उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर सियासी गहमागहमी तेज हो चुकी है. सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे 10 मार्च को निकलेंगे. ऐसे में अब भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission) कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए कोई रिस्क लेना नहीं चाहता है. जिसके बाद आयोग ने एक बैठक का आयोजन कर चुनावी रैलियों, जुलूस और रोड शो पर पाबंदियां जारी रखी है.
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने आज सभी आयुक्त और उपायुक्त के साथ एक बैठक आयोजित किया. इस बैठक में उच्च अधिकारी और पांचों चुनावी राज्यों के मुख्य निर्वाचन आयुक्तों ने भी बैठक में हिस्सा लिया. बैठक में चुनावी रैलियों और रोड शो पर पाबंदियां जारी रखने का फैसला लिया गया. हालांकि निर्वाचन आयोग ने इस दौरान सियासी दलों को प्रचार में थोड़ी छूट दी है. आपको बता दें कि इससे पहले आयोग ने इंडोर बैठकों में अधिकतम 300 लोगों या हॉल की 50 फीसदी क्षमता के साथ बैठक की अनुमति दी थी.
कहा यह भी जा रहा है कि अगर पहले चरण के चुनाव का प्रचार इस बार भी 72 घंटे पहले खत्म होगा, तो उम्मीद है कि इससे संभवत: एक सप्ताह पहले चुनावी रैली पर लगी पाबंदी को खत्म कर दिया जाएगा. इसके अलावा आयोग की ओर से कई और छूट भी मिल सकती है.
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सूत्रों की मानें तो मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने कहा कि चुनाव आयोग उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा जो उल्लंघन के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहते हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव या जिला मजिस्ट्रेट व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार होंगे कि सभी कोविड से संबंधित सभी प्रोटोकॉल की पालन किया जाए. चुनाव आयोग ने डोर-टू-डोर अभियानों के लिए अनुमति देने वाले व्यक्तियों की संख्या को पांच तक सीमित कर दिया गया है.
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Posted By Ashish Lata