लखनऊ. सपा नेता आजम खान के बेटा एवं पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को उच्च न्यायालय से कोई राहत नहीं मिली है. अब्दुल्ला आजम ने मुरादाबाद की कोर्ट द्वारा 13 फरवरी को सुनायी गयी दो साल की सजा को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. कोर्ट ने उनके वकील की दलील को अस्वीकार करते हुए याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने इस दलील को खारजि कर दिया कि घटना के समय वह नाबालिग था.
29 जनवरी 2008 को मुरादाबाद जिले के छजलैट में आजम खान और अब्दुल्ला आजम एक कार में सवार थे.पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान आजम खान की कार को रोक दिया था.पुलिस चेकिंग पर आजम खान ने आपत्ति जतायी. अपने नेता की कार रोके जाने पर सपाईयों ने हाईवे जाम कर दिया था. मामला सुर्खियों में रहा था. पुलिस ने एफआइआर दर्ज की थी. आजम खान और अब्दुल्ला आजम को भी आरोपी बनाया था. 13 फरवरी को मुरादाबाद की कोर्ट ने आजम खां और अब्दुल्ला आजम को दो-दो साल की सजा सुनाई थी.
अब्दुल्ला ने इस सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट में अपील करने के आदेश दिया. साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट को जल्द सुनवाई के भी निर्देश दिये थे. हाइकोर्ट ने 11 अप्रैल को दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. अब्दुल्ला आजम स्वार टांडा सीट से विधायक थे. दो साल की सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधान सभा की सदस्यता रद कर दी गयी है. चुनाव आयोग ने इस सीट पर उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. नामांकन की प्रक्रिया चल रही है.