UP Chunav 2022: हैदर अली खान कौन हैं? जो रामपुर की स्वार सीट पर अब्दुल्लाह आजम खान को देंगे टक्कर

UP Chunav 2022: रामपुर की स्वार सीट से बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल (सोनेलाल) ने हैदर अली खान को टिकट दिया है. हैदर अली सपा सांसद आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान केखिलाफ चुनाव लड़ेंगे.

By Prabhat Khabar News Desk | February 12, 2022 8:00 PM

UP Vidhan Sabha Chunav 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दूसरे चरण का मतदान 14 फरवरी को होना है. इस चरण में रामपुर की स्वार सीट पर भी वोट डाले जाएंगे. यहां से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और रामपुर से सांसद मोहम्मद आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम खान चुनावी मैदान में हैं. उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) ने हैदर अली खान को प्रत्याशी बनाया है. हैदर अली पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नावेद मियां के पुत्र हैं.

कांग्रेस से रहा रामपुर के नवाब का खास नाता

स्वार सीट से अपना दल (सोनेलाल) के प्रत्याशी हैदर अली खान का परिवार कांग्रेसी रहा है. उनके पिता व पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खान रामपुर शहर विधानसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार हैं. हैदर अली का कांग्रेस छोड़ना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.

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पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं हमजा मियां

हैदर अली खान को हमजा मियां भी कहा जाता है. वह पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं. उनसे पहले नवाब खानदान की दो पीढ़िया चुनाव लड़ चुकी हैं. हमजा मियां बीजेपी गठबंधन के अकेल मुस्लिम प्रत्याशी हैं. उनके पिता नावेद मियां लगातार पांच बार विधायक रहे. उन्हें प्रदेश सरकार में मंत्री भी बनाया गया. वहीं, नावेद मियां के पिता जुल्फिकार अली खां उर्फ मिक्की मियां पांच बार तो मां बेगम नूरबानों दो बार लोकसभा के लिए चुनी गईं.

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कभी भाजपा का गढ़ थी रामपुर की स्वार सीट

स्वार विधानसभा सीट कभी बीजेपी का गढ़ मानी जाती थी. इस सीट से बीजेपी के शिव बहादुर सक्सेना ने चार बार जीत हासिल की थी. बाद में यह सीट नवाब खानदान का मजबूत किला बनकर उभरी. इसे भेद पाना बीजेपी के लिए मुश्किल भरा रहा. वक्त गुजरा और स्वार विधानसभा सीट पर आजम खान के परिवार का दबदबा दिखने लगा. आजम खान के बेटे अब्दुल्लाह आजम ने 2017 में यहां से जीत हासिल की थी.

बिना विधायक के है स्वार की विधानसभा सीट

मोहम्मद अब्दुल्लाह आजम खान समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बनने के दो साल बाद उम्र विवाद में ऐसे फंसे कि उनकी सदस्यता चली गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नवाब काजिम अली खान की याचिका पर सुनवाई करते हुए अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद्द कर दिया था. उस वक्त से स्वार सीट पर कोई विधायक नहीं है.

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2012 और 2017 में बीजेपी को मिली शिकस्त

2017 के विधानसभा चुनाव में अब्दुल्लाह आजम खान ने सपा के टिकट पर चुनाव लड़ा. उस चुनाव में अब्दुल्लाह आजम खान ने एक लाख से ज्यादा वोट पाकर बीजेपी प्रत्याशी लक्ष्मी सैनी को करारी शिकस्त दी. जबकि, 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नवाब कासिम अली खान उर्फ नावेद मियां ने बीजेपी के ही लक्ष्मी सैनी को हराने में सफलता हासिल की. तमाम कोशिशों के बावजूद 2017 और 2012 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को स्वार विधानसभा सीट से जीत हासिल नहीं हो सकी है.

Posted By: Achyut Kumar

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