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Ghosi Bypoll Result : 327 मतदान केंद्र पर हारी भाजपा, मुस्लिम क्षेत्र में बूथ प्रबंधन फेल, 10 से कम वोट

Ghosi By Election 2023: घोसी विधान सभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान की एकतरफा हार हुई है. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने 42,759 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की है. सुधाकर सिंह को 1.24 लाख 427 वोट मिले हैं. इससे भाजपा के बूथ प्रबंधन को लेकर भी सवाल उठा है.

By अनुज शर्मा | September 10, 2023 5:44 PM

Ghosi By Election 2023: घोसी विधान सभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान की एकतरफा हार हुई है. समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सुधाकर सिंह ने 42,759 वोटों के बड़े अंतर से जीत हासिल की है. सुधाकर सिंह को 1.24 लाख 427 वोट मिले हैं.उनको 57.19 फीसदी वोटरों ने अपना मत दिया. भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को 37.54 फीसदी वोटरों ने पसंद किया. चौहान को 81,668 वोट मिले. वह सपा प्रत्याशी को मिले कुल मत से 19.65 फीसदी वोटों से पीछे रह गए. चुनाव आयोग द्वारा जारी आधिकारिक आंकड़े बता रहे हैं कि यहां पर भाजपा ने बूथ प्रबंधन की जो रणनीति बनाई थी वह भी बेअसर साबित हुई है. भाजपा घोसी के कुल 455 में से 327 बूथों पर हारी है.

भाजपा 128 बूथ पर ही आगे रही

चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार घोसी उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान को कुल 455 मतदान केंद्रों में 128 बूथ पर आगे रही. बाकी जगह वह पीछे ही रही. यही नहीं, जिन बूथों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अधिक थी उनमें कई पर वह दस वोट भी नहीं हासिल कर सके. बूथ संख्या 155 ऐसा ही एक बूथ था. यहा पर दारा सिंह चौहान को केवल नौ वोट ही मिले. इसके विपरीत सुधाकर सिंह को 579 मत मिले. बूथ नंबर 132 पर दारा को 17 वोट तो सपा को 494 वोट मिले. बूथ नंबर 146 पर भाजपा को नौ वोट मिले वहीं सुधाकर सिंह 603 वोट पाने में सफल रहे. ऐसे बूथ जहां पर भाजपा 50 से कम वोट हासिल कर सकी उनकी संख्या भी कम नहीं है. दारा सिंह चौहान को मिले.बूथ 133 पर दारा सिंह को 16, बूथ 146 पर नौ, बूथ नंबर 147 पर 26, बूथ नंबर 151 पर 17 वोट, बूथ नंबर 154 पर 12 वोट जबकि 190 पर भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान को 38 वोट मिले.

घोसी में उपचुनाव एक परीक्षा थी: सपा

शुक्रवार (8 सितंबर) को घोसी के विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार सुधाकर सिंह की जीत की घोषणा के एक दिन बाद सपा नेता एवं पूर्व एमएलसी उदयवीर सिंह ने रविवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि घोसी में उपचुनाव I.N.D. I. A . की एकता के लिए एक परीक्षा थी. और “उपचुनाव के परिणाम ने आशा दी है कि इंडिया गठबंधन आगामी लोकसभा चुनाव में केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को हरा देगा . सिंह ने कहा, “घोसी उपचुनाव विधानसभा सीट का चुनाव कुछ ऐसा था जिसे पूरा देश देख रहा था .भले ही छह राज्यों में सात अलग-अलग स्थानों पर उपचुनाव हुए थे, लेकिन उनमें से सबसे महत्वपूर्ण घोसी में उपचुनाव था .घोसी में उपचुनाव एक परीक्षा थी, क्योंकि हमारी पार्टियों के कई नेता चले गए थे और कई भाजपा में शामिल हो गए थे.

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घोसी की जीत विपक्ष की उम्मीद

सपा नेता ने आगे कहा, “लोकसभा चुनाव अगले साल होगा, और अगर किसी गठबंधन ने घोसी उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है, तो संभावना अधिक है कि यह उत्तर प्रदेश और देश में और भी बेहतर करेगा .जिस तरह समाजवादी पार्टी ने गठबंधन के तहत भारी अंतर से अपनी जीत दर्ज की है, उसके परिणाम ने सभी को उम्मीद जगाई है .आगामी चुनाव में हम और भी बेहतर करने वाले हैं .” भाजपा पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अपने फायदे के लिए विभिन्न एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है .”केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके, भाजपा प्रतिद्वंद्वी दलों को चुनाव लड़ने से रोक रही है.”

I.N.D. I. A . गठन के बाद पहला चुनाव

गौरतलब है कि छह राज्यों में सात विधानसभा सीटों के लिए 5 सितंबर को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था. 8 सितंबर को परिणाम घोषित किए गए थे .विपक्ष ने उत्तर प्रदेश की घोसी, झारखंड की डुमरी, पश्चिम बंगाल की धुपगुड़ी और केरल की पुथुप्पल्ली सहित चार सीटों पर जीत हासिल की. भाजपा ने त्रिपुरा में दो सीटें और उत्तराखंड में एक सीट जीती .उल्लेखनीय है कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ I.N.D. I. A .के गठन के बाद यह पहला चुनाव था .

दारा सिंह के प्रति आक्रोश का सुधाकर को मिलेगा फायदा

घोसी उपचुनाव में हुए उलटफेर के दूरगामी परिणाम हैं. मतदाताओं ने अपना निर्णय सुनाकर सभी दलों को बता दिया कि वह स्थानीय को प्राथमिकता देगी. 2017 से 2023 तक चार बार चुनाव होने से वोटर खुद को ठगा महसूस करने लगे थे. इस बार सपा से दारा सिंह का इस्तीफा और भाजपा में शामिल होना जनता को रास नहीं आया. समाजवादी पार्टी की टिकट पर दारा सिंह ने एक वर्ष पहले ही चुनाव जीता था. ऐसे में वोटरों के बीच दारा सिंह ने अपनी विश्वसनीयता खो दी. समाजवादी पार्टी ने भी उनकी पूरी छवि को दलबदलू और बाहरी के रूप में लोगों के सामने पेश किया. इसके साथ ही अपने प्रत्याशी को लेकर सपा ने यह बात लोगों के जेहन में उतार दी कि सुधाकर सिंह स्थानीय निवासी होने तथा चार दशक से एक ही पार्टी के कार्यकर्ता हैं. स्थानीय-बनाम बाहरी नारे का ही यह असर बताया जा रहा है कि बीते 2020 चुनाव के मुकालबे इस बार छह फीसदी कम 50.30 फीसदी वोट हुआ.

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