यूपी के पहले फॉरेंसिक साइंस इंस्टीट्यूट में प्रवेश प्रक्रिया शुरू, 12वीं पास को मिलेगा दाखिला, ऐसे करें आवेदन
उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस (UPSIFS) ने प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है. शैक्षणिक सत्र (2023-24) के लिए ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट डिग्री व डिप्लोमा के कोर्सेज के लिए आवेदन मांगे गए हैं. यहां जानिए कैसे करें आवेदन.
Lucknow : उत्तर प्रदेश स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस (UPSIFS) ने प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है. शैक्षणिक सत्र (2023-24) के लिए ग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट डिग्री व डिप्लोमा के कोर्सेज के लिए आवेदन मांगे गए हैं. बाहरवीं पास करने के बाद जो छात्र फॉरेंसिक साइंस जैसे कोर्स की पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हें सुनहरा मौका है. अब आपको अपने प्रदेश में ही फॉरेंसिक साइंस, फॉरेंसिक डॉक्यूमेंट इग्जामिनेशन, डीएनए फॉरेंसिक, फॉरेंसिक बैलिस्टिक एवं एक्स्प्लोसिव्स और साइबर सिक्योरिटी जैसे कोर्सों में एडमिशन मिलेगा. यह एडमिशन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से होगा.
यहां जानिए एडमिशन के लिए कैसे करें आवेदनइसके लिए छात्र इंस्टीट्यूट के आधिकारिक वेबसाइट https://upsifs.org पर विजिट करके एडमिशन से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के बाद आवेदन कर सकते हैं. आपको बता दें कि बीएससी व एमएससी फॉरेंसिक साइंस दो साल का कोर्स है, जबकि पीजी डिप्लोमा इन फॉरेंसिक डॉक्यूमेंट इग्जामिनेशन, डीएनए फॉरेंसिक, फॉरेंसिक बैलिस्टिक एवं एक्स्प्लोसिव्स और साइबर सिक्योरिटी कोर्स एक वर्ष के हैं. प्रवेश के लिए आवेदन शुल्क सामान्य और पिछड़ा वर्ग के लिए 500 रुपये तो वहीं अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति व ईडब्ल्यूएस के लिए 250 रुपये रखा गया है.
उ0प्र0 स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फोरेंसिक साइंसेज, लखनऊ @upsifsUp में जुलाई से प्रारंभ होने वाले शैक्षणिक सत्र (2023-24) में, शैक्षणिक अर्हता पूर्ण करने वाले इच्छुक छात्र प्रवेश हेतु विस्तृत जानकारी के लिये कृपया https://t.co/YH1vN2j2VN पर लॉगिन करें।#UPSIFS pic.twitter.com/lS8ZlFLaCO
— UP POLICE (@Uppolice) May 12, 2023
गौरतलब है कि सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश में पहला फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट संचालित किया जा रहा है. यूजीसी की नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप इसे तैयार किया गया है. यह संस्थान राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय गांधीनगर से संबद्ध है. क्राइम सीन मैनेजमेंट, क्राइम लैब एनालिसिस और कोर्ट की कार्यवाही की पढ़ाई कराई जाएगी. इसके लिए संस्थान के अंदर आधुनिक लैब भी खोले गए हैं. इस संस्थान के जरिए आपराधिक न्याय प्रणाली को मजबूत करने के लिए फोरेंसिक विशेषज्ञों की आवश्यकता को पूरा किया जाएगा. प्रत्येक कोर्स में 40-40 बच्चों का बैच चलाया जाएगा.
कोर्स करने वालों को पुलिस महकमे में जगह देने का लक्ष्यइस संस्थान के डॉयरेक्टर डॉ. जीके गोस्वामी ने बताया कि अगर कोई स्टूडेंट एक साल की पढ़ाई करता है तो उसे सर्टिफिकेट मिलेगा, जबकि दो साल की पढ़ाई करने पर डिप्लोमा, तीन साल की पढ़ाई पर साधारण यूजी, चार साल की पढ़ाई पर आनर्स और पांच साल की पढ़ाई पर मास्टर डिग्री मिलेगी. ज्यादा से ज्यादा रोजगार सुनिश्चित करने के लिए सभी कोर्सज को डिजाइन किया गया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में बेहतरीन शिक्षा दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारी कोशिश है कि पुलिस महकमे में सिपाही और सब इंस्पेक्टर की भर्ती में फॉरेंसिक साइंस की डिग्री पर कुछ छूट भी दी जाए.