देवरिया में परिवार के पांच सदस्यों की एक साथ जली चिता, भयावह दृश्य देख सहम गए लोग

देवरिया जमीनी विवाद हत्याकांड में एक ही परिवार के पांच सदस्यों समेत पूर्व जिला पंचायत सदस्य की हत्या कर दी गई थी. देर रात में जिला और पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच रामपुर कारखाना क्षेत्र के पटनवा घाट पर मृतक सत्य प्रकाश दुबे समेत पांच लोगों का अंतिम संस्कार कराया.

By Sandeep kumar | October 3, 2023 10:32 AM

देवरिया के रुद्रपुर क्षेत्र में जमीनी विवाद को लेकर सोमवार को दो पक्षों के बीच हुए खुनी संघर्ष में एक ही परिवार के पांच सदस्यों समेत पूर्व जिला पंचायत सदस्य की हत्या कर दी गई थी. देर रात में जिला और पुलिस प्रशासन ने कड़ी सुरक्षा के बीच रामपुर कारखाना क्षेत्र के पटनवा घाट पर मृतक सत्य प्रकाश दुबे समेत पांच लोगों का अंतिम संस्कार कराया. मृतक सत्य प्रकाश दुबे के बड़े बेटे देवेश दुबे ने अपने पिता, मां, भाई और बहन को मुखाग्नि दी.

वहीं, पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव को उसके नाबालिग पुत्र ने मुखाग्नि दी. इस दौरान पोस्टमॉर्टम हाउस से लेकर शमशान तक बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती थी. किसी तरह के टकराव से बचने के लिए जिला प्रशासन ने दोनों पक्षों के शवों को अलग अलग श्मशान में अंत्येष्टि कराई.


देर रात में हुई अंत्येष्टि

पोस्टमॉर्टम के बाद सबसे पहले पूर्व प्रधान और पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव का शव बाहर आया. इसके लिए अंत्येष्टि की व्यवस्था जिला प्रशासन ने कुर्ना नाला स्थित अन्त्येष्टि स्थल पर कर रखी थी. यहां पर प्रेमचंद यादव को उसके 13 वर्षीय पुत्र तेज प्रताप ने मुखाग्नि दी. वहीं सत्य प्रकाश दूबे के परिजनों के शवदाह के लिए प्रशासन ने रामपुर कारखाना थाना क्षेत्र के पटनवा पुल स्थित अंत्येष्टि स्थल ले जाया गया. जहां उनके बड़े पुत्र देवेश दूबे गर्ग ने सभी पांचों शवों को मुखाग्नि दी. इस दौरान देवेश लगातार बिलखता रहा उसे प्रशासन और पुलिस के लोग सांत्वना देते रहे.

Also Read: यूपी के देवरिया जमीनी विवाद में 6 लोगों की हत्या, गांव में तनाव का माहौल, पुलिस फोर्स और पीएसी तैनात
परिजनों के हत्यारों को फांसी हो- देवेश दुबे

सत्यप्रकाश दूबे के ज्येष्ठ पुत्र देवेश दुबे ने रोते बिलखते मांग की कि मेरे परिवार का सफाया करने वाले आरोपियों को फांसी की सजा हो. जिस तरह मेरा परिवार खत्म हो गया उसी तरह उनका भी सफाया हो. आज मेरे भाई जिसका नाम गांधी है, उसका जन्मदिन था, मैं पूजा करवाने बलिया गया था. इस दौरान उसके चेहरे पर खौफ साफ पढ़ा जा सकता था. साथ ही उन्होंने अपने और छोटे भाई के सुरक्षा की मांग की है.

Next Article

Exit mobile version