लखनऊ. उत्तर प्रदेश के युवाओं के लिये बड़ी खबर है. यूपी के गवर्नमेंट आइटीआई (ITI) भी अब आइआइटी जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की तरह विकसित किये जायेंगे. उनमें नये कोर्स और स्मार्ट क्लासेज होंगी. इनमें एडमिशन लेने वाले युवाओं को कौशल विकास की स्किल देने के लिये टाटा के एक्सपर्ट अपनी सेवाएं देंगे. आइटीआइटी लैब, उनका कैंपस और इमारतें किसी भी मल्टीनेशनल कंपनी की जरूरत के अनुसार स्किल्ड कामगार तैयार करने के हिसाब से डिजायन की जायेंगी. इसके लिये यूपी सरकार ने टाटा के साथ हाथ मिलाया है.
यूपी की 150 गवर्नमेंट आइटीआई (ITI) को विकसित करने के लिये व्यावासायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग का टाटा टेक्नॉलॉजीस लिमिटेड (टीटीएल) के बीच एमओयू (Memorandum of Understanding )हुआ है. व्यावासायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री कपिल देव अग्रवाल का कहना है कि टाटा के साथ मिलकर 5472 करोड़ से आइटीआई का नयी तकनीक, मशीन और शोध के साथ उन्नयन कर कायाकल्प किया जायेगा.आइटीआई की पुरानी इमारतों की जगह नये स्थानों पर नये संस्थान खड़े किये जायेंगे.
हर साल 35 हजार युवाओं को उसी तरह की ट्रेनिंग मिलेगी जैसे किसी बड़े नामचीन इंजीनियरिंग कॉलेजों में दी जाती है. मल्टीनेशनल कंपनी को जिस तरह के ट्रेंड युवा चाहिये उसी तरह की ट्रेनिंग देकर युवाओं को ट्रेंड किया जायेगा. आइटीआई में स्मार्ट क्लासेज होंगी. इन आइटीआई में ट्रेंड होने वाले युवाओं को अपनी विभिन्न कंपनियों में अप्रेंटिस करायेगी. इससे प्लेसमेंट बेहतर हो सकेगा. सरकार ने टीटीएल के साथ दस साल नौ महीने का करार हुआ है. 5472 करोड़ की योजना में सरकार की सहभागिता 12 फीसद की है.