लखनऊ में हनुमान सेतु के पास बनाई जाएगी एलिवेटेड रोड, जाम से निजात मिलने के साथ कनेक्टिविटी होगी बेहतर

लखनऊ में यातायात के बढ़ते दबाव को देखते हुए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने हनुमान सेतु के आसपास के इलाके को लेकर खास प्लान तैयार किया है. एलिवेटेड रोड के जरिए शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाने की कवायद शुरू की जाएगी. इसके जरिए शहर की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी.

By Sanjay Singh | July 15, 2023 11:45 AM
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Lucknow: राजधानी लखनऊ में ग्रीन कॉरिडोर विकसित करने की तैयारी है. इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है. ग्रीन कॉरिडोर के तहत हनुमान सेतु से निशातगंज पुल होते हुए सीधे गोमतीनगर तक जाने के लिए नया रास्ता विकसित किया जाएगा. एलिवेटेड रोड के जरिए इस अहम प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा.

इस कड़ी में हनुमान सेतु की पार्किंग के पीछे गोमती नदी के किनारे नये ब्रिज का निर्माण कराया जाएगा. वहीं बीरपाल साहनी मार्ग से निशातगंज पुल को पार करने के लिए फ्लाईओवर बनेगा. इसके साथ ही बंधा रोड को विकसित कर नई तस्वीर पेश की जाएगी, जिससे लोग सीधे कुकरैल फ्लाईओवर पहुंच सकें.

खास बात है कि यह कॉरिडोर इस तरह से विकसित किया जाएगा, ताकि लोग ट्रैफिक में बिना फंसे सुविधाजनक तरीक से गंतव्य तक पहुंच सके. लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने ट्रैफिक सर्वे रिपोर्ट के साथ नए कॉरिडोर का प्रस्ताव तैयार किया है.

इस संबंध में पिछले सप्ताह नगर नियोजन विभाग में बैठक भी हो चुकी है. बताया जा रहा है कि बैठक में सैद्धांतिक सहमति के बाद इस प्रस्ताव को शासन के पास भेज दिया गया है. जहां से हरी झंडी मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा.

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बताया जा रहा है कि इस कॉरिडोर के बनने के बाद हनुमान सेतु मंदिर के सामने लखनऊ यूनिवर्सिटी रोड का हिस्सा वन-वे हो जाएगा और मंदिर के पीछे वाली मौजूदा सड़क श्रद्धालुओं के लिए आरक्षित कर दी जाएगी. इसके साथ ही आईटी चौराहा और निशातगंज से हनुमान सेतु की तरफ आने वाले राहगीरों के लिए मंदिर पार्किंग के बगल में गोमती पुल से पेट्रोल पंप मोड़ तिराहे तक 210 मीटर लंबा और 12 मीटर चौड़ा ब्रिज बनाया जाएगा.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुताबिक नया कॉरिडोर इस तरह बनाया जा रहा है, ताकि इसके किसी भी हिस्से में ट्रैफिक जाम की नौबत नहीं आए. हनुमान सेतु से नदवा की तरफ मुड़ने वाले तिराहे पर एक गोल चौराहा बनेगा, जिसके आसपास का डिवाइडर हटा दिया जाएगा. आईटी चौराहे से हनुमान सेतु की तरफ आने वाला ट्रैफिक हनुमान सेतु के पास वाले पेट्रोल पंप से मुड़कर नए ब्रिज की तरफ डायवर्ट हो जाएगा.

मंदिर पार्किंग के बगल बने ब्रिज का ट्रैफिक सीधे नदवा और मनकामेश्वर मंदिर की तरफ जा सकेगा या परिवर्तन चौराहे की तरफ मुड़ सकेगा. निशातगंज की तरफ से आने वाला ट्रैफिक भी इसी ब्रिज से होकर हनुमान सेतु की तरफ जाएगा. इसके साथ ही हनुमान सेतु से मंदिर होते हुए आईटी की तरफ वाहन सीधे जा सकेंगे.

बताया जा रहा है कि हनुमान सेतु होते हुए मंदिर के बगल से निशातगंज की तरफ जाने वाले बीरबल साहनी मार्ग के अंतिम छोर पर फ्लाईओवर बनाने का प्रस्ताव है. यह फ्लाईओवर अशोक मार्ग को पार करके दूसरी तरफ उतरेगा. इसकी लंबाई करीब 210 मीटर होगी. आगे यह तीन मीटर चौड़े और करीब एक किमी लंबे पुराने बंधे से जुड़ेगा.

इस बंधे को 12 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा, जो आगे कुकरैल फ्लाईओवर से जुड़ेगा. इस कॉरिडोर के बनने से हनुमान सेतु की तरफ से आने वाले लोग सीधे गोमतीनगर जा सकेंगे. इससे लोगों के समय की बचत के साथ शहर की यातायात व्यवस्था भी पहले से ज्यादा बेहतर होगी.

राजधानी लखनऊ में यातायात सुविधा बेहतर बनाने के उद्देश्य से कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. इसी कड़ी में ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के अंतर्गत गोमती नदी के दोनों किनारों पर प्रथम फेज आईआईएम रोड से शहीद पथ तक नया बंधा एवं उसके चौड़ीकरण तथा उसके ऊपर सड़क निर्माण किया जाना है.

फेज एक के कामों को तीन भागों में विभाजित किया गया है. इसमें आईआईएम रोड से हार्डिंग ब्रिज (लाल पुल) तक, लाल पुल से पिपराघाट तक एवं पिपराघाट से शहीद पथ तक बांटा गया है. पहले फेज के अंतर्गत डीपीआर के तहत होने वाले कार्यों की कुल लागत 817 करोड़ रुपए है. इसके अंतर्गत आईआईएम रोड से लाल ब्रिज तक गोमती नदी के दोनों किनारों पर लगभग सात किलोमीटर लंबा बंधा निर्माण एवं चौड़ीकरण तथा उसके ऊपर फोर लेन सड़क का निर्माण प्रस्तावित है.

इसके अलावा गऊघाट पर 270 मीटर लंबाई का पुल, कुड़ियाघाट से लाल ब्रिज तक 1050 मीटर लंबाई का फ्लाई ओवर तथा खदरा से लाल ब्रिज तक 660 मीटर लंबाई का फ्लाई ओवर निर्माण प्रस्तावित किया गया है.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के अफसरों के मुताबिक इस प्रोजेक्ट को अगले कुछ महीनों में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके बाद अन्य प्रोजेक्ट्स को लेकर तैयारियां तेज की जाएंगी. सभी फेज के कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा.

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