डॉ. शकुंतला मिश्र विवि के 8वें दीक्षांत में दिखी प्रतिभा की उड़ान, राज्यपाल बोलीं-दिव्यांग जुड़े मुख्यधारा से

राज्यपाल ने कहा कि टोक्यो पैरालंपिक में प्राप्त हुए 12 पदक आपके आत्मविश्वास, लगन निरंतर प्रैक्टिस का परिणाम हैं. उन्होंने कहा कि हमारा देश युवाओं का देश है. युवाओं से समृद्ध हर देश में तीन चीजेंं बहुत मान्य रखती हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 29, 2021 5:18 PM

Dr. Shakuntala Mishra University Convocation : डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का सोमवार को आठवां दीक्षांत समारोह मनाया गया. बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसमें शिरकत दर्ज कराते हुए कहा, ‘डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय ऐसे विद्यार्थियों की शिक्षा एवं योग्यता को उत्कृष्ट कर रहा है जो अपनी कुछ अक्षमताओं के रहते हुए भी अपनी क्षमताओं का विस्तार कर रहे हैं.’

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राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह पर कहा, ‘दीक्षांत समारोह के सुनहरे पल विद्यार्थियों के साथ ही विश्वविद्यालय परिवार के लिए भी सदैव स्मरणीय रहते हैं. मुझे प्रसन्नता है कि यह विश्वविद्यालय दिव्यांग छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक उच्च-शिक्षा, प्रशिक्षण एवं पुनर्वास के माध्यम से समाज और विकास की मुख्य धारा में जोड़कर उन्हें प्रगति-पथ प्रदान कर रहा है.’

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राज्यपाल ने कहा कि टोक्यो पैरालंपिक में प्राप्त हुए 12 पदक आपके आत्मविश्वास, लगन निरंतर प्रैक्टिस का परिणाम हैं. उन्होंने कहा कि हमारा देश युवाओं का देश है. युवाओं से समृद्ध हर देश में तीन चीजें बहुत मान्य रखती हैं, पहला-आइडिया और इनोवेशन, दूसरा- जोखिम लेने का जज्बा, तीसरा- किसी भी काम को पूरा करने की जिद. आप सबको भी इन तीनों चीजों को साथ लेकर आगे बढ़ते हुए रचनात्मक कार्य करने हैं.

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कुलाधिपति ने कहा कि आप सब आज यहां से उपाधि प्राप्त करके सामाजिक जीवन में अग्रसर हो जाएंगे. इसलिए अब आपको समाज व देश के लिए कुछ करना है. पिछले दिनों देश में 12वां अंगदान दिवस मनाया गया. उन्होंने कहा, ‘मैं आप सभी से अपेक्षा करती हूं कि जरूरतमंद व्यक्तियों के जीवन को बचाने के लिए मृत्यु के बाद अंगदान जैसे सामाजिक कार्यों से लोगों को जोड़ना चाहिए. आज युवा और बड़ों को देहदान, अंगदान व रक्तदान के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने की जरूरत है.

इस अवसर पर दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के मंत्री अनिल राजभर ने दिव्यांगजनों के लिए प्रदेश में चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाएं पर प्रकाश डाला एवं उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की. वहीं, समारोह में मुख्य अतिथि एवं भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के प्रो. विक्रम कुमार ने कहा कि पिछले दो दशकों में हमारे देश ने महत्वपूर्ण प्रगति की है लेकिन हमारे समाज में समस्याएं हैं. इनमें और अधिक सुधार होना चाहिए. स्वच्छ भारत अभियान पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हम अपनी व्यक्तिगत सफाई और स्वच्छता का बहुत ध्यान रखते हैं.

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इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा कृष्णा पाल सिंह ने बताया कि दीक्षांत समारोह में कुल 145 पदक वितरित किए गए. इसमें 53 स्वर्ण पदक, 46 रजत पदक तथा 46 कांस्य पदक थे. कुल 145 पदकों में से 77 पदक छात्राओं ने तथा 68 पदक छात्रों को दिए गए. उन्होंने बताया कि कुल 145 पदकों में से 12 दिव्यांग विद्यार्थियों को 16 पदक दिए गए. इसमें 4 बालिकायें तथा 8 बालक शामिल हैं. अष्टम दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय द्वारा कुल 1626 विद्यार्थियों को उपाधियां दी जानी हैं, जिनमें 774 छात्राएं तथा 852 छात्र हैं.

इस अवसर पर राज्यपाल ने राजकीय स्पर्श विद्यालय की दृष्टिबाधित 30 बालिकाओं तथा बचपन डे-केयर सेंटर की पांच बालिकाओं को फल एवं मिष्ठान का वितरण किया तथा विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा तथा कौन बनेगा करोड़पति टीवी शो में एक करोड़ रुपए जीतने वाली हिमानी बुंदेला को सम्मानित किया. इस कार्यक्रम में दिव्यांगजन विभाग के अपर मुख्य सचिव हेमंत राव, विश्वविद्यालय के सामान्य परिषद, कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्य एवं अधिष्ठाता एवं विश्वविद्यालय के शिक्षकगण, अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण राजकीय स्पर्श विद्यालय के दिव्यांग बच्चे आदि उपस्थित थे.

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