Guru Nanak Jayanti 2023: गुरु नानक की रखी गई नींव को और मजबूत करना हर भारतीय का दायित्व-सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने गुरुपर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रकाश पर्व हम सबके जीवन में गुरु कृपा से ज्ञान का प्रकाश देता है. सिख गुरुओं का त्याग, बलिदान, भक्ति, शक्ति, साधना देश और धर्म के लिए अनुकरणीय है.

By Amit Yadav | November 27, 2023 2:08 PM
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लखनऊ: सिख गुरुओं का बलिदान केवल खालसा पंथ के लिए न होकर हिंदुस्तान और धर्म को बचाने के लिए था. उस दौर में जब बड़े-बड़े राजा महाराजा मुगल सत्ता की अधीनता स्वीकार कर रहे थे, तब सिख गुरु अपने दम पर देश और धर्म की रक्षा कर रहे थे. जिस देश और परंपरा में इस प्रकार का जुझारूपन हो उसे दुनिया की कोई ताकत झुका नहीं सकती. खालसा पंथ की स्थापना मुगल सल्तनत के पतन का कारण बना. आज सिख पूरी दुनिया में छाये हुए हैं, मगर मुगलों की सत्ता का कहीं अता-पता नहीं है. ये सत्य और धर्म का रास्ता है. ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आशियाना स्थित गुरुद्वारे में श्री गुरु नानक देव जी महाराज के 554वें प्रकाश पर्व पर आयोजित कार्यक्रम में कही.

मुख्यमंत्री ने गुरुपर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रकाश पर्व हम सबके जीवन में गुरु कृपा से ज्ञान का प्रकाश देता है. सिख गुरुओं का त्याग, बलिदान, भक्ति, शक्ति, साधना देश और धर्म के लिए अनुकरणीय है. पूरी दुनिया में गुरु नानक जी का प्रकाश फैला है. उन्होंने लोक कल्याण और साधु सेवा में अपना जीवन समर्पित किया. सीएम योगी ने कहा कि एक पक्ष भक्ति के माध्यम से साधना का है तो वहीं दूसरा पक्ष भक्ति के माध्यम से लोक कल्याण और राष्ट्र कल्याण का मार्ग प्रशस्त करता है. भक्ति के माध्यम से गुरु नानक देव जी ने उस कालखंड में बाबर के अत्याचारों के खिलाफ आवाज बुलंद की थी. जात-पात और अन्य संकीर्ण विचारों से मुक्त रहकर कार्य करने की प्रेरणा हमें गुरु नानक देव जी से मिलती है.

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2020 में साहबजादा बाल दिवस मनाने का निर्णय लिया

सीएम योगी ने कहा 2020 में साहबजादा दिवस के कार्यक्रम को मुख्यमंत्री आवास में करने का उन्हें सौभाग्य मिला था. फिर 2022 में ये राष्ट्रीय स्तर का कार्यक्रम बना? लखनऊ से निकली आवाज राष्ट्रव्यापी आवाज बन गई. दशकों से साहबजादा दिवस की मांग उठ रही थी, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 दिसंबर 2022 को साहबजादा बाल दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लेकर पूरा किया. हम सब मिलकर अपने इतिहास से प्रेरणा लें. साथ ही उन क्रूर और काले क्षणों को भी याद करें, जब अत्याचार और बर्बरता की पराकाष्ठा को पार करते हुए निर्ममता की गयी. हम स्वतंत्र भारत में पूरी मजबूती के साथ रहकर कार्य कर रहे हैं, ये हमारे सिख गुरुओं के प्रति विनम्र श्रद्धांजलि है. गुरु नानक जी द्वारा रखी गई इस नींव को और मजबूत करना हर सिख और हर भारतीय का दायित्व है. इसी में राष्ट्र की समृद्धि होगी.

सिखों ने देश और धर्म के लिये बलिदान किया 

मुख्यमंत्री ने मक्का की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि गुरु नानक देव ने एक मौलवी को ‘एक ओमकार’ की सीख दी थी. सीएम योगी ने कहा कि सिख धर्म साधना के गूढ़ रहस्यों से भरा पड़ा है. इस परंपरा ने आगे चलकर गुरु तेग बहादुर, गुरु गोविंद सिंह, उनके चार साहबजादों और हजारों सिखों ने देश और धर्म के लिए बलिदान दिया. उन्होंने कहा कि गुरुओं का बलिदान देश को एक नई शक्ति और प्रेरणा देता है. खालसा केवल एक पंथ नहीं है, ये देश और धर्म की रक्षा के लिए गुरु कृपा से निकला हुआ प्रकाश पुंज है. इसने विपरीत परिस्थितियों में विदेशी ताकत को झुकने के लिए मजबूर किया था.

इस मौके पर मंत्री बलदेव सिंह ओलख, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल, अध्यक्ष गुरुद्वारा साहेब प्रबंध कमेटी सरदार जसबीर सिंह चड्ढा, जसजीत सिंह बेदी, जसपाल सिंह दुग्गल, जगजीत सिंह, यूपी अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह सहित बड़ी संख्या में सिख समुदाय के लोग शामिल थे.

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