UP News: दुधवा नेशनल पार्क में ट्रेंड किए जाएंगे पीलीभीत के हाथी, आक्रमक बाघों से निपटने की तैयारी
पीलीभीत टाइगर रिजर्व के हाथियों को दुधवा नेशनल पार्क में ट्रेनिंग दी जाएगी. जानकारी के मुताबिक हाथियों का ये प्रशिक्षण कार्यक्रम 120 दिनों तक चलेगा. हाथियों को पूरी ट्रेनिंग आक्रामक हो रहे बाघों से निपटने के लिए दी जाएगी.
Lucknow : आक्रामक हो रहे बाघों से निपटने के लिए पीलीभीत टाइगर रिजर्व के हाथियों को दुधवा नेशनल पार्क में ट्रेनिंग दी जाएगी. जानकारी के मुताबिक हाथियों का ये प्रशिक्षण कार्यक्रम 120 दिनों तक चलेगा. हाथियों को पूरी ट्रेनिंग आक्रामक हो रहे बाघों से निपटने के लिए दी जाएगी. ट्रेनिंग के लिए चार हाथियों को नामित किया गया है. जिनकी उम्र 13 वर्ष से लेकर 7 वर्ष के बीच है.
पीलीभीत टाइगर रिजर्व में आक्रामक हो गए हैं बाघ
दुधवा नेशनल पार्क की तरह ही पीलीभीत टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ गई है. बाघ जंगलों से बाहर निकलकर आबादी वाले क्षेत्रों में चले जाते हैं, जिससे ग्रामीणों की जान खतरे में पड़ जाती है. वर्तमान समय में पीलीभीत टाइगर के अंदर प्रशिक्षित हाथी नहीं है, जिन्हे बाघों को घेरने के लिए लगाया जाए. इसीलिए प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव (पीसीएफ वाइल्डलाइफ) ने निर्देश दिए हैं कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व के हाथियों को दुधवा पार्क के पालतू 24 हाथियों को प्रशिक्षित किया जाए.
दुधवा से दो ट्रेंड हथिनियों को भेजा जाएगा पीलीभीत
फील्ड डायरेक्टर ललित वर्मा ने बताया कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व से चार हाथी दुधवा में ट्रेनिंग लेने के लिए आ रहे हैं, जो 15 नवंबर तक यहां रहेंगे. बाघों के आक्रमण से निपटने के लिए दो ट्रेड हथिनियों को पीलीभीत भेजा जाएगा. उन्होने बताया कि जब ट्रेनिंग लेकर यहां से हाथी पीलीभीत लौट जाएंगें तब दोनों हथिनियों को वापस दुधवा लाया जाएगा.
बाघों की मौत के बाद चर्चा में आया था दुधवा नेशनल पार्क
बता दें कि बीते दिनों दुधवा नेशनल पार्क लगातार हो रही बाघों की मौत की वजह से चर्चा में आया था. दुधवा पार्क के अंदर 50 दिनों के अंदर 4 बाघों की मौत हो गई थी. सीएम योगी ने बाघों की मौत मामले को गंभीरता से लिया था. जांच में पता चला था कि इन बाघों की मौत लापरवाही की वजह से हुई थी. जांच में दोषी पाए जाने पर सीएम योगी ने दुधवा के फील्ड डायरेक्टर बी प्रभाकर को हटा दिया था.
दुधवा टाइगर रिजर्व में चार बाघों की थी मौत
गौरतलब है कि दुधवा टाइगर रिजर्व में बीते दिनों चार बाघों की मौत हुई थी. जिसके चलते वहां तैनात कई बड़े अधिकारियों को हटाया गया था, जिसके बाद जांच के लिए समिति का गठन किया गया था. जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंप थी. रिपोर्ट के अनुसार घटना में दो बाघों की मौत को आपसी संघर्ष का परिणाम ठहराया गया था, जबकि दो अन्य बाघों की मौत का कारण शरीर में संक्रमण फैलने से हुई थी.
समिति ने दुधवा टाइगर रिजर्व में चल रही समस्याओं पर प्रकाश डाला जिसमें बताया गया कि रिजर्व में फील्ड स्टाफ की कमी और जंगल में ठीक से गश्त न होने के कारण यह सभी घटनाऐं हो रही है. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए समिति ने सरकार से सिफारिशें भी की हैं. बीते अप्रैल से जून के बीच दुधवा और आसपास के क्षेत्र में चार बाघ मृत मिले थे.
जिसके कुछ ही समय बाद चार बाघों की मौत को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अरुण कुमार सक्सेना और विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल मौके पर जाकर घटना के कारणों का पता लगाने का निर्देश दिया था. उनके निर्देश पर वन मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों ने दुधवा जाकर जांच की थी.