संगीत से आगरा फोर्ट के दीवान-ए-आम में दरार, एएसआई चार महीने में दिल्ली को खबर तक नहीं कर पाया
पिछले चार महीनों में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल पर हुए नुकसान की मरम्मत के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है.
लखनऊ . आगरा किले का ग्रेट हॉल दीवान-ए-आम में 11 फरवरी को जी -20 मेहमानों के लिए ” तेज संगीत” का सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, छत में गहरी दरारें होने के बाद पर्यटकों के लिए यह आंशिक रूप से बंद कर दिया गया था.पिछले चार महीनों में, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल पर हुए नुकसान की मरम्मत के लिए कोई कार्रवाई नहीं की है.
नुकसान की कोई रिपोर्ट दिल्ली मुख्यालय को नहीं भेजी
टाइम्स ऑफ इंडिया ने एक आरटीआई के जरिए यह खुलासा किया है. पता चला है कि एएसआई के आगरा सर्कल के अधीक्षण पुरातत्वविद् के कार्यालय ने आगरा किले में नुकसान की कोई रिपोर्ट दिल्ली मुख्यालय को नहीं भेजी है.पिछले चार महीनों में किला को क्षति किस कारण हुई इसका कोई कारण दर्ज नहीं किया गया है. 1 फरवरी, 2023 से आगरा किले में आए नुकसान से संबंधित जानकारी के लिए आरटीआई के जवाब में, एएसआई के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी महेश चंद मीणा ने 30 मई को दावा किया, “सवाल स्पष्ट नहीं है बाद में प्रथम अपील के जवाब में अधीक्षण पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल ने 16 जून को सूचित किया, “कोई पत्राचार नहीं हुआ है. इसलिए सवाल ही नहीं उठता.”
संगीत की धमक से 2 से 6 मिमी चौड़ी दरारें
सूत्रों के अनुसार, दीवान-ए-आम की छत पर 2 मिमी से 6 मिमी चौड़ी दरारें किले में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान तेज संगीत के कारण हो सकती हैं. 19 फरवरी को दीवान-ए-आम में शिवाजी की जयंती के रूप में एक और बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया. 70 से अधिक कलाकारों ने महाराष्ट्रियन संस्कृति और 17वीं शताब्दी के मराठा शासक के युग पर प्रदर्शन किया. एएसआई ने पहले इस कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
स्मारक के क्षतिग्रस्त हिस्से की बैरिकेडिंग
दीवान-ए-आम की कोठरी में दरारें आने के बाद, एएसआई ने एहतियात के तौर पर स्मारक के क्षतिग्रस्त हिस्से की बैरिकेडिंग कर दी थी, ताकि पर्यटकों को नुकसान न हो. दरार की चौड़ाई भिन्नता को मापने के लिए टेल-टेल ग्लास भी लगाए जा रहे हैं. एएसआई के एक कर्मचारी ने पुष्टि की कि पिछले चार महीनों में कुछ टेल-टेल ग्लास टूट कर गिर गए हैं, जो दरारें चौड़ी होने का संकेत देते हैं. अधीक्षण पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल ने कहा, “दीवान-ए-आम में दरारों का आकलन पूरा हो गया है. पूरे मामले पर संबंधित अधिकारियों से चर्चा की गई है. जल्द ही आवश्यक संरक्षण कार्य किया जाएगा.”