लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को सूबे में कोरोना की स्थिति, प्रबंधन और वैक्सीनेशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की. मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर कार्य योजना बनानी शुरू कर दी है. हर जिले में प्रशासन को महिलाओं और बच्चों के लिए डेडिकेटेड हॉस्पिटल अभी से तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं.
I will visit rural areas. People in rural areas are aware of the situation. We have constituted around 8000 rapid response teams for #COVID19 sample testing. We have also drawn plans for the third wave of coronavirus: Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath pic.twitter.com/9o703vCtTR
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 16, 2021
करीब 22 सौ 102 एंबुलेंस इमरजेंसी के दौरान महिलाओं और बच्चों के लिए डेडिकेट की गयी हैं. वहीं, सोमवार यानी 17 मई से शुरू हो रहे तीसरे चरण की वैक्सीनेशन ड्राइव में नगर निगमों और सभी कमिश्नरी मुख्यालयों में 18 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू किया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र से उत्तर प्रदेश में कोविड की स्थिति, कोविड के प्रबंधन और वैक्सीनेशन के बारे में बात हुई. बेड की उपलब्धता, ऑक्सीजन की आपूर्ति, हर एक व्यक्ति को निःशुल्क वैक्सीनेशन और जरूरतमंद को बेहतर उपचार करने पर प्रधानमंत्री ने जोर दिया है. वैक्सीनेशन वेस्टेज पर कैसे रोक लगे, इस पर भी बातें हुईं.
PM Modi today held a detailed discussion with Chief Minister Yogi Adityanath on COVID19 situation & vaccination.
During the discussion, received guidance from the PM on issues incl oxygen supply, free vaccination to every person & on how to stop vaccine wastage in the State: CMO pic.twitter.com/j7V0pJggaM
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 16, 2021
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 की दूसरी लहर को नियंत्रित करने के लिए ‘ट्रेस, टेस्ट एंड ट्रीट’ का एग्रेसिव कैंपेन पूरे प्रदेश में चलाया और परिणाम सामने है. गौतमबुद्ध नगर में 27 अप्रैल को 10,000 से ज्यादा पॉजिटिव केस आये थे और आज 400 से कम हैं. पिछले साल दो मार्च को जब प्रदेश में पहला केस आया था, उस समय हमारे पास ना तो जांच की क्षमता थी और ना कोई आइसोलेशन बेड था, जहां उपचार करा सकें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार अपने जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक तंत्र और संगठनों के साथ मिलकर आज प्रतिदिन 2.50 लाख टेस्ट कर रही है. प्रदेश में अब तक 4.50 करोड़ कोविड टेस्ट किये जा चुके हैं. सूबे में एल-2 एवं एल-3 फैसिलिटी के 80 हजार बेड्स मौजूद हैं, जहां पर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को उपचार की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है.
वैक्सीन को लेकर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार 45+ आयु वर्ग के हर व्यक्ति को मुफ्त में वैक्सीन उपलब्ध करा रही है. साथ ही 18 से 44 आयु वर्ग के प्रत्येक युवा को नि:शुल्क वैक्सीन उपलब्ध करा रही है. राज्य में अब तक वैक्सीन की 1.50 करोड़ डोज लगायी जा चुकी है. प्रदेश में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन एक मई से शुरू किया गया था.
पहले चरण में सात जिलों में वैक्सीनेशन शुरू किया गया, जहां एक्टिव केस ज्यादा थे. दूसरे चरण में प्रदेश के सभी नगर निगमों को जोड़ा गया है. सोमवार यानी 17 मई से तीसरे चरण की वैक्सीनेशन ड्राइव में नगर निगमों के साथ-साथ सभी कमिश्नरी मुख्यालयों में 18+ आयु वर्ग के लिए वैक्सीनेशन शुरू होगा. साथ ही 23 जनपदों में वैक्सीनेशन की कार्यवाही आगे बढ़ेगी.
ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण से निबटने के लिए प्रदेश सरकार ने व्यापक रणनीति दो मई से ही शुरू कर दी थी. हर ग्राम पंचायत में निगरानी समितियां बनायी गयी हैं. यह सभी स्क्रीनिंग समितियां 97,000 राजस्व गांवों को केंद्र में रख कर स्क्रीनिंग का कार्य कर रही हैं. यह निगरानी समितियां गांवों में कोविड-19 लक्षणयुक्त या संदिग्ध मरीजों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराती हैं. ऐसे मरीजों की सूची आईसीसीसी को उपलब्ध करायी जाती है और फिर आरआरटी संबंधित इलाकों में जाकर कोविड टेस्ट करती है.
प्रदेश में कोविड-19 मरीजों के लिए 1,500 डेडिकेटेड एंबुलेंस तैनात की गयी हैं. साथ ही, हमारे पास 350 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस भी हैं, जिनका उपयोग इस काम के लिए किया जा रहा है. कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर आने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है. थर्ड वेव पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने अभी से कार्य योजना बनानी शुरू कर दी है.
इसके लिए हर जिले में प्रशासन को महिलाओं और बच्चों के लिए डेडिकेटेड हॉस्पिटल अभी से तैयार करने के निर्देश दिये गये हैं. करीब 22 सौ 102 एंबुलेंस इमरजेंसी के दौरान महिलाओं और बच्चों के लिए डेडिकेट की गयी हैं. कोविड-19 की थर्ड वेव में बच्चों के चपेट में आने की आशंका व्यक्त की जा रही है. इसलिए हर एक जनपद और मेडिकल कॉलेज में पीडियाट्रिक आईसीयू तैयार करने के लिए कहा गया है.