लखनऊ: डीएसपी जिया उल हक (DSP Jia Ul Haque) हत्याकांड की जांच करने के लिए सीबीआई की टीम कुंडा प्रतापगढ़ पहुंची है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सीबीआई को जांच के आदेश दिये हैं. इस मामले में राजा भैया का नाम आया था और उन्हें मात्र तीन महीने में ही जांच के बाद क्लीन चिट दे दी गयी थी. साथ ही जांच भी बंद कर दी गयी थी. जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा तो सीबीआई को राजा भैया के संलिप्तता के जांच के आदेश दिये गये.
सूत्रों के अनुसार बुधवार शाम को पांच सदस्यीय टीम कुंडा पहुंची थी. इसके बाद उन्होंने बलीपुर गांव और हथिगवां थाने से इस हत्याकांड से जुड़ी जानकारी ली. सीबीआई की टीम लगभग दो घंटे तक वहां रही. इस दौरान स्थानीय लोगों से बात भी की गयी. देर शाम टीम वापस प्रतापगढ़ लौट गयी. बताया जा रहा है कि राजा भैया को भी इस मामले में पूछताछ के लिये बुलाया जा सकता है.
इस मामले में राजा भैया के करीबी रहे गुलशन यादव, रोहित, संजय सिंह, हरिओम श्रीवास्तव से भी पूछताछ हो सकती है. समाजवादी पार्टी की सरकार के समय हुए इस हत्याकांड के बाद तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने इस मामले में केंद्र से सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. सीबीआई ने मात्र तीन माह में ही जांच पूरी करके राजा भैया को क्लीन चिट दे दी थी.
डिप्टी एसपी जिया उल हक मामले में ट्रायल कोर्ट ने सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज कर दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी थी. इस पर डिप्टी एसपी की पत्नी परवीन आजाद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने फिर से मामले की जांच शुरू की है.पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि पहले डीएसपी जिया उल हक को लाठियों से पीटा गया. इसके बाद उन्हें गोली मार दी गयी. रिपोर्ट के अनुसार दो गोली पैरों में और एक सीने में लगी थी. इस हत्याकांड का आरोप समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया पर लगा था.
इस मामले में डिप्टी एसपी जिया उल हक की पत्नी परवीन आजाद ने याचिका दाखिल की थी कि सीबीआई ने हत्याकांड की जांच में कई महत्वपूर्ण तथ्यों की अनदेखी की है. जबकि परवीन आजाद ने पुलिस से जो शिकातय की थी, उसमें राजा भैया सहित उनके साथियों का नाम लिया गया था.
डिप्टी एसपी जिया उल हक मामले में राजा भैया का लाई डिटेक्टर टेस्ट भी हुआ था. इसके साथ उनके रिश्तेदार अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी से भी पूछताछ की गयी थी. बताया जा रहा है कि राजा भैया ने स्वयं लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने का अनुरोध किया था. घटना के पांच महीने बाद जुलाई 2013 में उनका लाई डिटेक्टर टेस्ट हुआ था. इसमें कोई खास परिणाम नहीं निकलने पर सीबीआई ने राजा भैया को क्लीन चिट दे दी थी और क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर थी लेकिन उनकी पत्नी परवीन आजाद ने इस मामले को आज भी जिंदा रखा हुआ है.
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