Lucknow: उत्तर प्रदेश में बारिश के साथ-साथ डेंगू का खतरा बढ़ने लगा है. राजधानी लखनऊ में अलग-अलग क्षेत्रों में लगातार नए मरीज निकल रहे हैं. शनिवार को तीन नए डेंगू के मरीज पाए गए हैं. जिसमें एक पुरुष और एक महिला इंदिरा नगर में तो वहीं एक पुरुष अलीगंज में डेंगू से ग्रसित पाया गया है. पिछले 4 दिनों में 10 मरीज डेंगू से ग्रसित मिल चुके हैं.
स्वास्थ विभाग की टीम इस वक्त अलर्ट पर है और राजधानी के अलग-अलग जगहों पर पहुंचकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है. स्वास्थ्य विभाग ने लखनऊ के 388 घरों और उसके आसपास के क्षेत्रों में मच्छर जनित स्थितियों का सर्वेक्षण किया और 4 घरों में ऐसी स्थितियां पाए जाने पर उनको नोटिस भी सौंपा. उसके साथ ही मलेरिया के प्रकोप से बचने के लिए भी स्थानों का निरीक्षण किया गया है और लार्वा रोधी रसायनों का छिड़काव किया गया.
वहीं, बदायूं के म्याऊं ब्लॉक के गांव बिलहरी में चार दिन में एक महिला ग्राम पंचायत सदस्य समेत दो की मौत हो गई. मृतकों के परिजनों के अनुसार, उन्हें बुखार आया था, जिसके बाद उन्होंने दम तोड़ दिया. परिजन डेंगू बता रहे हैं. मृतकों में से दो लोगों को प्राइवेट लैब ने डेंगू पॉजिटिव की पुष्टि की है. इधर, गांव के कई अन्य लोगों को भी बुखार बताया जा रहा है. उझानी में भी दो लोगों की मौत हुई है.
दरअसल, पांच हजार की आबादी वाले बिलहरी गांव में बुखार ने अपने पैर पसार लिए हैं. दिनों-दिन मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. चार दिन पहले ग्राम पंचायत सदस्य यास्मीना (45) पत्नी आले नबी की मौत हो गई. परिजनों के अनुसार, उन्हें बुखार आया था.
परिजनों ने एक निजी चिकित्सक के यहां जांच कराई तो डेंगू पॉजिटिव बताया गया. शनिवार को गुलफशा (18) पुत्री इकरार और नबी खान की मौत हो गई. गुलफशा के परिजनों ने प्राइवेट लैब में जांच कराई थी, जिसमें उसे डेंगू पॉजिटिव बताया गया था. नबी खान के परिजनों ने बताया कि उसे तीन दिन पहले बुखार आया था. डॉक्टर को दिखाने के बाद भी बुखार नहीं उतरा.
शनिवार को उसने दम तोड़ दिया. संपन्न लोग तो अपना इलाज निजी चिकित्सकों के यहां करा रहे हैं लेकिन, गरीब तबके के लोग इलाज के अभाव में परेशान हैं. तमाम लोग मेडिकल स्टोर से बुखार की गोलियां लेकर काम चला रहे है. ग्रामीणों का कहना है कि गांव में गंदगी की भरमार है. जगह-जगह पानी भरा हुआ है जो बीमारियों का कारण बन रहा है.
ग्रामीणों ने डीएम से मांग की है कि कैंप लगाकर इलाज किया जाए. चिकित्साधीक्षक शुशान बनर्जी ने बताया कि उन्हें गांव में बीमारी फैलने की जानकारी हुई थी, जिसके बाद सोमवार को कैंप लगाया गया था. एक युवती की डेंगू से मौत होने की खबर मिली है. अब रविवार को गांव में कैंप लगाकर जांच के बाद दवा वितरण की जाएगी.
उझानी क्षेत्र के गांव सकरी जंगल निवासी हसीना (70) पत्नी रफी अहमद की शनिवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई. परिजनों के अनुसार हसीना कई दिनों से बीमार थीं. उन्हें बुखार आ रहा था, जिस पर उन्हें मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. शनिवार को उन्होंने दम तोड़ दिया. ग्रामीणों के अनुसार, गांव में कई अन्य लोग भी बीमार हैं.
इसके अलावा गांव की ही दिलवरी (16) पूत्री नूरहसन को भी तीन दिन पहले बुखार आया था. परिजन गांव में ही किशोरी का इलाज करा रहे थे. शनिवार रात दिलवरी ने भी दम तोड़ दिया. ग्रामीणों के अनुसार, गांव की रामबेटी (70), रजत (25) और उसकी मां राजरानी, सरिता देवी (25), अब्दुल हमीद (30), जोगेंद्र (30), सरला शर्मा (40) समेत कई लोग बीमार हैं.
डेंगू और मलेरिया से बचने के उपायों को लेकर के स्वास्थ्य विभाग ने गाइडलाइन जारी की है और लोगों से इसका पालन करने को कहा गया है.
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लोग अपने घर के आस-पास पानी जमा ना होने दें.
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पानी से भरे वह बर्तनों और टंकियों को ढक कर रखें.
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सप्ताह में एक बार अपने घर के कूलर को खाली कर साफ कपड़े से पोंछ कर सुखा पर दुबारा साफ पानी भरें.
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पूरी बांह के कपड़े पहनें.
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बच्चों को घर के बाहर गंदी जगहों पर ना जाने दें.
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सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें.
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मच्छर रोधी क्रीम लगाएं.
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बुखार आने पर डॉक्टर को दिखाएं और उसकी सलाह पर ही दवा लें.
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घर के आसपास या कहीं भी पानी न इकठ्ठा होने दें.
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डेंगू या मलेरिया के लक्षण होने पर सीधे अपने स्थानीय अस्पताल में जाएं और जांच कराएं.