Guru Purnima 2023: कब है गुरु पूर्णिमा है? यहां जानिए शुभ मुहूर्त, डेट, स्नान का महत्व और पूजा विधि
Guru Purnima 2023: हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है. गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा कब है, गुरु पूर्णिमा डेट, शुभ मुहूर्त, स्नान का महत्व और पूजा विधि. जानिए उत्तर-प्रदेश के ज्योतिषाचार्य पंडित अंबरीश मिश्र शास्त्री से.
Guru Purnima 2023: हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व है. आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को गुरु पूर्णिमा बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. गुरु पूर्णिमा के दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था. उन्होंने ही महाभारत महाकाव्य की रचना की थी. महर्षि वेदव्यास को सनातन धर्म का प्रथम गुरु माना गया है. आइए जानते हैं गुरु पूर्णिमा कब है, गुरु पूर्णिमा डेट, शुभ मुहूर्त, स्नान का महत्व और पूजा विधि. जानिए उत्तर-प्रदेश के ज्योतिषाचार्य पंडित अंबरीश मिश्र शास्त्री से.
गुरु पूर्णिमा 2023 कब है डेट
हिंदू धर्म में गुरु पूर्णिमा सबसे महत्वपूर्ण माना गया है. गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है. ज्योतिषाचार्य पंडित अंबरीश मिश्र शास्त्री ने बताया इस साल 2023 में गुरु पूर्णिमा 3 जुलाई 2023 दिन सोमवार को मनाई जाएगी.
गुरु पूर्णिमा 2023 शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य पंडित अंबरीश मिश्र शास्त्री के अनुसार आषाढ़ मास जुलाई में तीन तारीख को गुरु पूर्णिमा है. साल 2023 गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 2 जुलाई 2023 दिन रविवार रात 8 बजकर 21 मिनट पर शुरु हो रही है और अगले दिन तीन जुलाई (3 July 2023) दिन सोमवार को शाम 5 बजकर 9 मिनट पर समाप्त हो रही है. ऐसे में इसी शुभ मुहूर्त में पूजा करना फलदायी होगी.
गुरु पूर्णिमा 2023 स्नान का महत्व
गुरु पूर्णिमा के दिन स्नान का खास महत्व है. इस दिन सभी को पवित्र नदी गंगा में स्नान करना चाहिए. गुरु पूर्णिमा के दिन अगर आप नदी जाने में असमर्थ हैं तो घर पर ही नहाने की पानी में गंगा जल मिलाकर नहा लें.
Also Read: मिर्जापुर में लगता है भूतों का मेला, बिहार और झारखंड के लोग यहां आते हैं आत्माओं से मुक्ति पाने
गुरु पूर्णिमा 2023 पूजा विधि
इस साल 2023 में गुरु पुर्णिमा 3 जुलाई को सुबह में स्नाने के बाद ही पूजा करें. गंगा नदी में स्नान के बाद अपने गुरु का ध्यान करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें. इस दिन भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा करें. अगर हो सके तो गरीब और जरुरतमंद लोगों को भोजन और कपड़ा दान करें.