Lucknow News: यूपी में ‘हर घर सोलर अभियान’ शुरू होने जा रहा है. इसके जरिए रूपटॉप संयंत्र लगाने का विशेष अभियान दो प्रमुख शहरों में चलाया जाएगा. इस अभियान का मकसद उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना है. प्रदेश में सोलर एनर्जी को बढ़ावा दे रही योगी आदित्यनाथ सरकार महात्मा गांधी की जयंती 2 अक्टूबर से पूरे महीने लखनऊ और वाराणसी सोलर सिटी में ‘हर घर सोलर अभियान’ आयोजित करने जा रही है. इस अभियान का उद्देश्य यूपीनेडा की ओर से सोलर एनर्जी पालिसी-2022 के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित 6000 मेगावाट सोलर रूपटॉप संयंत्र के आवासीय और व्यवसायिक लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में प्रयास करना है. यूपीनेडा के निदेशक अनुपम शुक्ला ने बताया कि ‘हर घर सोलर अभियान’ के अंतर्गत पहला बूट कैम्प लखनऊ के विकासभवन और वाराणसी में नगर निगम कार्यालय के निकट आयोजित किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं के हित में आयोजित इस कैम्प में आवासीय एवं व्यवसायिक उपभोक्ताओं के साथ-साथ अन्य विभिन्न विभागों के सम्बधित अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा भी प्रतिभाग किया जाएगा. कैम्प के दौरान सोलर रूपटॉप संयंत्र की स्थापना के सम्बन्ध में लोगों को विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी. साथ ही आवेदन की प्रक्रिया तथा नेट-मीटर की स्थापना की प्रक्रिया के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी. कोई भी व्यक्ति इन स्थानों पर पहुंचकर रूपटॉप संयंत्र लगाने के लिए आवेदन और अन्य जानकारी हासिल कर सकता है. इसके साथ ही विभाग से भी इस सबंध में जानकारी मिल सकती है.
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दरअसल देश में ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार सौर ऊर्जा (Solar Energy) को प्रोत्साहित करने का काम कर रही है. इसके लिए सौर ऊर्जा संयंत्रों की खरीद पर सब्सिडी भी दी जा रही है. इसके साथ ही सरकारी इमारतों में भी सौर ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सौर ऊर्जा को आज की जरूरत के हिसाब से सबसे बेहतर विकल्प बताया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सौर ऊर्जा की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. स्कूलों में सौर ऊर्जा के उपयोग से बच्चों में जागरूकता आएगी.
इसके साथ ही साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 500 गीगावाट ग्रीन एनर्जी के प्रयोग में लाए जाने के सपने को भी बढ़ावा मिलेगा. प्रदेश में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए इंडियन ऑयल, गेल इंडिया और यूपी नेडा के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए गए हैं. इस एमओयू के जरिए रायबरेली के सभी माध्यमिक स्कूलों को सौर ऊर्जा की रोशनी से जगमग करने की पहल की गई है. योजना के पहले चरण में रायबरेली के 200 के करीब माध्यमिक स्कूलों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगवाये जा रहे हैं. रायबरेली के सभी माध्यमिक स्कूलों में सोलर प्लान्ट्स का इन्सटालेशन हो जाने के बाद लखनऊ, सीतापुर, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, हरदोई और प्रतापगढ़ के भी सभी माध्यमिक स्कूलों को सौर-उर्जा से जगमग किया जाएगा.
भारतीय जनता पार्टी के विधान परिषद सदस्य अवनीश कुमार सिंह के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर स्कूलों को सौर ऊर्जा से जगमग करने की योजना संभव हो पाई है. सभी संयंत्र नेट मीटरिंग से जुड़े होंगे, जिससे माध्यमिक स्कूल हर साल अपनी जरूरत की बिजली इस्तेमाल के बाद बाकी बिजली सौर ऊर्जा ग्रिड में देकर आय भी प्राप्त कर सकेंगे. उन्होंने बताया कि योजना का सारा खर्च विधायक निधि और कंपनियों के सीएसआर से निकाला जायेगा.दरअसल योगी आदित्यनाथ सरकार भविष्य की जरूरतों को देखते हुए सोलर एनर्जी को लेकर कई अहम कदम उठा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजली उत्पादन के लिए ‘सौर ऊर्जा’ को बढ़ावा देने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है.
अगले पांच साल में राज्य में बिजली की खपत 53,000 मेगावॉट तक बढ़ने और इसके बाद हर साल इसमें 16 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है. इसके लिए राज्य सरकार सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में 18 सौर शहरों (सोलर सिटी) का निर्माण करेगी, जिसमें पहले चरण में नोएडा और अयोध्या को ‘सोलर सिटी’ के रूप में विकसित किया जाएगा. इस स्थिति में उत्तर प्रदेश सरकार ने पारंपरिक ऊर्जा प्रणाली, ताप और पन बिजली पर निर्भरता कम करने की दिशा में तेजी से आगे कदम बढ़ाया है. इसकी मुख्य वजह ताप और पनबिजली के जरिये बिजली उत्पादन में आने वाले भारी-भरकम खर्च से बचना और प्रदूषण के बढ़ते स्तर को कम करना है. इससे उद्योग जगत के साथ साथ प्रदेशवासियों को भी सस्ती बिजली मिल सकेगी.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मुताबिक प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सबसे अहम भूमिका बिजली की होगी. सरकार की नीतियों को देखते हुए विदेश के साथ देश के विभिन्न राज्यों के निवेशक यहां पर बड़े पैमाने पर निवेश करने के लिए आ रहे हैं. ऐसे में औद्योगिक गतिविधियों को चलाने के लिए बिजली की मांग काफी बढ़ जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को इस खपत को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए राज्य सरकार नई उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022 भी लेकर आई है, जिसके तहत सौर ऊर्जा को बढ़ाने के लिए कई तरह की रियायतें दी गई हैं.
प्रदेश सरकार सौर ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ाने के लिए प्रदेश में 18 सौर शहरों (सोलर सिटी) का निर्माण करेगी, जिसमें पहले चरण में नोएडा और अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की दिशा में काम किया जा रहा है. इसके बाद प्रदेश के 16 नगर निगमों को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा.इन सोलर सिटी से प्रदेश में कुल बिजली उत्पादन का 10 प्रतिशत बिजली उत्पादन सौर से किया जाएगा. साथ ही इसे साल दर साल बढ़ाया जाए ताकि निवेशकों के साथ प्रदेशवासियों को सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सके.
सौर ऊर्जा का उत्पादन बढ़ाने के लिए बुंदेलखंड क्षेत्र में सौर पार्क का निर्माण तेजी से चल रहा है. वहां एक सौर पार्क बनाया जा रहा है, जिससे रोजाना 4,000 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होगा. दूसरी ओर, राज्य के विभिन्न जिलों में सौर ऊर्जा की आपूर्ति के लिए हरित गलियारे बनाए जाएंगे. सौर पार्क के पहले चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि एवं आपूर्ति के लिए बने बिजली फीडर से सौर ऊर्जा की आपूर्ति की जाएगी. इसके साथ ही सिंचाई के लिए इस्तेमाल होने वाले पंप पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित होंगे.