यूपी में बिजली कनेक्शन लेना हुआ आसान, झटपट पोर्टल से आवेदन की सुविधा
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के निर्देश के बाद अब विद्युत कनेक्शन लेना आसान हो गया है. एलटी नेटवर्क पर 50 किलोवाट भार तक का घरेलू या वाणिज्यिक कनेक्शन लेने की प्रक्रिया को आसान बनाया गया है.
लखनऊ: यूपी में बिजली उपभोक्ताओं के लिये एलटी नेटवर्क (440 volt-03 फेज तक) पर 50 kW/56 kVA भार तक का घरेलू या वाणिज्यिक संयोजन / कनेक्शन लेने की प्रक्रिया बिल्कुल आसान बना दी गई है. विभाग के झटपट पोर्टल पर जाकर त्वरित बिजली कनेक्शन लिया जा सकता है. ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने उपभोक्ताओं से कनेक्शन के लिए https://jhatpat.uppcl.org का प्रयोग करने की अपील की है.
ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि यदि आवेदक का परिसर मेन एलटी लाइन के अंतिम पोल से 40 मीटर या उससे कम दूरी पर है तो आवेदक से कनेक्शन के लिए कोई धनराशि नहीं ली जायेगी. मीटर की क़ीमत आवेदक को देनी होगी. आर्मर्ड सर्विस केबल आवेदक स्वयं ला सकता है, अथवा विभाग केबल लगाकर मीटर के साथ उसकी क़ीमत भी अगले बिल में जोड़कर लेगा.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यदि आवेदक का परिसर एलटी लाइन के अंतिम पोल से 40 मीटर से अधिक दूर है तो पोल से परिसर तक विद्युत तंत्र विकसित करने का खर्च आवेदक को देना होगा. इसमें यदि विद्युत तंत्र (परिवर्तक इत्यादि) के उच्चीकरण या क्षमता वृद्धि का कार्य आवश्यक हो तो वह डिस्कॉम ही वहन करेगा. न्यू कनैक्शन के संबंध में यह भी स्पष्ट किया गया है कि आवेदक प्राक्कलन (Estimate) धनराशि जमा करने के बाद या औपचारिकताएँ पूर्ण होने के बाद संयोजन नहीं देने के लिए विद्युत कर्मी द्वारा कोई भी बहाने बाज़ी स्वीकार्य नहीं होगी।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशानुसार हर आवेदक को बिजली कनेक्शन अवश्य दिया जाना है. किसी कारणवश कनेक्शन नहीं देने का निर्णय सिर्फ़ अधिशासी अभियंता के स्तर से ही होगा. इसके अलावा उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखकर पावर कारपोरेशन ’विद्युत विभाग आपके द्वार’ अभियान भी चला रहा है. अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए निगम मुख्यालय से 193 नोडल अधिकारी बनाए गए हैं.
ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा के निर्देश पर उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर सितंबर माह से पूरे प्रदेश में ‘विद्युत विभाग आपके द्वार’ अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान के सफल एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिये मुख्यालय स्तर से निदेशक (वित्त/आई0टी0/वाणिज्य/वितरण) सहित मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशासी अभियंता और सहायक अभियंता स्तर तक के अधिकारी शामिल हैं.
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि उप्र पावर कारपोरेशन और अन्य वितरण निगम प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को और बेहतर करने के लिए उपभोक्ताओं की विद्युत आपूर्ति मीटरिंग, बिलिंग तथा राजस्व संग्रह में आ रही समस्याओं एवं कठिनाइयों के संज्ञान के लिये विद्युत विभाग आपके द्वार अभियान चला रहा है. यह अभियान नवंबर तक चलेगा. इसको और प्रभावी बनाने के लिये शक्ति भवन मुख्यालय से अधिकारियों को प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर भेजा जा रहा है. नामित अधिकारी 21 से 24 सितंबर तक फील्ड में रहेंगे और 29 सितंबर को अपनी भ्रमण से संबंधित आख्या मुख्यालय को प्रस्तुत करेंगे.
बिलिंग की गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से मीटर रीडिंग के लिये मीटर रीडर के साथ रीडिंग करने के लिए विभागीय कार्मिक एवं अधिकारी भी रहेंगे. यदि उपभोक्ता की सही रीडिंग बिलिंग सिस्टम में आ जायेगी, तो गलत बिलिंग की शिकायत लगभग स्वतः समाप्त हो जायेगी. मीटर रीडिंग करने के साथ-साथ उपभोक्ता से बिलिंग संबंधी जानकारी, केवाईसी, मीटर परिसर के अंदर लगा है अथवा बाहर, मीटर उचित ऊंचाई पर लगा है या नहीं. मीटर रीडिंग लेने में कोई अड़चन तो नहीं होती, यह सब भी अभियान के दौरान देखा जायेगा.
नामित अधिकारी एवं कार्मिक तीन दिन मीटर रीडर के साथ रीडिंग करेंगे. इसके अतिरिक्त नामित सहायक अभियंता 88 हाई पोटेंशियल विद्युत वितरण खंडों में 11 केवी फीडरों पर मीटर की कार्यरत होने की स्थिति, 50 किलोवाट से अधिक भार वाले उपभोक्ताओं की डबल मीटरिंग की स्थिति, 10 किलोवाट से अधिक भार वाले उपभोक्ताओं की एमआरआई एक्सेप्शन पर खंडो द्वारा की जा रही कार्रवाई की स्थिति, औद्योगिक फीडर, स्वतंत्र फीडर की टैगिंग, लाइन हानियों की स्थिति तथा टैंपर्ड मीटरों के विरुद्ध राजस्व निर्धारण की स्थिति आदि का भी अनुश्रवण किया जायेगा.
ऊर्जा एवं नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया कि मीटर रीडर के साथ जो विभागीय कार्मिक मीटर रीडिंग करने जा रहे है उसका धरातल पर लाभ दिखाई पड़ रहा है. अभी तक अभियान के अंतर्ग सहारनपुर में 11 मेगावाट विद्युत भार बढ़ाया गया. डेढ़ लाख स्टोर रीडिंग पकड़ी गयी. इसी तरह मुरादाबाद में 40 मेगावाट लोड बढ़ाया गया. मेरठ में 32 मेगावाट लोड बढ़ाया गया और 2.25 लाख यूनिट स्टोर मिली.बुलंदशहर में लगभग 65 हजार स्टोर यूनिट मिली. गाजियाबाद में 14 मेगावाट की भार वृद्धि हुई. इसी तरह आजमगढ़ में एक लाख यूनिट स्टोर रीडिंग मिली.