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Ghosi By Election Result: बुरे फंसे दारा सिंह, मंत्री पद मिलना दूर विधायकी भी गई, ऐसे भारी पड़े सुधाकर सिंह

Ghosi By Election Result: सियासी विश्लेषकों के मुताबिक भाजपा रणनीतिकार भी इस बात को समझ चुके थे उपचुनाव फंस सकता है. इसलिए चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में दारा सिंह चौहान के बजाय भाजपा नेतृत्व के नाम पर वोट मांगे जाने लगे. हालांकि दारा सिंह चौहान को लेकर नाराजगी भारी पड़ी.

Ghosi By Election Result: उत्तर प्रदेश में मऊ जनपद की घोसी विधानसभा सीट (Ghosi By Election) के नतीजों ने सत्तारूढ़ दल को करारा झटका दिया है. एक साल पहले हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा (BJP) का इस सीट पर मिली शिकस्त उपचुनाव में भी जारी रही. पार्टी प्रत्याशी दारा सिंह चौहान (Dara Singh Chauhan) अपनी सीट बचाने में नाकाम रहे और सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह (Sudhakar Singh) ने उनसे से ये सीट छीन ली. इस जीत के साथ समाजवादी पार्टी सहित​ विपक्ष के नेता बेहद उत्साहित हैं, वहीं भाजपा खेमे में मायूसी है.

Ghosi By Election Result: अखिलेश बोले जनता ने भाजपा को पचास हजारी पछाड़ दी

सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने भाजपा के दारा सिंह चौहान को 42276 वोट से हराया. सुधाकर सिंह को 124295 वोट मिले. पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुधाकर सिंह की जीत पर घोसी की जनता को बधाई दी. उन्होंने कहा कि घोसी की जनता ने भाजपा को ‘पचास हजारी पछाड़’ दी है. ये भाजपा की राजनीतिक ही नहीं, नैतिक हार भी है. वहीं पार्टी की ओर से ट्वीट में कहा गया कि विधानसभा उपचुनाव में सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह की प्रचंड जीत के लिए घोसी की महान जनता का हृदय से आभार. समाजवादी पार्टी के एक एक कार्यकर्ता, बूथ व सेक्टर प्रभारी तथा उन सभी नेतागणों का भी धन्यवाद जिन्होंने इस जीत में अपना अपना योगदान दिया.

Ghosi By Election Result: ओमप्रकाश राजभर बोले ईवीएम के सही होने का प्रमाण

मतगणना के कुछ घंटे पहले तक भाजपा की जीत का दावा कर रहे सुभासपा प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने भी इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि घोषी की जनता के फैसले का हम स्वागत करते हैं. विपक्ष वाले जब हारते हैं तो ईवीएम का दोष देते हैं. लेकिन, अब तो यह प्रमाण हो गया है कि ईवीएम सही है. रालोद अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह ने भी ट्वीट कर घोसी की जनता का धन्यवाद किया है. साथ ही उन्होंने लिखा कि घोसी से प्रत्याशी सुधाकर सिंह और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को बधाई.

Ghosi By Election Result:पोस्टल बैलट से बढ़त का सिल​सिला हुआ शुरू

घोसी विधानसभा सीट पर पोस्टल बैलट की गिनती के साथ ही सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने अपनी बढ़त बनाए रखी. इसके बाद ईवीएम से मतों की गिनती के साथ उनकी बढ़त का सिलसिला जारी रहा. दारा सिंह चौहान की ओर से जिस तरह से दावे किए जा रहे थे, मतदान के नतीजों से साफ है कि वह जनता का मन पढ़ने में नाकाम रहे. विधानसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी के तौर पर दारा सिंह चौहान से जब जीत दर्ज की तो उन पर जनता ने अपना पूरा भरोसा जताया.

Ghosi By Election Result: अमित शाह से मुलाकात के बाद चर्चा में आए दारा सिंह चौहान

इसके बाद बीते दिनों अचानक दारा सिंह चौहान की जब अमित शाह से मुलाकात हुई तो सियासी समीकरण बदलते नजर आए. दारा सिंह चौहान ने अपनी सीट से इस्तीफा देने के साथ समाजवादी पार्टी से भी त्यागपत्र दे दिया. उन्होंने सपा पर कई आरोप भी लगाए. इसे सपा और खासतौर पर अखिलेश यादव के लिए करारा झटका माना जा रहा था, क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान जब दारा सिंह चौहान भाजपा छोड़कर सपा में शामिल हुए थे, तो पार्टी ने इसका काफी प्रचार करते हुए सत्तारूढ़ दल पर कटाक्ष किया था.

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Ghosi By Election Result: मतदाताओं को रास नहीं आया दारा सिंह चौहान का कदम

इसके बाद से ही संभावना जताई जा रही थी कि दारा सिंह चौहान दोबारा सियासी मैदान में उतरेंगे, लेकिन इस बार भाजपा प्रत्याशी के तौर पर. उन्हें यकीन था कि इस सीट पर उनका कब्जा बरकार रहेगा. लेकिन, जनता को अचानक बिना किसी वजह के दारा सिंह चौहान का घोसी विधानसभा सीट से इस्तीफा देना और फिर भाजपा में शामिल होना रास नहीं आया. इसे लेकर उनका विरोध भी काफी बढ़ गया. हालांकि भाजपा की ताकत और चुनाव प्रचार के बल पर जीत के दावे किए जात रहे.

Ghosi By Election Result: भाजपा की बदली रणनीति भी नहीं आई काम

सियासी विश्लेषकों के मुताबिक अंदर ही अंदर भाजपा रणनीतिकार भी इस बात को समझ चुके थे. इसलिए चुनाव प्रचार के अंतिम दिनों में दारा सिंह चौहान के बजाय भाजपा नेतृत्व के नाम पर वोट मांगे जाने लगे. पार्टी ने पूरी कोशिश की, कि केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार के काम और विकास के नाम पर मतदाताओं को आकर्षित किया जाए. हालांकि दारा सिंह चौहान को लेकर नाराजगी भारी पड़ी और आखिरकार उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा.

Ghosi By Election Result: दो बार विधायक रह चुके हैं सुधाकर सिंह

सपा प्रत्याशी सुधाकर सिंह दो बार पहले भी विधायक रह चुके हैं. वह वर्ष 1996 में नत्थूपुर विधानसभा सीट से विधायक बने थे. परिसीमन के बाद इस सीट का नाम बदलकर घोसी कर दिया गया. 2012 के चुनाव में भी सुधाकर सिंह यहां से जीते. वर्ष 2017 के चुनाव में सपा ने सुधाकर सिंह को एक बार फिर टिकट दिया. लेकिन, तब भाजपा प्रत्याशी फागू सिंह चौहान ने उन्हें शिकस्त दे दी. वर्ष 2020 में इस सीट पर हुए उपचुनाव में भी सुधाकर सिंह को पराजय मिली.

Ghosi By Election Result:2022 के चुनाव में भाजपा छोड़कर सपा में आए दारा सिंह चौहान

वर्ष 2022 के चुनाव में भाजपा छोड़कर सपा में आए तत्कालीन कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान को पार्टी ने यहां से लड़ाया और उन्होंने जीत दर्ज की. हाल ही में दारा सिंह चौहान अपनी विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र भाजपा में शामिल हो गए. घोसी विधानसभा सीट पर 2022 के चुनाव नतीजों पर नजर डालें, तो दारा सिंह चौहान 108430 वोट पाकर ही जीत गए थे. लेकिन, भाजपा ने उनका काफी दूर तक पीछा किया. बसपा के वसीम इकबाल 54 हजार वोटों के साथ तीसरे नंबर पर थे.

Ghosi By Election Result: ओमप्रकाश राजभर की कोशिशें नहीं आई काम

घोसी विधानसभा सीट पर सियासी समीकरण पर नजर डालें तो सपा के सामने इस सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने की चुनौती थी. इस विधानसभा क्षेत्र में राजभर मतदाताओं की संख्या अधिक है. पिछली बार 2022 में सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर सपा के साथ थे. इस बार वह एनडीए में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में उपचुनाव कठिन माना जा रहा था. ओमप्रकाश राजभर ने दारा सिंह चौहान के पक्ष में सभा भी की. लेकिन, ये कोशिशें काम नहीं आई.

Ghosi By Election Result: यूपी में विपक्ष का सबसे बड़ा चेहरा बनने का सपा का दावा

दारा सिंह चौहान की नोनिया जाति के भी मतदाता यहां निर्णायक भूमिका में माने जाते हैं. सपा की कोशिश रही कि वह दारा सिंह चौहान और ओमप्रकाश राजभर के साथ छोड़ने के बावजूद यहां से खुद को मजबूत साबित करने की कोशिश करे, जिससे लोकसभा चुनाव से पहले I-N-D-I-A बनाम NDA की लड़ाई में वह खुद को मजबूत स्तंभ साबित कर सके. इस कोशिश में सफल होने के बाद अब वह I-N-D-I-A के घटक दलों में यूपी में खुद को नंबर वन साबित करने का दावा और मजबूत कर सकेगी.

Ghosi By Election Result: भाजपा के लिए प्रतिष्ठा की थी लड़ाई

दूसरी ओर भाजपा के लिए भी यह सीट प्रतिष्ठा का विषय रही. जिस तरीके से वह लोकसभा चुनाव में ​यूपी में मिशन 80 के तहत सभी सीटें जीतने का दावा कर रही है, उसके लिए जरूरी था कि उपचुनाव में उसका प्रत्याशी भारी मतों से विपक्ष के उम्मीदवार को शिकस्त दे. इसके जरिए भगवा खेमे का पूर्वांचल में अपनी ताकत और मजबूत होने का दावा करने की रणनीति थी. हालांकि ये योजना सफल नहीं हो सकी. फिलहाल के तौर पर I-N-D-I-A बनाम NDA की इस लड़ाई में विपक्ष का पलड़ा भारी रहा.

Ghosi By Election Result:मंत्री पद तो दूर विधायकी भी गई हाथ से

अगर दारा सिंह चौहान 2022 वाला करिश्मा दोहराने में कामयाब होते, तो योगी सरकार में उनका मंत्री बनना तय माना जा रहा था. लेकिन, इस हार के साथ न सिर्फ पूर्वांचल में भाजपा का योजना फेल हुई है, बल्कि दारा सिंह चौहान को भी करारा झटका लगा है. मंत्री पद तो दूर उनकी विधायकी भी चली गई.

Ghosi By Election Result: दारा सिंह चौहान का सियासी सफर

दारा सिंह चौहान के सियासी इतिहास पर नजर डालें तो 1996 से लेकर 2022 तक दारा सिंह चौहान बसपा से लेकर सपा और भाजपा के साथ वक्त और मौका देखकर रिश्ता जोड़ते और तोड़ते आए हैं. ऐसा पहली बार था, जब किसी दल से हाथ छुड़ाकर उन्होंने दोबारा इतनी जल्दी हाथ मिला लिया. 2022 के चुनाव से ठीक पहले भाजपा से अलग होकर दारा चौहान ने सपा का दामन थाम लिया था. हालांकि, अखिलेश की सरकार नहीं बन सकी, तो उन्होंने फौरन पैंतरा बदलते हुए भाजपा में वापसी कर ली.

देखा जाए तो पूर्वांचल का मऊ जनपद और यहां का चुनावी समर दारा सिंह चौहान के लिए नई बात नहीं है. 2009 में वो पहली बार मऊ जिले की घोसी लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव जीते चुके हैं. 2017 में भाजपा के टिकट पर घोसी के पड़ोस वाली मधुबन विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव जीतकर पिछली योगी सरकार में मंत्री भी बने थे. फिर 2022 में सपा के टिकट पर घोसी विधानसभा से जीत दर्ज की थी. ऐसा पहली बार था कि वह मऊ जिले में विधानसभा चुनाव किसी पार्टी के टिकट पर दोबारा लड़े.

Ghosi By Election Result: सियासी मैदान में बदल गए समीकरण

दारा सिंह चौहान के सामने घोसी का चुनावी मैदान तो वही था, लेकिन चुनौती पूरी तरह बदल गई थी. 2022 में वो सपा के टिकट पर भाजपा के विजय राजभर को 22 हजार वोटों से हराकर जीते थे, लेकिन, इस बार उन्हें भाजपा के टिकट पर हार का सामना करना पड़ा.

Ghosi By Election Result: मऊ जनपद की विधानसभा सीटों पर सपा का दबदबा

मऊ जनपद की बात करें तो यहां की चार विधानसभा सीटों में अब तक सपा का दबदबा है. घोसी और मोहम्मदाबाद गोहना सीट 2022 में सपा के खाते में आई थी. मऊ सदर सीट सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (SBSP) के टिकट पर बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने जीती थी. भाजपा को मधुबन विधानसभा सीट पर जीत मिली थी. घोसी की जीत के साथ सपा ने अपनी विधानसभा सीटों की संख्या बनाए रखी है.

Ghosi By Election Result: जातीय समीकरण अपने पक्ष में करने में भाजपा नाकाम

घोसी विधानसभा सीट की बात करें तो यहां सबसे ज्यादा वोट मुस्लिम के हैं. शिया 45 और सुन्नी 35 हजार हैं यानी कुल 80 हजार. दूसरे नंबर पर 70 हजार की संख्या के साथ मल्लाह वोटर हैं. तीसरे नंबर पर आते हैं दलित, जिनके वोट करीब 60 हजार हैं. दारा सिंह चौहान जिस बिरादरी से आते हैं, वो नोनिया चौहान वोटर हैं. उनकी संख्या 45 हजार है. इसके अलावा राजभर वोट भाजपा को यहां मिलते रहे हैं. इसलिए 35 हजार राजभर मतदाताओं पर भाजपा और सपा दोनों की नजरें थी. हालांकि भाजपा जातीय समीकरण अपने पक्ष में करने में नाकाम रही.

देखा जाए तो दारा सिंह चौहान की लड़ाई पहले दिन से आसान नहीं थी. उनकी सबसे बड़ी चुनौती थी कि वो सपा के यादव और मुस्लिम समीकरण का मजबूती से मुकाबला करें. इन दोनों बिरादरी के वोट लगभग शत प्रतिशत पड़ते हैं. ऐसे में दारा सिंह चौहान को जीत के लिए बड़े मार्जिन की जरूरत थी. लेकिन, वह ऐसा करने में सफल नहीं हुए. बसपा के उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारने का फायदा भी उन्हें नहीं मिला.

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