तकनीकी संस्थानों की प्रतिभाएं अपने ज्ञान व प्रतिभा का उपयोग गांवों के विकास में करें- केशव प्रसाद मौर्य
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि गांव के विकास की योजनाओं में अपने प्रोजेक्ट बनाकर तकनीकी प्रतिभायें अपना महत्व योगदान दे सकती हैं. ऐसी परियोजनाएं बनायें कि गांव में लोगों को रोजगार मिले और शहरों की ओर पलायन न हो, बल्कि शहरों से लोग गांव की ओर जाने के लिए लालायित हों.
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तकनीकी संस्थाओं की प्रतिभाओं का आह्वान किया है कि वे अपने ज्ञान और प्रतिभा का उपयोग गांव के विकास में करें और देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दें. वे शनिवार को लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उल्लास ग्लोबल थोमसों आईआईटी रुड़की के 75 वें स्थापना दिवस समारोह के द्वितीय सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने सर मोक्षगुण्डम विश्वेश्वरैया और भारत रत्न डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जैसे वैज्ञानिकों द्वारा देश के तकनीकी विकास में किए गए योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने अंतिम सांस तक देश के लिए अपनी प्रतिभा, दक्षता और क्षमता का उपयोग किया.
समारोह को संबोधित करते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि गांव के विकास की योजनाओं में अपने प्रोजेक्ट बनाकर तकनीकी प्रतिभायें अपना महत्व योगदान दे सकती हैं. ऐसी परियोजनाएं बनायें कि गांव में लोगों को रोजगार मिले और शहरों की ओर पलायन न हो, बल्कि शहरों से लोग गांव की ओर जाने के लिए लालायित हों.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा केंद्र में और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में किए जा रहे ग्रामीण विकास के कार्यों की चर्चा करते हुए केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा क्षेत्रों में अमृत सरोवर के रूप में तालाबों का विकसित किए जाने का लक्ष्य रखा गया है. इसी तरह से छोटी-छोटी नदियों के पुनरुद्धार, जल निकासी, वाटर रिचार्जिंग आदि के भी कार्य कराए जा रहे हैं. इसमें यदि तकनीकी ज्ञान भी समाहित हो जाएगा तो और अच्छा काम होगा.
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डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा पोषाहार बनाने और राशन की दुकानों का संचालन का कार्य समूहों द्वारा काफी हद तक प्रदेश में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इंजीनियर अपनी प्रतिभा से भारत को नंबर एक बनाने का संकल्प लें और अपनी क्षमता को देश के लिए लगाएं. आज लाभार्थीपरक परियोजनाओं में धनराशि सीधे लाभार्थियों के खातों में जा रही है. यह किसी न किसी रूप में आपकी अभूतपूर्व प्रतिभा के कारण संभव हो सका है.
आईआईटी रुड़की के 175 वें स्थापना दिवस समारोह के प्रथम दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. कार्यक्रम में वरिष्ठ आईआईटीयंस ने अपनी रंगमंचीय प्रतिभा का प्रदर्शन किया. डीआरएम लखनऊ सुरेश सापरा ने साठ के दशक के पुराने फिल्मी गीतों की धुन छेड़कर माहौल बनाया, तो वहीं उनकी पत्नी नीतू सापरा ने धमाकेदार नृत्य प्रस्तुति देकर सभी का दिल जीत लिया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि विश्व के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में एक आईआईटी रुड़की के छात्रों को देश की प्रगति में योगदान देना चाहिए.
कार्यक्रम के दौरान सायंकाल में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए, जिसमें पुराने छात्रों एवं उनके परिवार द्वारा तैयार कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए. परम्परागत पोशाक पहने हुए रुड़की के इंजीनियर्स ने जब कव्वाली गाई, तो पूरा हाल झूम उठा. कार्यक्रम में पुराने छात्रों के छोटे बच्चों की प्रस्तृतियां भी बहुत पसंद की गईं.