Lucknow: अमेरिका के टेक्सास प्रांत में 19 बच्चों सहित 21 लोगों की गोलियां बरसाकर हत्या करने के घटना के बाद एक बार फिर ‘गन कल्चर’ चर्चा में आ गया है. टेक्सास में 18 साल के एक युवक ने गोलियां बरसाकर 21 लोगों की हत्या की है. हालांकि यूपी में अभी तक ऐसे गंभीर प्रवत्ति के हत्याकांड नहीं हुये हैं.
यूपी में हथियार रखना ‘भौकाल’ दिखाने का बड़ा माध्यम माना जाता है. इसमें क्या पुरुष, क्या महिला और क्या युवा, सभी इस रुतबे को दिखाने में लगे रहते हैं. जो सक्षम हैं वो लाइसेंस लेकर हथियार खरीद रहे हैं. जो बहुत अधिक सक्षम हैं, वो तीन-तीन हथियार खरीद रहे हैं. वहीं जो सक्षम नहीं है वह अवैध हथियारों से अपने रुतबे का प्रदर्शन कर रहे हैं.
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यूपी में अमेरिका की तरह बड़े हत्याकांड नहीं हुये है. यहां हथियार सिर्फ शक्ति प्रदर्शन के लिये खरीदे जा रहे हैं. इन हथियारों से पारिवारिक समारोह में हर्ष फायरिंग करना आम बात है. जिसके गलत परिणाम भी सामने आये हैं. हथियार के प्रति बढ़ती दिवानगी को देखते हुये यूपी में 2014 में हाईकोर्ट ने शस्त्रों के नए लाइसेंसों पर रोक लगा दी थी. जिसे बाद में बीजेपी सरकार ने हटाकर हथियार के शौकीनों को कुछ राहत पहुंचायी थी. लेकिन नये नियमों के तहत एक व्यक्ति सिर्फ दो ही हथियार रख सकेगा. एक हथियार उसे सरेंडर करना होगा.
एक रिपोर्ट के अनुसार देश के कुल वैध हथियारों में 35 फीसदी से अधिक हथियार अकेले यूपी में हैं. यहां लगभग 13 लाख लोगों के पास लाइसेंसी हथियार हैं. जबकि देश भर में यह संख्या 40 लाख से अधिक है. यूपी के बाद दूसरे नंबर पर जम्मू-कश्मीर है. यूपी के शहरों हाल देखें तो सबसे अधिक हथियार लखनऊ और सबसे कम भदोही में हैं. हालांकि इसकी सही संख्या उपलब्ध नहीं है.
UP की महिलाओं में भी शस्त्र रखना अब स्टेटस सिंबल बन गया है. समय-समय पर सोशल मीडिया में हथियारों के साथ घूम महिलाओं के वीडियो वायरल होते रहते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार यूपी में 21 हजार से अधिक महिलाओं ने शस्त्र लाइसेंस ले रखे हैं. कई महिलायें ऐसी हैं जिनके नाम से तीन-तीन हथियार लिये गये हैं. वह इनका उपयोग क्या कर रही हैं, ये जांच का विषय है.
यूपी के बुंदेलखंड और चंबल का इलाका गन कल्चर के लिये बहुत चर्चित रहा है. यहां ददुआ, मलखान सिंह, फूलन देवी जैसे बड़े डकैत अपने हथियारों के कारण ही आतंक मचाते थे. फूलन देवी का बेहमई कांड काफी चर्चा में रहा था. एक समय था बुंदेलखंड और चंबल में दर्जनों डकैतों के गिरोहों का दबदबा रहता था. ये डकैत अपने को बागी कहते थे. लेकिन वर्तमान में डकैत पूरी तरह से खत्म हो गये हैं. हालांकि डकैतों से बचाव के लिये जो लोग हथियार खरीदते थे, वह अब भी उसे अपने ड्राइंग रूम में प्रदर्शित करते हैं या फिर बड़े पारिवारिक समारोह में उसे लेकर जाते हैं.
यूपी के पूर्वांचल के इलाकों से लेकर राजधानी लखनऊ तक बिहार के ‘मुंगेर’ के अवैध असलहों का व्यापार होता है. असली जैसे दिखने वाले मुंगेरी असलहों की यूपी में बहुत डिमांड है. पुलिस समय-समय पर इनकी बड़ी खेप पकड़ती रहती है. वहीं पश्चिम उत्तर प्रदेश में कट्टा, अद्धी, पंच फायरा की डिमांड रहती है. पुलिस ने वहां अवैध असलहों के कई बड़े कारखाने पकड़े हैं. इसके बावजूद अवैध असलहों का कारोबार यूपी में चल रहा है.