Emergency Anniversary: आपातकाल की याद में भाजपा आज मनाएगी काला दिवस, युवाओं के बीच कांग्रेस को घेरने की रणनीति
भाजपा आपाताकाल की याद में रविवार को पूरे प्रदेश में कांग्रेस को घेरते हुए काला दिवस मना रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सहित अन्य नेताओं ने इसे भारतीय इतिहास का सबसे काला दिन बताया. वहीं इसके खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों के संघर्ष को याद किया.
Lucknow: भारतीय जनता पार्टी 1975 में आपातकाल लगाए जाने के 48 साल पूरे होने पर रविवार को पूरे उत्तर प्रदेश में ‘काला दिवस’ मना रही है. अभियान के तहत, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौतमबुद्ध नगर में सभा को संबोधित करेंगे.
यूपी में इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी के साथ खेरागढ़ और आगरा में सार्वजनिक सभाओं को संबोधित करेंगे. प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य कैराना, मेरठ और गाजियाबाद संसदीय क्षेत्र में जनसभाओं को संबोधित करेंगे. आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 को वापस लिये जाने तक प्रभावी रहा. इसे लेकर भाजपा ने कांग्रेस को युवाओं के बीच घेरने की रणनीति बनाई है.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया कि भारत के महान लोकतंत्र को अक्षुण्ण रखने हेतु बिना डरे, बिना डिगे, बिना झुके क्रूर तानाशाही का प्रखर प्रतिकार करने वाले समस्त हुतात्माओं को नमन.
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि आज ही के दिन 25 जून, 1975 में तत्कालीन सरकार ने लोकतंत्र की हत्या कर देश में आपातकाल की घोषणा की थी, जो भारतीय इतिहास का सबसे काला दिन था. भारतीय लोकतंत्र और नागरिकों के सबसे काले अध्याय आपातकाल के विरोध में उठी हर आवाज को सादर नमन.
पार्टी ने इस मौके पर प्रदेश भर में युवाओं को कांग्रेस की शासन में देश में लगाए गए आपातकाल की कहानी बताने का फैसला किया है. इसका मकसद आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर युवा वोट बैंक को साधना है. दरअसल प्रदेश में 15 करोड़ से अधिक मतदाताओं में से करीब 50 फीसदी युवा मतदाता हैं. लोकसभा चुनाव 2024 में सभी राजनीतिक दल युवा मतदाताओं पर फोकस करने में जुटे हैं.
इसी कड़ी में भाजपा ने एक ओर जहां युवाओं को साधने के लिए युवा मोर्चा के स्तर पर नव मतदाता सम्मेलन, नव मतदाता संपर्क जैसे कार्यक्रम शुरू किए हैं, वहीं 25 जून को आपातकाल की वर्षगांठ पर युवाओं के लिए विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसमें बताया जाएगा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किस तरह देश पर आपातकाल थोपा था. आपातकाल का विरोध करने पर किस तरह लोगों को जेल में बंद कर यातनाएं दी गई थी. जनसंघ के लोगों को किस तरह निशाने पर लिया गया.
पार्टी नेताओं के मुताबिक युवाओं को बताया जाएगा कि आरएसएस और जनसंघ के संघर्ष के कारण तत्कालीन हुकुमत को आपातकाल हटाने पर मजबूर होना पड़ा था. इसके साथ ही इन कार्यक्रमों में युवाओं को नरेंद्र मोदी सरकार के नौ वर्ष की उपलब्धियां बताई जाएंगी. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बताया कि नई पीढ़ी को आपातकाल का इतिहास बताना बेहद जरूरी है. आपात काल के कार्यक्रमों में युवाओं को इससे अवगत कराया जाएगा.