. सपा ने भी उन्हें राज्यसभा भेजा. 2006 में दारा का राज्यसभा कार्यकाल खत्म हुआ और 2007 में यूपी की सत्ता में बसपा आ गई. दारा फिर बसपाई हो गए और 2009 में घोसी लोकसभा से बसपा के सांसद बने. मायावती ने उन्हें लोकसभा में पार्टी का नेता भी बनाया. 2014 में मोदी लहर में घोसी में दारा अपनी सीट नहीं बचा पाए तो 2015 में भाजपा में ही पहुंच गए. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें मऊ से चुनाव लड़ाया. जीत कर योगी मंत्रिमंडल में वन व पर्यावरण मंत्री बने. चुनाव के ठीक पहले उन्हें सपा में उम्मीद नजर आई और पार्टी बदल ली. एक बार फिर दारा बदलाव की राह पर हैं.
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Dara Singh Chauhan का सपा से मोहभंग, क्यों गये BJP में, जानें असली वजह
UP Politics: लखनऊ, पिछड़ी जातियों की राजनीति करने वाला दारा सिंह चौहान दल बदलने और सत्ता की ओर दांव खेलने में माहिर माने जाते हैं. कांग्रेस से अपनी राजनीति शुरू करने वाले दारा 1996 में पहली बार बसपा से राज्यसभा सांसद बने. चार साल में ही उनको सपा भा गई और बसपा से इस्तीफा दे दिया.
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