लखनऊ. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान बुधवार को लखनऊ पहुंचे हुए है. इन दोनों प्रदेशों के सीएम ने यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात की है. मुलाकात के बाद दोनों नेता मीडियाकर्मियों से भी रूबरू हुए. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत मान ने केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली विधानसभा को लेकर लाए गए अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाने के लिए लखनऊ पहुंचे हुए है. इस दौरान सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि केंद्र सरकार का अध्यादेश लोकतंत्र के खिलाफ है.
भाजपा की सरकार केजरीवाल सरकार द्वारा शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कार्यों को देखकर डर गई है. इसलिए यह अध्यादेश लाई है. हम केजरीवाल सरकार का समर्थन करते हैं और राज्यसभा में अध्यादेश के खिलाफ वोट करेंगे. हमारे सभी सदस्य आम आदमी पार्टी के साथ हैं. केजरीवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला दिया है. जिसके तहत चुनी हुई सरकार के पास ही प्रशासनिक शक्तियां रहेंगी. लेकिन मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर दिल्ली सरकार की शक्तियां छीन ली है. हम अखिलेश यादव से समर्थन मांगने के लिए आया हूं. अगर राज्यसभा में भाजपा सरकार द्वारा लाया गया अध्यादेश गिर गया तो 2024 के लिए एक मजबूत संदेश जाएगा.
Also Read: कंपाउंडरी छोड़कर गैंगस्टर बने संजीव जीवा का अतीक की तरह हुआ अंत, पत्नी ने दो साल पहले सीजेआई को लिखा था पत्र
वहीं पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि केंद्र सरकार के काम करने का तरीका देश के संघीय ढांचे के खिलाफ है. राजभवन भाजपा के मुख्यालय बन गए हैं. जहां गैर भाजपा सरकारें हैं उन्हें राज्यपाल के जरिए परेशान किया जा रहा है. पंजाब में भी यही हो रहा है. समाजवादी पार्टी अध्यादेश के खिलाफ है. ऐसे में वह इस मुद्दे पर खुलकर आम आदमी पार्टी का साथ देगी. केजरीवाल से मुलाकात के बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्यसभा में अध्यादेख के खिलाफ वोट देने की बात कही. अखिलेश इस मामले में पहले भी आपत्ति जता चुके हैं. उन्होंने ट्वीट करके अध्यादेश को न्यायपालिका का अपमान बताया था.