UP Election 2022: CM योगी और डिप्टी CM केशव प्रसाद के मुकाबले डिप्टी CM दिनेश शर्मा की छोटी कुर्सी पर उठे सवाल

सपा में शामिल होने के बाद चिल्लूपार से विधायक व बसपा से निष्कासित एवं हाल ही में सपा में आए विनय शंकर तिवारी ने ब्राह्मण उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा के बैठने के अनुचित स्थान को बनाया मुद्दा...

By Prabhat Khabar News Desk | December 16, 2021 8:42 PM
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Lucknow News: गुरुवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन था. इस बीच कई आवश्यक बिल पेश किए गए. अनुपूरक बजट भी पारित किया गया. विधानसभा सत्र के बाद ग्रुप फोटोग्राफी भी की गई. फोटो में उप-मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को छोअी कुर्सी दी गई थी. इसके विपरीत उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दो समान बड़ी कुर्सी पर बैठे. यह तस्वीर अब विवादों में आ गई है.

दरअसल, चिल्लूपार से विधायक व बसपा से निष्कासित विनय शंकर तिवारी ने हाल ही में समाजवादी पार्टी की सदस्यता को ग्रहण किया है. उन्होंने इस तस्वीर में डॉ दिनेश शर्मा को छोटी कुर्सी पर बैठाने को लेकर फेसबुक पर अपना दु:ख बयां किया है. उसके बाद से इस पोस्ट पर ब्राह्मणप्रेमियों का दर्द छलक आया है. सभी वर्तमान सरकार पर ब्राह्मण विरोधी होने का आरोप लगा रहे हैं. हालांकि, फेसबुक पर इस पोस्ट के वायरल होने के कुछ घंटे के बाद ही वह पोस्ट हटा दी गई.

उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट पर लिखा है, ‘आज विधानसभा सत्र के उपरांत ग्रूप फोटोग्राफी के वक्त का दृश्य देख कर अत्यंत पीड़ा हुई. सभी विधायकों के साथ दो बड़ी कुर्सियां लगीं थी, एक बड़ी कुर्सी पर स्वयं मुख्यमंत्री जी बैठे थे, दूसरी पर डिप्टी CM केशव मौर्य. वहीं, सरकार में ब्राह्मणों का एकमात्र चेहरा एवं बेहद सरल स्वभाव के इंसान पंडित दिनेश शर्मा जी को बराबर के ओहदे के बावजूद छोटी कुर्सी दी गयी. पंडित दिनेश शर्मा ने कभी किसी पद की लालसा नहीं की, इतने सरल और विनीत रहे कि सरकार में कभी हस्तक्षेप नहीं किया, और बदले में उन्हें ऐसा अपमान अक्सर झेलना पड़ता है. गोरखपुर में जब भाजपा के दिग्गज नेता पंडित उपेन्द्र शुक्ला का निधन हुआ तब मुख्यमंत्री जी छोड़िए, सरकार का एक प्रतिनिधि तक संवेदना व्यक्त करने नहीं गया. पंडित विवेक तिवारी और कमलेश तिवारी की दिनदहाड़े राजधानी में हत्या हो गयी, निष्पक्ष जाँच तक सुनिश्चित नहीं की गयी. एक दिन की ब्याही बहन ख़ुशी दुबे आज तक जेल में है. फर्रुखाबाद के अनुपम दुबे बिना क़सूर जेल में हैं. मेरे गृह जनपद गोरखपुर में उत्कर्ष शुक्ला की कूंच-कूंचकर हत्या कर दी गयी. ऊंचाहार में एक पूरे ब्राह्मण परिवार की हत्या कर दी गयी और इन सभी प्रकरणों में निष्पक्ष जांच तक कराने में सरकार की उदासीनता जगजाहिर है. आखिर ब्राह्मण समाज की ऐसी अनदेखी क्यूं? आखिर क्या गलती कर दी ब्राह्मण समाज ने जो उनके साथ लगातार सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. पंडित दिनेश शर्मा का अपमान समूचे समाज का अपमान है, और इस अपमान से आज पूरा प्रदेश प्रदेश आहत है.’

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