Lucknow News: राकेश टिकैत ने केंद्र के सामने रखी मुख्य शर्तें, क्या अब खत्म हो जाएगा किसान आंदोलन?
BKU प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र से अपनी मांग रखते हुए कहा कि, किसानों पर दर्ज मुकदमें, एमएसपी गारंटी क़ानून बनें, जिन किसानों ने जान गंवाई है उन्हें मुआवजा, जो ट्रैक्टर बंद हैं उन्हें ट्रैक्टर दिए जाएं. यही अब किसानों के मुख्य मुद्दे हैं.
Lucknow News: लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक पारित होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत के बयानों ने एक बार फिर सरकार की चिंता बढ़ा दी है. टिकैत ने आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमें वापस लेने और एमएसपी गांरटी कानून समेत अन्य मांगे रखी हैं. साथ ही मुद्दों को लेकर सरकार से बातचीत करने की बात कही है.
50-55 हज़ार मुकदमें जो आंदोलन के दौरान दर्ज़ हुए हैं वे वापस लिए जाएं, MSP गारंटी क़ानून बनें, जिन किसानों ने जान गंवाई है उन्हें मुआवजा मिले, जो ट्रैक्टर बंद हैं उन्हें ट्रैक्टर दिए जाएं। अब ये हमारे मुख्य मुद्दे हैं। सरकार को बातचीत करनी चाहिए: BKU प्रवक्ता राकेश टिकैत pic.twitter.com/Be8uCX5xmx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 1, 2021
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने अपनी मांगे रखते हुए कहा कि, 50-55 हज़ार मुकदमें जो आंदोलन के दौरान दर्ज़ हुए हैं वे वापस लिए जाएं, MSP गारंटी क़ानून बनें, जिन किसानों ने जान गंवाई है उन्हें मुआवजा मिले, जो ट्रैक्टर बंद हैं उन्हें ट्रैक्टर दिए जाएं. अब ये हमारे मुख्य मुद्दे हैं. सरकार को बातचीत करनी चाहिए.
4 दिसंबर को किसानों की बैठकइससे पहले टिकैत ने लोकसभा में कृषि कानून निरसन विधेयक पारित होने के बाद किसानों की घर वापसी को अफवाह बताते हुए कहा कि, MSP और किसानों पर मुकदमा वापस किए बिना कोई किसान यहां से नहीं जाएगा. उन्होंने बताया कि 4 दिसंबर को किसानों की बैठक होने जा रही है.
Also Read: किसानों की घर वापसी पर फैलाई जा रही अफवाह, मांगें पूरी होने तक जारी रहेगा आंदोंलन- राकेश टिकैत लगातार जारी हैं राकेश टिकैट की मांगेंदरअसल, कृषि कानून निरसन विधेयक पारित होने के बाद भी किसानों का गाजीपुर, सिंघु, शाहजहांपुर और टीकरी बार्डर पर आंदोलन जारी है. जोकि केंद्र की मोदी सरकार के लिए चिंता का गंभीर विषय बना हुआ है. हालांकि, कानून वापसी के ऐलान पर राकेश टिकैट ने कहा था कि कानून वापस होते ही आंदोलन खत्म कर दिया जाएगा, राजनीतिक जानकारों की मानों तो अभी भी आंदोलन का जारी रहना कई सवालों को जन्म देता है, जोकि आगामी विधानसभा चुनाव से भी जुड़े हो सकते हैं.