सौतेली बेटी से किया दुराचार, कोर्ट ने 26 दिन में दिया दुराचारी पिता को आजीवन कारावास की सजा का फैसला
अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश (POCSO अधिनियम के तहत गठित) की अदालत ने रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस साल 18 मई को जिस शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, उस पर 80,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया.
लखनऊ. मथुरा की एक अदालत ने बुधवार को एक व्यक्ति को अपनी 10 वर्षीय सौतेली बेटी से बलात्कार के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई.अतिरिक्त जिला और सत्र न्यायाधीश (POCSO अधिनियम के तहत गठित) की अदालत ने उस पर 80,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. इस साल 18 मई को इस शख्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
17 मई को दर्ज कराई थी एफआइआर
विशेष जिला सरकारी वकील अलका उपमन्यु ने कहा कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम किशोर यादव ने सजा का आदेश पारित किया और आरोपी को अपनी नाबालिग सौतेली बेटी से बलात्कार का दोषी ठहराया. सरकारी वकील ने बताया कि अपनी शिकायत में लड़की की मां ने अपने पति महेंद्र सिंह पर 17 मई को एक दूरस्थ स्थान पर उसकी बेटी के साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था. ” इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) और महेंद्र सिंह के खिलाफ POCSO अधिनियम की धारा 5 एम/6 के तहत मामला दर्ज किया गया था.
फरह पुलिस ने 12 जून को आरोप पत्र दाखिल किया
अलका उपमन्यु ने बताया कि मामले में फरह पुलिस ने 12 जून को आरोप पत्र दाखिल किया था. अदालत ने 26 कार्य दिवसों के भीतर आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी.कोर्ट का यह फैसला सबसे कम समय में दिए जाने वाले फैसलों में एक माना जा रहा है.