डॉन मुख्तार अंसारी की अवैध इमारत को प्रशासन ने किया जमींदोज, वसूली जायेगी तोड़फोड़ की राशि, अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे उमर और अब्बास की दो मंजिला इमारत को लखनऊ प्रशासन ने गुरुवार की सुबह ध्वस्त कर दिया. इस मौके पर लखनऊ प्रशासन के साथ 200 से ज्यादा पुलिस प्रशासन के अधिकारी और कर्मी मौजूद थे.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के बेटे उमर और अब्बास की दो मंजिला इमारत को लखनऊ प्रशासन ने गुरुवार की सुबह ध्वस्त कर दिया. इस मौके पर लखनऊ प्रशासन के साथ 200 से ज्यादा पुलिस प्रशासन के अधिकारी और कर्मी मौजूद थे.
Gangster Mukhtar Ansari's illegally owned property demolished near Dalibagh Colony. Expenses of demolition will be recovered from him. FIR will be registered. Responsibility of officials under whom this illegal construction took place will be fixed: Lucknow Administration pic.twitter.com/3mmtre2s6p
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 27, 2020
इस बाबत लखनऊ प्रशासन ने कहा है कि लखनऊ की डालीबाग कॉलोनी के पास गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की अवैध रूप से स्वामित्व वाली संपत्ति को ध्वस्त कर दिया गया है. साथ ही तोड़फोड़ के खर्चे बरामद किये जायेंगे. प्राथमिकी भी दर्ज की जायेगी.
लखनऊ प्रशासन ने कहा है कि जिन अधिकारियों के अधीन यह अवैध निर्माण हुआ है. उनकी जिम्मेदारी भी तय की जायेगी. बताया जाता है कि करीब आठ हजार स्क्वॉयर फीट में अवैध तरीके से इमारत का निर्माण किया गया था.
लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी (एलडीए) ने इमारत गिराने के पहले नोटिस भेज कर स्पष्टीकरण की मांग की थी. लेकिन, आरोपितों की ओर से स्पष्टीकरण नहीं दिये जाने के बाद गुरुवार को एलडीए के अधिकारियों के नेतृत्व में इमारत को गिरा दिया गया.
एलडीए ने पूरी इमारत को जमींदोज कर दिया. इस दौरान एलडीए के अधिकारियों के साथ-साथ भारी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद थे. साथ ही तोड़फोड़ के लिए दर्जनभर से ज्यादा जेसीबी को बुलाया गया था. इसके बाद कार्रवाई को अंजाम दिया गया.
न्यूज एजेंसी ‘भाषा’ के मुताबिक, सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि ध्वस्त किये गये दो टॉवर हैं, जो निष्क्रांत संपत्ति पर बने थे. विभाजन के समय जो लोग भारत छोड़ कर पाकिस्तान चले गये थे, उनकी जो भूमि यहां थी, उसे निष्क्रांत श्रेणी में रखा गया था. उन्होंने बताया कि उक्त निर्माण का नक्शा एलडीए ने स्वीकृत नहीं किया था.