लखनऊ. यूपी के बदायूं से बड़ी खबर सामने आ रही है. जहां पर सदर तहसील में विषाक्त पदार्थ खाने वाले किसान रूम सिंह की गुरुवार की रात उपचार के दौरान बरेली के निजी अस्पताल में मौत हो गई. किसान की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने शुक्रवार की शाम करीब चार बजे जवाहरपुरी पुलिस चौकी के सामने शव रखकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस दौरान परिजनों ने लेखपाल समेत पांच लोगों खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग की. पुलिस ने देर रात करीब नौ बजे रिपोर्ट दर्ज की. इसके बाद जाम खोला गया.
जानकारी के अनुसार, सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के नगला शर्की निवासी रूम सिंह ने गुरुवार को करीब तीन बजे सदर तहसील में जहरीला पदार्थ खा लिया था, जिससे उनकी हालत बिगड़ गई थी. जिसके बाद उन्हें बरेली के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. जिसके बाद इलाज के दौरान गुरुवार की रात मौत हो गयी. शुक्रवार सुबह शव का बरेली में ही पोस्टमार्टम कराया गया. परिवार वालों का आरोप था कि रूम सिंह ने नायब तहसीलदार आशीष सक्सेना, लेखपाल कुलदीप भारद्वाज और एक महिला एकता वार्ष्णेय से तंग होकर जान दी है.
जानकारी के अनुसार, वह करीब आठ साल से अपनी जमीन को लेकर भागदौड़ कर रहे थे. लेकिन लेखपाल और नायब तहसीलदार सुनने को तैयार नहीं थे. इसके बाद किसान ने नायब तहसीलदार के कोर्ट में जहरीला पदार्थ गटक लिया. किसान के मौत के बाद परिवार वालों ने शुक्रवार की शाम करीब चार बजे जवाहरपुरी पुलिस चौकी के सामने सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया. इससे कचहरी-दातागंज तिराहा रोड पूरी तरह से बंद हो गया.
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सूचना पर एसडीएम एसपी वर्मा भी मौके पर पहुंच गए. वह कार्रवाई का आश्वासन देते रहे, लेकिन परिवार वाले एफआईआर दर्ज कराने की मांग पर अड़े रहे. जिसके बाद शहर कोतवाली पुलिस ने रूम सिंह के बेटे संदीप राठौर की तहरीर पर नायब तहसीलदार आशीष सक्सेना, लेखपाल कुलदीप भारद्वाज, एकता वार्ष्णेय पत्नी संजय रस्तोगी समेत पांच लोगों के खिलाफ धारा 167 व धारा 306 आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज की.