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Gyanvapi Reaction: हाईकोर्ट के फैसले पर दो पक्ष में बंटे लोग, जानें किसने क्या कहा, 4 अगस्त से शुरू होगा सर्वे

समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी को मजिस्द बताने पर ऐतराज वाले बयान को लेकर कहा कि ​साढ़े तीन सौ साल से जहां पांच वक्त की नमाज हो रही है, यहां आज भी हो रही है, उसे मस्जिद नहीं तो और क्या कहेंगे.

Gyanvapi Reaction: इलाहाबाद हाईकोर्ट के ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वेक्षण जारी रखने के फैसले के बाद अब मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है. हाईकोर्ट के फैसले के बाद अब शुक्रवार से एएसआई सर्वे किया जाएगा. इस बीच मामले को लेकर पक्ष और विपक्ष में लोग प्रतिक्रिया दे रहे हैं.

ASI ने जिला प्रशासन से मांगी मदद

वाराणसी के जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने कहा कि ASI ने 4 अगस्त से ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण शुरू करने के लिए जिला प्रशासन से मदद मांगी है. हम अदालत के आदेश का पालन कराने में उन्हें हरसंभव मदद देंगे.

जो सच छिपाया गया, अब आएगा सामने

इस बीच उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने हाईकोर्ट के फैसले का खुलकर स्‍वागत किया है. उन्‍होंने कहा कि एएसआई सर्वे के माध्यम से सच्चाई बाहर आएगी और ज्ञानवापी का जो विवाद है श्री राम जन्म भूमि विवाद की तरह उसका भी निर्णय होगा. उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि शिव भक्तों की जो भावना है, मनोकामनाएं हैं, वह पूर्ण होगी. हमें पूर्ण विश्वास है कि सर्वे के माध्यम से मुगल आक्रमणकारियों ने मंदिरों का जो विध्वंस किया था, उसका सच छिपाया था, अब वह सामने आएगा.

कौशल किशोर बोले- सर्वे से सामने आना चाहिए सच

केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि सर्वे से सच सामने आना चाहिए. जैसे राम मंदिर में आया और उसके बाद जो कोर्ट का आदेश हो उसको भी स्वीकार करना चाहिए.

हेमा मालिनी बोलीं- जल्द से जल्द आना चाहिए फैसला

वहीं मथुरा से भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि फैसला जल्द से जल्द आना चाहिए अन्यथा बातचीत होती रहेगी. अगर अंतिम निर्णय जल्द आता है तो यह देश के लिए अच्छा होगा.

खालिद रशीद फिरंगी महली बोले- AIMPB मामले पर रखे हुए है नजर

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड AIMPLB) सदस्य और लखनऊ के इमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने ज्ञानवापी के सर्वे के आदेश पर कहा कि मुस्लिम पक्ष इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगा. उन्होंने कहा कि AIMPB इस पूरे मसले पर नजर रखे हुए है. कोर्ट ने मस्जिद को नुकसान पहुंचाने को मना किया है, इसका भी ध्यान रखा जाए. हम जल्द इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम जाएंगे. 

कोर्ट के फैसले का जवाब कोर्ट से दिया जाएगा- शफीकुर्रहमान बर्क

ASI सर्वे के आदेश पर सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि कोर्ट के फैसले का जवाब कोर्ट से दिया जाएगा. 2024 चुनाव को देखकर ये सब हो रहा है. उन्होंने मस्जिद से छेड़छाड़ की आशंका जताई.

राशिद अल्वी ने कही ये बात

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सही नहीं बताया. उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मामले में हम हाईकोर्ट के फैसले पर संतुष्ट नहीं हैं.

सुब्रत पाठक बोले- हाईकोर्ट ने दिया सच का साथ

भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने कहा कि हाईकोर्ट ने सच का साथ दिया है. हमारे 20 हजार से ज्यादा मंदिर तोड़कर उस पर मस्जिद बना दिया गया था. हम तो कुछ ही मंदिरों की बात कर रहे हैं. मुस्लिम पक्ष को यह समझना चाहिए और देश के अन्य लोगों को भी समझना चाहिए.

सनातन धर्म के लिए सम्मानजनक निर्णय – प्रज्ञा सिंह ठाकुर

भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि यह देश के लिए और सनातन धर्म के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. स्वतंत्र भारत में अब समय आ गया है कि हम गुलामी के चिह्न हटाकर सच्चाई उजागर करें. यह हमारे लिए सम्मानजनक निर्णय है और इस पर विश्वास करते हैं.

शांति-व्यवस्था और आपसी प्रेम सौहार्द बनाये रखें-मोहम्मद यासीन

अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के सचिव मोहम्मद यासीन ने कहा कि हम हाईकोर्ट के आदेश की कॉपी का इंतजार कर रहे हैं. आदेश के अध्ययन के बाद हम आगे की रणनीति तय करेंगे. यासीन ने कहा कि फैसला चाहे कुछ भी आये लेकिन मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे शांति-व्यवस्था और आपसी प्रेम-सौहार्द बनाये रखें.

सपा सांसद एसटी हसन बोले- ईमानदार सर्वे की उम्मीद

समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने कहा कि हाई कोर्ट का फैसला है. कोर्ट के फैसले सर्वमान्य होते हैं, हम भी इसे मानेंगे. उन्होंने कहा कि हमें ASI से ईमानदार सर्वे की उम्मीद है. बाकी फैसले क्या होते हैं, यह वक्त बताएगा.

350 वर्षों से पढ़ी जा रही नमाज

सपा सांसद ने कहा कि आज के दौर में हमें इंसानियत को बढ़ाने की जरूरत है. हमें सांप्रदायिक सौहार्द की जरूरत है. हिंदुस्तान की बढ़ी आबादी के बीच में प्यार मोहब्बत को बढ़ाने की जरूरत है. ये हम सभी की जिम्मेदारी है, चाहे वह विपक्ष से हो या फिर सत्तापक्ष से जुड़ा हो. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ज्ञानवापी को मजिस्द बताने पर ऐतराज वाले बयान को लेकर कहा कि ​साढ़े तीन सौ साल से जहां पांच वक्त की नमाज हो रही है, यहां आज भी हो रही है, उसे मस्जिद नहीं तो और क्या कहेंगे.

ईश्वर और अल्लाह को नहीं बांटा जाए

सपा सांसद एसटी हसन ने कहा कि जहां पर नमाज हो रही हो, इबादत हो रही है, वहां के बारे में ऐसी बात करना अजीब है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि मैं पूछता हूं कि अल्लाह और ईश्वर एक नहीं हैं? मुझे अल्लाह ने पैदा किया, तुम्हें ईश्वर ने पैदा किया, क्या ये दो हैं, अहम इन्हें भी बांट रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हिंदू और मुस्लिम दोनों इबादत ही तो कर रहे हैं. आपकी पद्धति दूसरी है, आप पूजा करते हैं. मुसलमान दूसरे तरीके से अपनी इबादत करता है. लेकिन सभी को पैदा जिस परवरदिगार ने किया, वह एक है. ऐसे मामलों में विवाद क्यों होता है, ये सही नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट जाना मुस्लिम पक्ष का अधिकार

उन्होंने इस मामले में मुस्लिम पक्ष के सुप्रीम कोर्ट जाने के सवाल पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट आखिरी अदालत है. अगर कोई निचली अदालत के फैसले से असतुंष्ट है, तो वह जा सकता है. ये उसका अधिकार है.

ASI सर्वे पर आदेश तत्काल प्रभाव से लागू

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वेक्षण करने के लिए कहा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जिला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से प्रभावी करने के लिए भी कहा है.

अंजुमन इंतजामिया की याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एएसआई का सर्वे शुरू होना चाहिए. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट का फैसला तत्काल प्रभावी हो चुका है. उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतजामिया की एएसआई सर्वे से परिसर को नुकसान पहुंचने की दलीलों को खारिज कर दिया.

हलफनामे के आधार पर होगा ASI सर्वे

कोर्ट ने हमारी दलीलों को मान लिया है. हमारी दलील इस बात पर आधारित थी कि ज्ञानवापी परिसर को डैमेज के बिना एएसआई सर्वे किया जाएगा. एएसआई ने भी एफिडेविट फाइल किया था. हाईकोर्ट ने कहा कि एएसआई के एफिडेविट पर अविश्वास करने का कोई मतलब नहीं बनता है. उन्होंने कहा कि एएसआई ने जो एफिडेविट फाइल किया है, उसके टर्म के आधार पर सर्वे किया जाएगा. ये सर्वे तत्काल शुरू किया जा सकता है.

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