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Employees News: 14 जुलाई को होगा स्वास्थ्य महानिदेशक का घेराव, नीति विरुद्ध ट्रांसफर का विरोध

यूपी के स्वास्थ्य विभाग में तबादलों के बाद हड़कंप मचा हुआ है. डॉक्टर से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ, लिपिक संवर्ग तक में ट्रांसफर का विरोध हो रहा है. कर्मचारियों का आरोप है कि स्थानांतरण नीति के खिलाफ जाकर अधिकारियों ने तबादले किये हैं. जिससे स्वास्थ्य विभाग में अफरा-तफरी का माहौल है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 9, 2022 7:43 PM

Lucknow: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उप्र ने स्वास्थ्य विभाग में शासन की स्थानांरण नीति 2022-23 के विरुद्ध किये गये तबादलों के विरोध में स्वास्थ्य महानिदेशालय के घेराव का ऐलान किया है. संयुक्त परिषद ने तबादलों को निरस्त करने की मांग करते हुए कहा है कि वह नीति विरुद्ध तबादलों के विरोध में 14 जुलाई को स्वास्थ्य महानिदेशालय का घेराव करेगा.

अधिकारियों ने किया स्थानांतरण नीति का विरुद्ध

बलरामपुर हॉस्पिटल में हुई बैठक में परिषद के महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि 2022-23 के लिये जारी स्थानांतरण नीति के विपरीत चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में पैरामेडिकल व अन्य सभी संवर्गों ट्रांसफर किये गये हैं. स्थानांतरण नीति के प्रस्तर-05 के विपरीत जाकर मान्यता प्राप्त संगठनों के अध्यक्ष/सचिव, दिव्यांग, दांपत्य नीति, गंभीर बीमारी, दो वर्ष से कम सेवानिवृत्ति होने वाले, भिन्न पदों पर कार्यरत कर्मचारियों का नियम विरूद्व ट्रांसफर किया गया है.

उन्होंने कहा कि जनपद, मंडल में कार्यकाल अवधि पूर्ण न होने पर भी कर्मचारियों का तबादला कर दिया गया है. स्वयं के अनुरोध पर ऑनलाइन स्थानांतरण में मेरिट को आधार नहीं बनाया गया व अनेकों दिव्यांग, दांपत्य नीति, गंभीर बीमारी से ग्रस्त कर्मचारियों का स्थानांतरण अनुरोध के बावजूद भी नहीं किया गया. स्वयं के अनुरोध पर प्रथम विकल्प के पद रिक्त होने के बाद भी अन्य जनपदों में स्थानांतरण कर दिया गया है.

सीएम योगी से हस्तक्षेप करने का अनुरोध

कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष वीपी मिश्र ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कोरोना वारियर्स कर्मचारियों के प्रति अपनाई गई नीति विरुद्ध कार्रवाई का संज्ञान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लें. वह अपने स्तर से सभी नीति विरुद्ध ट्रांसफर को निरस्त करने के आदेश करें. जिससे स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था बेपटरी न हो.

अंतिम तिथि के बाद भी किये गए ट्रांसफर

परिषद के अध्यक्ष सुरेश रावत ने कहा कि स्थानांतरण नीति के विपरीत किए गए ट्रांसफर से चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के समस्त संवर्गों के कर्मचारियों में अत्यंत रोष है. शासन ने ट्रांसफर की अंतिम तिथि 30 जून 2022 निर्धारित की थी. लेकिन ट्रांसफर लिस्ट 1 जुलाई की शाम और 2 जुलाई 2022 को जारी की गई.

परिषद के चेयरमैन संघर्ष समिति व डीपीए के अध्यक्ष संदीप बडोला व महामंत्री उमेश मिश्रा ने कहा कि स्थानांतरण नीति के विपरीत किए गए ट्रांसफर को महानिदेशालय स्तर से संशोधित/निरस्त किया जाना चाहिए था. परिषद ने कई बार इसके लिये अनुरोध किया, लेकिन कोई अपेक्षित कार्रवाई नहीं की गई.

महानिदेशक ने टालमटोल का रवैया अपनाते हुए अपने स्तर से एक कमेटी गठित कर दी और वहीं दूसरी ओर 4 जुलाई को जनपद के अधिकारियों ने कर्मचारियों को तत्काल एक तरफा रिलीव करने के आदेश जारीकर दिया. जिससे पूरे प्रदेश में अफरा-तफरी का माहौल है.

कई संगठनों ने किया गलत तबादलों का विरोध

बैठक में अशोक कुमार महामंत्री राजकीय नर्सेज संघ, डीडी त्रिपाठी अध्यक्ष डेंटल हाइजनिस्ट एसो., दिलीप महामंत्री एक्स-रे एसो. उप्र, अनुराग मिश्रा महामंत्री आप्टोमेट्रिस्ट एसो., अनिल चौधरी महामंत्री प्रोवेन्सियल फिजियोथेरेपिस्ट एसो. उप्र, एसके पाठक अध्यक्ष व महामंत्री बीके सिंह महामंत्री प्रयोगशाला सहायक संघ, रमेश यादव अध्यक्ष सहायक मलेरिया अधिकारी संघ, परिषद के मीडिया प्रभारी सुनील कुमार, सचिव कमल श्रीवास्तव, बृज भूषण दीक्षित डार्क रूम सहायक संघ, सतीश यादव राजकीय कुष्ठ कर्मचारी संघ मौजूद थे.

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