मायावती सरकार में बने स्मारक और पार्कों में एंट्री फीस हुआ महंगा, जानें अब कितने रुपये देकर लेने होंगे टिकट
आंबेडकर पार्क स्मारक समिति के अधीन लखनऊ व नोएडा के सभी पार्क, स्मारकों में प्रवेश शुल्क महंगा कर दिया गया है. वहीं, इन पार्कों व स्मारकों में शादी-समारोह, फिल्म शूट जैसे गैर राजनीतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा सकेंगे. नई दरें एक अक्तूबर से लागू होंगी.
Lucknow : मायावती शासन काल के दौरान लखनऊ व नोएडा में दलित आइकन के नाम पर बने 10 स्मारकों और पार्कों में प्रवेश शुल्क अब 1 अक्टूबर से दोगुना कर दिया जाएगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने शुक्रवार को हुए आंबेडकर पार्क स्मारक समिति की बैठक में इन स्मारकों और पार्कों के रखरखाव में होने वाले खर्च के लिए आमदनी बढाने के लिए यह निर्णय लिया है.
स्मारकों को किराए पर देने की भी हुई चर्चा
बैठक में इन स्मारकों को शादियों, फिल्म की शूटिंग और अन्य सामाजिक, धार्मिक, व्यावसायिक और राजनीतिक आयोजनों के लिए किराए पर देने की योजना पर भी चर्चा की गई. एलडीए के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा कि स्मारकों के निर्माण के बाद एलडीए द्वारा बनाए गए एक कॉर्पस फंड द्वारा अब तक इन स्मारकों का रखरखाव किया जा रहा था. हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में रखरखाव की लागत में काफी वृद्धि हुई है. इसलिए, प्राधिकरण पर बोझ कम करने के लिए प्रवेश शुल्क बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.
यह नई दरें एक अक्टूबर से होगी लागू
निर्णय के अनुसार, जहां एक व्यक्ति के लिए पार्कों और स्मारकों में प्रवेश शुल्क 10 रुपये था उसे बढ़ाकर 20 रुपये कर दिया गया है. वहीं सुबह की सैर करने वालों के लिए मासिक पास की लागत 200 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये कर दी गई है. साथ ही छमाही पास के शुल्क को 600 रुपये से बढ़ाकर 1600 रुपए कर दिया गया है. यह नई दरें एक अक्टूबर से लागू होंगी.
बैठक में स्मारकों में लगी मूर्तियों की रंगाई-पुताई, पॉलिशिंग और मरम्मत के लिए करीब चार करोड़ रुपये के बजट को भी मंजूरी दी गई. साथ ही, चटोरी गली और समता मूलक चौराहा के बीच क्षतिग्रस्त दीवारों की मरम्मत की जाएगी और स्ट्रीट-लाइटें ठीक की जाएंगी. चटोरी गली में पार्किंग निजी ठेकेदार को दी जाएगी.
गहन विचार-विमर्श करने के बाद लिया निर्णय -स्मारक समिति के अध्यक्ष
स्मारक समिति के अध्यक्ष आशीष कुमार ने बताया कि बैठक में विभिन्न उद्देश्यों के लिए इन स्मारकों को किराए पर देने के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया. उन्होंने कहा कि गहन विचार-विमर्श करने के बाद ही निर्णय लिया गया है. 10 स्मारकों का निर्माण 2007 और 2012 के बीच 5,400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया गया था, इस दौरान मायावती प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं. मायावती सरकार ने इनके रखरखाव के लिए स्मारक समिति का भी गठन किया था.
आठ स्मारक लखनऊ और दो नोएडा में हैं
लखनऊ में कुल मिलाकर आठ स्मारक स्थित हैं. इनमें डॉ भीम राव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल अंतरायिक, डॉ भीम राव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल वाया, मान्यावर श्री कांशीराम जी इकोग्रीन गार्डन, मान्यावर श्री काशीराम जी जन सुविधा परिसर और पार्किंग, मान्यावर श्री काशीराम जी स्मारक स्थल, बुद्धविहार शांति उपवन, मान्यवर श्री कांशीराम जी सांस्कृतिक स्थल और पार्क और डॉ रमा बाई अम्बेडकर रैली स्थल शामिल हैं. साथ ही दो स्मारक राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल और ग्रीन गार्डन नोएडा स्थित में हैं.