लखनऊ में दिवाली की रात हुए तेज आवाज वाले आतिशबाजी से कुत्ते भी हमलावर हो गए. शहर में करीब 200 लोगों पर कुत्तों ने हमला कर दिया. इसमें 30 प्रतिशत बच्चे हैं. सरकारी अस्पतालों की ओपीडी-इमरजेंसी में एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाने के लिए लोग लगातार आते रहे. बलरामपुर अस्पताल में सोमवार-मंगलवार को अस्पताल की ओपीडी व इमरजेंसी में 112 लोग एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंचे. इसमें 40 लोगों को इमरजेंसी में इंजेक्शन लगा. जबकि 72 लोगों को ओपीडी में वैक्सीन लगी. वहीं लोकबंधु अस्पताल में बीते चौबीस घंटे में 20 केस डॉग बाइट के पहुंचे. सिविल अस्पताल में 40 लोग डॉग बाइट के पहुंचे. वहीं बीआरडी महानगर में आठ मरीज एंटी रैबीज की वैक्सीन लगवाने पहुंचे. इसके अलावा सीएचसी स्तर पर करीब 20 से अधिक मामले डॉग बाइट के पहुंचे. विशेषज्ञों का कहना है पटाखों के तेज धमाके से कुत्ते सहम जाते हैं. वह कहीं छिपकर बैठ जाते हैं उनके पास जाकर चिल्लाने या भागने पर वह हमलावर हो जाते हैं. वहीं दिवाली पर इस दफा पटाखों के धूम-धड़ाके से करीब 200 लोग झुलसकर अस्पताल पहुंचे. सभी को उपचार देकर घर भेज दिया गया है. डॉक्टरों का कहना है जो भी लोग पटाखों से झुलसे थे उसमें अधिकतर लोगों ने देशी अनार व मेहताब का प्रयोग किया था. इसमें अधिकतर हाथ में पटाखे छुड़ाते वक्त हादसा हुआ है. इनमें 10 मरीजों की हालत गंभीर बनी हुई है. केजीएमयू, बलरामपुर, लोहिया, सिविल व लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया गया. पिछले साल 150 घायल अस्पताल पहुंचे थे. इस दफा आंकड़ा अधिक पहुंचा है.
केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर में दिवाली की रात व सोमवार को पटाखे में जख्मी 27 लोगों को भर्ती किया गया है. ट्रॉमा सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी का कहना है कि पटाखे जलाते समय जख्मी लोगों को इलाज मुहैया कराया गया है. हालत में सुधार के बाद सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया है. वहीं लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में 20 से ज्यादा पटाखे से झुलसे लोगों को भर्ती किया गया है. वहीं चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि सभी मरीजों को प्राथमिक इलाज घर भेज दिया गया. सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ.राजेश श्रीवास्तव ने बताया पटाखों से झुलसे 59 लोग अस्पताल की इमरजेंसी में आए थे. इसमें एक बच्चे का अनार हाथ में फटने से गंभीर रूप से झुलस गया था, जिसे केजीएमयू रेफर किया गया था. उन्होंने कहा कि नौ लोगों के हाथ, चेहरे व छाती गंभीर रूप से जल गए थे. उनके शरीर के अन्य हिस्सों पर थर्ड-डिग्री जलने की गंभीर चोटों के कारण उन्हें बर्न वार्ड में भर्ती कराया गया था. बाकी 50 मरीजों को प्राथमिक इलाज के बाद घर भेज दिया गया था.
वहीं लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि पटाखे से झुलसे करीब 30 लोग इमरजेंसी में आए थे. मरीजों को इलाज मुहैया कराया गया. हालत में सुधार के बाद मरीजों सभी को घर भेज दिया गया था. वहीं बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी का कहना है कि पटाखे से झुलसे 25 लोग इमरजेंसी पहुंचे थे. इनमें 10 लोगों ने पटाखे जलाने से आंखों में जलन की शिकायत थी. दो मरीजों की हालत गंभीर थी, जिन्हें हायर सेंटर भेजा गया. दो मरीजों के हाथ, छाती, चेहरे पर चोट आई थी. जिन्हें 14 को टांके लगाए गए. वहीं महानगर स्थित भाऊराव देवरस अस्पताल की इमरजेंसी में 24 घंटे के भीतर 12 पीड़ितों को झुलसे और चार मरीजों की आंखों में चोट लगने पर इमरजेंसी लाया गया. चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनीष शुक्ला के मुताबिक प्राथमिक इलाज के बाद सभी को डिस्चार्ज कर दिया गया है.