Dudhwa Tiger Reserve : बाघों की मौत को लेकर समिति ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट, वन मंत्री ने कही ये बड़ी बात

दुधवा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश (भारत) के लखीमपुर खीरी जनपद में स्थित संरक्षित वन क्षेत्र है. यह भारत और नेपाल की सीमाओं से लगे विशाल वन क्षेत्र में फैला है. यह उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा एवं समृद्ध जैव विविधता वाला क्षेत्र है. राष्ट्रीय उद्यान बाघों और बारहसिंगा के लिए विश्व प्रसिद्ध है.

By अनुज शर्मा | July 9, 2023 5:53 PM

लखनऊः दुधवा टाइगर रिजर्व में अप्रैल से जून के बीच हुई 4 बाघों की मौत मामले की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंप दी गई है.जांच रिपोर्ट में दो बाघों की मौत आपसी संघर्ष में होने की बात कही गई है.दो बाघों की मौत संक्रमण से हुई थी.मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद सरकार ने एक जांच समिति का गठन किया था. इस समिति ने जांच पूरी की शासन को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. समिति ने अपनी रिपोर्ट में बाघों की मौतों को जानवरों के बीच की ‘अंदरूनी लड़ाई’ से जोड़ा है. बाघों की मौत के बाद, डीटीआर क्षेत्र निदेशक के साथ-साथ कई अन्य वन अधिकारियों को भी उनके संबंधित पदों से स्थानांतरित कर दिया गया था.

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21 अप्रैल से 9 जून के बीच चार बाघों की मौत की जांच हुई

इस साल 21 अप्रैल से 9 जून के बीच चार बाघों की मौत की सूचना सरकार को मिली थी. इसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए थे. उत्तर प्रदेश के वन मंत्री अरुण सक्सेना बाघों की मौत की जांच के लिए बने इस जांच दल का नेतृत्व कर रहे हैं. मंत्री ने कहा कि मौत की सूचना मिलने के बाद वे डीटीआर में पहुंचे थे. मुख्य रूप से बाघों की की निगरानी और गश्त में खामियों की बात सामने आई थी. समिति ने जांच में पाया कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है. जानवरों के बीच ‘अंदरूनी लड़ाई’ के कारा बाघों की मौत हुई.

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निगरानी और गश्त के लिए वन रक्षकों की 

समिति ने ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निगरानी और गश्त के लिए वन रक्षकों की आवश्यकता का सुझाव दिया है. दावा किया कि वन रक्षकों के 70% स्वीकृत पद खाली हैं जबकि वनपाल के 50% पद भी खाली हैं. हाल ही में 9 जून को दो वर्षीय बाघिन की मौत की सूचना मिली थी. हालांकि उसकी मृत्यु 3 जून को हुई. इससे पूर्व चार वर्षीय बाघ की 31 मई को और दो वर्षीय बाघ की 21 अप्रैल को मृत्यु हो गई थी. सरकार ने इन मौतों की जांच के दौरान वन अधिकारियों और स्थानीय लोगों के बयानों को भी रिकार्ड में लिया है.

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