UP में तेजी से फैल रहा Eye Flu, अस्पतालों में बढ़े मरीज, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने स्कूलों को लेकर कही ये बात

आंख लाल होने की बीमारी 'आई फ्लू' से इन दिनों लोग काफी परेशान हैं. स्कूलों में संक्रमित बच्चे से अन्य में इसका संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ रहा है. अस्पतालों की ओपीडी इस समस्या से ग्रसित मरीजों से फुल हैं. चिकित्सकों के मुताबिक ऐसे में सावधानी बेहद जरूरी है. ये एक तरह का मौसमी दुष्प्रभाव है.

By Sanjay Singh | July 30, 2023 6:34 AM

Lucknow: मौसम में बदलाव के बीच प्रदेश में आई फ्लू या कंजक्टिवाइटिस (Conjunctivitis) का प्रकोप तेजी से बढ़ा है. राजधानी लखनऊ सहित कानपुर, आगरा, मथुरा, गोरखपुर, गाजियाबाद, प्रयागराज और वाराणसी सहित अन्य जनपदों में इसके मरीजों की संख्या में अचानक तेजी से इजाफा हुआ है.

इनमें बच्चों की संख्या ज्यादा है. स्कूल और खेलकूद के दौरान एक दूसरे के संपर्क में आने के कारण वह इससे ज्यादा ग्रसित हो रहे हैं. प्राइवेट हॉस्पिटल से लेकर सरकारी अस्पतालों की ओपीडी आंखों की समस्या वाले मरीजों से फुल है.

लखनऊ के सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में हर दिन करीब 200 नए मरीज आ रहे हैं. आईफ्लू मरीज के संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी इस समस्या से ग्रसित हो रहा है. मरीजों की असावधानी और लापरवाही दूसरों को भी आई फ्लू से ग्रसित कर रही है.कई मामलों में तो बचाव नहीं करने पर पूरा परिवार इसकी चपेट में आ रहा है.

सरकारी अस्पतालों में आई फ्लू के रोगियों का बढ़ा ग्राफ

सिविल अस्पताल के नेत्र रोग विभाग की ओपीडी में प्रतिदिन 60-70 मरीज आई फ्लू के आ रहे हैं. चि​कित्सकों के मुताबिक बीते डेढ़ हफ्ते में आई फ्लू मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. इसी तरह बलरामपुर अस्पताल की नेत्र ओपीडी में प्रतिदिन करीब 150 से अधिक मरीज आ रहे हैं. इसमें 50 से अधिक मरीज आई फ्लू के सामने आ रहे हैं. इसमें बच्चों की संख्या अधिक है.

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नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. संजीव गुप्ता के मुताबिक आईफ्लू के सबसे अधिक मरीज ओपीडी में आ रहे हैं. यह इंफेक्शन तेजी से फैल रहा है. संक्रमित मरीज के संपर्क में आने से बचकर मर्ज पर काबू पाया जा सकता है. इसी तरह लोकबंधु अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय शंकर ने बताया नेत्र रोग की ओपीडी में हर दिन करीब 50-60 मरीज आ रहे हैं. इसमें करीब 25-30 बच्चे हैं. इसके अलावा रानी लक्ष्मीबाई, बीआरडी महानगर, ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय समेत अन्य अस्पतालों की ओपीडी में 20-25 हर अस्पताल में मरीज आ रहे हैं.

इस वजह से बढ़ रहे आई फ्लू के मरीज

चिकित्सकों के मुताबिक मौसम में हो रहे बदलाव के बीच कम तापमान और उच्च आर्द्रता की वजह से लोग बैक्टीरिया, वायरस और एलर्जी के संपर्क में आते हैं. यही एलर्जिक रिएक्शन्स और आई इन्फेक्शन जैसे कंजंक्टिवाइटिस की वजह बनती है. आंखों में खुजली या सूजन होने का मतलब कंजंक्टिवाइटिस है. ऐसी स्थिति में बार-बार आंखों में हाथ लगाने से दूसरी आंख में भी इसके होने की संभावना बढ़ जाती है. इसलिए बचाव के तौर पर हाथों से रगड़ना या छूने से परहेज करना चाहिए. जो भी इससे प्रभावित है, उसका बिस्तर, तकिया, गमछा आदि अलग कर देना चाहिए. कोई भी वस्तु ढूंढने के बाद हाथों को साबुन से धोना चाहिए. घर से जाते और आते समय हाथ अवश्य धुलना चाहिए. संक्रमित के लिए अलग कमरे की व्यवस्था करनी चाहिए.

मरीज से जुड़ी वस्तुओं का नहीं करें इस्तेमाल

चिकित्सकों के मुताबिक जब किसी व्यक्ति को आई फ्लू होता है तब उसकी आंख में देखने से फ्लू नहीं होता है. बल्कि यह फ्लू संपर्क में आने के बाद ही फैलता है. अगर किसी कंजंक्टिवाइटिस मरीज के मेकअप कॉजल, आई लाइनर, टॉवल या रूमाल यूज करते हैं तो इस इन्फेक्शन के होने के संभावना बढ़ जाती हैं.

जांच से लेकर दवा तक मुफ्त

इस बीच आई फ्लू के बढ़ते मामलों को लेकर उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि आई फ्लू को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. सतर्क रहकर आंखों के संक्रमण से खुद को बचा सकते हैं. यदि संक्रमण हो गया है तो सरकारी अस्पताल में इलाज कराएं. इलाज की पुख्ता व्यवस्था है. जांच से लेकर दवा तक के इंतजाम मुफ्त हैं. जिस इलाके में आई फ्लू के अधिक मरीज हों, वहां शिविर लगाएं.

स्कूल-कॉलेज बरतें सतर्कता

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी और अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को आई फ्लू प्रभावित मरीजों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि आई फ्लू की चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे आते हैं. ऐसे में सभी स्कूल कॉलेज भी सतर्क रहें. यदि किसी बच्चे को आंखों का संक्रमण है, तो उसे अवकाश प्रदान करें. या फिर स्वस्थ्य बच्चों से उसे दूर बैठाएं.

नेत्र रोग विशेषज्ञ आई फ्लू के मरीजों की अलग कमरे में करें जांच

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कहा कि नेत्र रोग विशेषज्ञ आई फ्लू मरीजों को अलग कमरे में देख सकते हैं, ताकि संक्रमण से दूसरे मरीजों को बचाया जा सके. मरीजों को इलाज के साथ क्या सावधानी बरतें. यह जरूर बताएं. इससे संक्रमण पर आसानी से काबू पाया जा सकता है. संक्रमण के प्रसार को भी रोका जा सकता है.

इन लक्षणों की नहीं करें अनदेखी

बुखार: आई फ्लू में कुछ लोगों शरीर का तापमान बढ़ने का अनुभव हो सकता है. ये बुखार वायरस के इंसान के शरीर में प्रवेश करने के कारण होता है.

सिरदर्द: आई फ्लू के कारण सिर में दर्द हो सकता है.

शरीर में दर्द: आई फ्लू में कुछ लोगों को शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द महसूस हो सकता है.

गले में खराश और खांसी: आई फ्लू के कारण गले में खराश और खांसी हो सकती है

आंखे लाल होना: यह आम तौर पर आई फ्लू का सबसे मुख्य लक्षण होता है. इसके कारण आंखों की सफेदियों की जगह लाल रंग का होना शुरू होता है.

आंखों में खुजली या जलन: आई फ्लू के कारण आंखों में खुजली और जलन का अनुभव हो सकता है.

आंखों से पानी या आंसू बहना: आई फ्लू में व्यक्ति को आंखों से पानी या आंखों बहने का अनुभव हो सकता है.

आंखों के चारों ओर लाल दाग होना: कुछ लोगों में आई फ्लू के कारण आंखों के नीचे, ऊपर या आंखों के चारों ओर लाल दाग हो सकते हैं.

चिकित्सक की तत्काल लें सलाह

आई फ्लू के साधारण लक्षणों को ठीक करने के लिए आराम, पर्याप्त पानी पीना, और गर्म खाना खाना सहायक हो सकता है. यदि मरीज को गंभीर लक्षण हैं, जैसे कि श्वसन में परेशानी, फेफड़ों में दर्द, शीघ्र धड़कन, चक्कर आना आदि, तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.

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