बिजली कर्मचारियों की हड़ताल: ऊर्जा मंत्री से आज फिर होगी बातचीत, संघर्ष समिति मांगों पर अड़ी, उपभोक्ता परेशान
प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के कारण उपभोक्ताओं से लेकर औद्योगिक इकाइयों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार के तल्ख तेवरों के बीच शनिवार रात विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और ऊर्जा मंत्री ए.के.शर्मा के बीच बातचीत बेनतीजा रही. आज एक बार फिर दोनों पक्षों के बीच वार्ता होगी.
Lucknow: प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर समाधान नहीं निकल पाया है. विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और ऊर्जा मंत्री ए.के.शर्मा के बीच शनिवार देर रात चली वार्ता बेनतीजा रही. ऊर्जा मंत्री के साथ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की चर्चा के दौरान किसी बिंदु पर सहमति नहीं बन पाई.
बिजली कर्मचारी नेताओं ने बातचीत में सभी मांगों को माने जाने और दर्ज मुकदमे वापस लेने की बात कही. इस पर ऊर्जा मंत्री ने तत्काल मांगें माने जाने पर असमर्थता जताई. इस पर कर्मचारी नेताओं ने रविवार को फिर से बातचीत होने की बात कही और चले गए.
वैकल्पिक इंतजाम के दावे धरातल पर सफल नहीं
इस बीच बिजली कर्मचारियों की हड़ताल का असर प्रदेश में सभी जगह देखने को मिल रहा है. सरकार के वैकल्पिक इंतजामों के दावे हकीकत में पूरी तरह से खरे नहीं उतर रहे हैं. हड़ताल के चलते राज्य के कई जिलों में बिजली संकट उत्पन्न हो गया. फैक्टरियों में उत्पादन ठप होने के साथ जलापूर्ति भी बाधित हुई है. ग्रामीण क्षेत्रों में उपभोक्ताओं को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस पर भी सरकार के तेवर तल्ख हैं, इससे कर्मचारियों में भी नाराजगी है. ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का शाम 6 बजे तक दिया गया अल्टीमेटम भी खत्म हो चुका है. ऐसे में सख्त कदम उठाए जाने पर बात बिगड़ने की संभावना है.
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बर्खास्त संविदाकर्मियों की जगह प्रौद्योगिकी संस्थानों के छात्रों की नियुक्ति
प्रदेश में विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे समेत 22 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. इसके अलावा समिति के पदाधिकारी जय प्रकाश, प्रभात, सीवी उपाध्याय, जीवी पटेल, जितेन्द्र सिंह गुर्जर और वसीम अहमद को निलंबित कर दिया गया है. इन पर कर्मचारियों को हड़ताल के लिए उकसाने का आरोप है.
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि अब अरेस्ट और इम्प्रिजनमेंट के तहत कार्रवाई की जाएगी. वहीं कुछ के खिलाफ सस्पेंशन की भी कार्रवाई की गई है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस मामले में अब तक 1332 संविदा कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. हजारों कर्मचारियों को बर्खास्त करने की तैयारी चल रही है. ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बर्खास्त संविदाकर्मियों की जगह पर प्रौद्योगिकी संस्थानों से जुड़े छात्रों की नियुक्ति होगी. इससे पहले ट्रेनिंग कराई जाएगी, फिर उनकी संविदाकर्मी के रूप में तैनाती की जाएगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी
इस बीच हड़ताल के मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी नाराजगी जताई है. विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे समेत अन्य नेताओं के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद सोमवार को सभी पदाधिकारियों को हाईकोर्ट ने तलब किया है. कोर्ट के फैसले को लेकर सभी की निगाहें लगी हुई हैं.