यूपी में कोरोना से आठ और मौतें, कुल आंकड़ा हुआ 283
त्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से आठ और लोग की मौत होने के साथ ही कोविड—19 से मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 283 हो गयी है.
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण से आठ और लोग की मौत होने के साथ ही कोविड—19 से मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 283 हो गयी है. प्रमुख सचिव (चिकित्सा एवं स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में अब तक कुल 283 लोग की मौत कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से प्रदेश में हुई है जबकि 6,344 लोग उपचार के बाद संक्रमण मुक्त होकर अस्पतालों से छुटटी पा चुके हैं. रविवार को प्रदेश में 13, 236 नमूनों की जांच की गयी जो अब तक का सबसे अधिक आंकड़ा है. उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि बहुत जल्द हम इसे 15 हजार पर लेकर आयें.
उन्होंने बताया कि रविवार को ही पूल टेस्टिंग के माध्यम से पांच-पांच नूमनों के 1,113 पूल लगाये गये, जिनमें से 113 पूल पॉजिटिव निकले. दस-दस नमूनों के कुल 183 पूल लगाये गये, जिनमें से 21 पूल संक्रमित मिले. यूपी में जमात के जिन लोगों पर की गयी थी कार्रवाई, लगभग सभी छोड़े गयेलखनऊ. कोविड-19 को लेकर सुर्खियों में रहे जमात के जिन लोगों पर उत्तर प्रदेश में कार्रवाई की गयी थी, उनमें से लगभग सभी को छोड़ दिया गया है, लेकिन जिनके खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं, वे अदालत के निर्देश पर ही रिहा किये जायेंगे. अपर मुख्य सचिव (गृह एवं सूचना) अवनीश कुमार अवस्थी ने सोमवार को कहा कि जो भी हमारे यहां पूर्व में जमात के लोगों पर कार्रवाई की गयी थी.
लगभग सबको छोड़ दिया गया है. उन्होंने बताया कि केवल जिनके खिलाफ मुकदमे दर्ज थे, वे अदालत के निर्देश पर ही छूटेंगे. उन्होंने कहा कि विदेशी नागरिकों पर मुकदमा जब तक खत्म नहीं हो जाता, तब तक कार्रवाई जारी रहेगी. अपना बयान वापस लें केजरीवाल : केशव मौर्य लखनऊ. दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में सिर्फ शहर के निवासियों का इलाज होना चाहिए, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की इस हालिया घोषणा को लेकर उनकी आलोचना करते हुए उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को कहा कि केजरीवाल को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए.
मौर्य ने सोमवार को कहा कि बात जहां तक चिकित्सा सुविधाएं देने की है, उसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. मैं समझ नहीं पा रहा हूं कि आखिर अरविंद केजरीवाल ने ऐसा बयान कैसे दिया? उन्हें तुरंत अपना बयान वापस लेना चाहिए क्योंकि चिकित्सा पाना देश के प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है. यहां यह मायने नहीं रखता कि वह कहां रहता है और उसका इलाज कहां हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह आपदा का समय है और इस समय इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए. मुझे उम्मीद है कि वह अपना बयान वापस लेंगे और इसके लिए माफी मांगेंगे.
Posted by : Pritish Sahay