21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Organ Donation: Apollomedics-SGPGI के बीच बना ग्रीन कॉरिडोर, ट्रांसप्लांट के लिये 7 मिनट में पहुंची किडनी

लखनऊ में पहली बार एक निजी अस्पताल अपोलोमेडिक्स (Apollomedics) व सरकारी चिकित्सा संस्थान एसजीपीजीआई (SGPGI) के बीच ट्रांसप्लांट के लिये मिले अंग को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अदान-प्रदान किया गया. यह पहला मौका था जब किसी निजी अस्पताल ने सरकारी चिकित्सा संस्थान को ब्रेन डेड व्यक्ति की किडनी उपलब्ध करायी.

Lucknow: राजधानी के निजी अस्पताल अपोलोमेडिक्स (Apollo Medics) सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल और एसजीपीजीआई (SGPGI) ने आपसी सहयोग से एक किडनी रोगी को नया जीवनदान दिया है. बुधवार को जिला प्रशासन के सहयोग से दोनों अस्पतालों के बीच ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. जिससे कम से कम समय में ब्रेन डेड व्यक्ति की किडनी को एक दूसरे मरीज तक ट्रांसप्लांट के लिये पहुंचायी जा सके.

दोनों अस्पतालों और जिला प्रशासन की मदद से मात्र सात मिनट में किडनी को ओपोलोमेडिक्स अस्पताल से 10.5 किलोमीटर दूर एसजीपीजीआई पहुंचाया गया. इसके बाद एसजीपीजीआई में मरीज का जीवन बचाने के लिये किडनी ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी.

ब्रेन डेड युवक के अंगों से चार लोगों को मिला नया जीवन

अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल के सीईओ व एमडी डॉ. मयंक सोमानी ने बताया कि 21 वर्षीय एक युवक की रोड एक्सीडेंट में ट्रॉमेटिक ब्रेन इंजरी होने के चलते मृत्यु हो गयी थी. जिसके बाद ऑर्गन डोनेशन की प्रक्रिया के तहत ब्रने डेड युवक की दोनों किडनी, लिवर और कॉर्निया दूसरे मरीजों को जीवनदान देने के लिए निकाली गयी.

डॉ. मयंक सोमानी ने बताया कि ब्रेन डेड व्यक्ति के अंगदान के लिये ऑर्गन डोनेशन के लिए एसजीपीजीआई के डॉक्टर्स से संपर्क किया गया. अपोलोमेडिक्स में किडनी की उपलब्धता का पता लगा तो दोनों हॉस्पिटल्स के डॉक्टर्स ने 10-11 मई की पूरी रात क्रॉस मैचिंग की प्रक्रिया पूरी की. इस जांच से पता चला कि युवक की किडनी एसजीपीआई में किडनी रोग के इलाज के लिए भर्ती 35 वर्षीय महिला से मैच करती है.

Also Read: सरकारी अस्‍पतालों में दवाइयों की उपलब्‍धता के लिए सरकार सख्‍त, डिप्‍टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिए निर्देश

यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों अस्पतालों के प्रशासन ने डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन और ट्रैफिक पुलिस से यातायात से मुक्त रास्ता उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया. जिससे किडनी को कम से कम समय में एसजीपीजीआई तक पहुंचाया जा सके. जिला प्रशासन ने इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर किडनी को एसजीपीजीआई तक पहुंचाने में मदद की.

डॉ. सोमानी ने बताया कि एक्सीडेंट में युवक की मृत्यु के बाद उसके परिजनों ने दूसरे मरीजों को जीवनदान देने के लिए अंगदान की प्रक्रिया अपनाने का फैसला लिया था. इनमें से एक किडनी व लिवर अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल में ऑर्गन डोनेशन का इंतजार कर रहे मरीजों को ट्रांसप्लांट किये गए. जबकि कॉर्निया को केजीएमयू में नेत्रदान की प्रतीक्षा कर रहे एक मरीज को ट्रांसप्लांट करने के लिए दिया गया है.

उन्होंने कहा कि मानवता की अप्रतिम मिसाल पेश करने के लिए अपोलोमेडिक्स परिवार ने दिवंगत युवक के परिजनों व इस कार्य को सफल बनाने के लिए सभी अधिकारियों व डॉक्टर्स का आभार व्यक्त किया है. इस तरह के सफल सामंजस्य ने अंगदान का इंतजार कर रहे मरीजों को एक उम्मीद की रोशनी दी है. यही नहीं मरीज की जान बचाने के उद्देश्य से राजधानी लखनऊ में पहली बार एक निजी हॉस्पिटल व सरकारी चिकित्सा संस्थान के बीच ग्रीन कॉरिडोर की व्यवस्था की गई.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें