UP News : यूपी के गांवों में दूध की धार बहाने को सीएम योगी ने तैयार किया मास्टर प्लान, होगा पशुपालक को लाभ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य है. इस दिशा में अभी और काम करने की जरूरत है. गांवों में दूध का उत्पादन उद्योग की जगह ले सके इसी परिकल्पना के साथ सीएम योगी ने सोमवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की.
लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कहना है कि उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य है. गांवों में दुग्ध सहकारी समितियां गठित कर दुग्ध उत्पादकों को गांव में ही उनके दूध के उचित मूल्य पर विक्रय की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए नन्द बाबा दुग्ध मिशन योजना संचालित की गई है. इसके अच्छे परिणाम मिले हैं. दुग्ध उत्पादकों को इसका लाभ दिलाया जाए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को क्षेत्र में नियमित किसानों- पशुपालकों के बीच जाने का निर्देश दिया है.
दुग्ध समितियों में महिलाओं की भूमिका बढ़ेगी
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में दुग्ध समितियों ने दुग्ध उत्पादन, संग्रह, विक्रय आदि में अभूतपूर्व कार्य किया है. इससे हमारे पशुपालकों की आय में बढ़ोतरी हुई है. सीएम ने बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर जैसी संस्थाओं के कार्य को भी अनुकरणीय कार्य बताया है. उन्होंने सभी जनपदों में दुग्ध समितियों के गठन को और विस्तार देने की जरूरत बतायी है. दुग्ध समितियों में महिलाओं की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए उनकी सहभागिता बढ़ाने के भी निर्देश दिये हैं.
पांच बड़े शहरों में पीपीपी मॉडल पर बनेंगे डेयरी प्लांट
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद कानपुर, मुरादाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़ और प्रयागराज में निजी क्षेत्र के सहयोग से नए डेयरी प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है. इस सम्बंध में मंत्रिपरिषद के निर्णयानुसार आवश्यक करने के लिए अधिकारियों को कहा है. सभी 17 नगर निगम और नगर पालिका वाले जिला मुख्यालयों पर कैटल कैचर वाहन की उपलब्धता सुनिश्चित की जायेगी.
ई-कामर्स पोर्टल से जुड़े 71,068 उपभोक्ता
पशुपालकों को आपातकालीन सहायता के लिए टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. यहां कभी भी कोई भी पशुपालक चिकित्सक से परामर्श प्राप्त कर सकता है. पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, विक्रय, नस्ल सुधार को लेकर साप्ताहिक समीक्षा के भी निर्देश दिए हैं. दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों की ऑनलाइन बिक्री की व्यवस्था के लिए ई-कामर्स पोर्टल (http://paragdairy.com) को मजबूत बनाने के निर्देश दिए हैं. अब तक 71,068 उपभोक्ता, 89 महिला स्वयं सहायता समूह व 215 पराग मित्र जोड़े जा चुके हैं.