लखनऊ/ आगरा/ अलीगढ़ / गोरखपुर : हापुड़ में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज मामले को लेकर वकीलों का आंदोलन आक्रामक होता जा रहा है. प्रदेश में नाराज वकीलों ने अपनी एकजुटता का परिचय दिया और जोरदार विरोध प्रदर्शन किया. लखनऊ, अलीगढ़, आगरा, इलाहाबाद, बरेली, गोरखपुर सहित प्रदेश का शायद ही कोई जिला था जहां वकीलों ने अपनी मांग पूरी कराने के लिए बिगुल नहीं फूंका. लखनऊ में स्वास्थ्य भवन चौराहे से लेकर हजरतगंज चौराहे के बीच वकीलों ने पुलिस व सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. पुलिस ने हजरतगंज चौराहे से वकीलों को आगे बढ़ने रोकने की कोशिश की तो वकील उग्र हो गए .
पुलिस से उनकी तकरार हो गई. पुलिसने जैसे तैसे वकीलों को हजरतगंज चौराहे से वापस किया. इस प्रदर्शन के कारण डालीगंज से हजरतगंज, हनुमान सेतु से हजरतगंज और उसके आसपास के इलाके में ट्रैफिक डायवर्ट करना पड़ा. ट्रैफिक डायवर्जन से आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. हापुड़ जिले में वकीलों पर हुए लाठीचार्ज में पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों पर कार्रवाई करने तथा अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में अधिवक्ता स्वास्थ्य भवन चौराहे के पास जुटे. यहां पुलिस – सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. हालांकि वकीलों के आक्रोश को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल जगह- जगह बैरिकेडिंग लगाकर उनको रोकने के लिए तैयार था. स्वास्थ्य भवन चौराहे पर कुछ देर प्रदर्शन के बाद उनका हुजूम नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ा. मकबरा सआदत अली पर पुलिस ने रोका तो वकीलों ने बैरिकेडिंग तोड़ दी.
परिवर्तन चौक पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया. केडी सिंह बाबू स्टेडियम के पास पुलिस और वकीलों में धक्का-मुक्की तक हो गई. वकील हजरतगंज चौराहे की तरफ बढ़ने लगे.हजरतगंज चौराहे पर जेसीपी एलओ उपेंद्र अग्रवाल मोर्चा संभाले हुए थे. पुलिस ने बैरिकेडिंग लगा रखी थीं. जैसे ही वकीलों का हुजूम हजरतगंज चौराहे पर पहुंचा पुलिस फोर्स ने रोक दिया. वकीलों – पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक होने लगी. हालात हाथापाई के बन गए. हालांकि पुलिस वकीलों को हजरतगंज चौराहे से लौटाने में साफ रही.
गोरखपुर में वकीलों ने अंबेडकर चौराहे पर इकट्ठा होकर प्रदेश सरकार विरोधी नारे लगाने लगाए. सरकार का पुतला फूंका. वकीलों का कहना है कि सरकार दोषियों के साथ मिलकर मामले को दबाना चाहती है. जब तक दोषियों को बर्खास्त कर उनकी गिरफ्तारी नहीं हो जाती है आंदोलन जारी रहेगा.बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज कुमार पांडे और मंत्री धरेंद्र कुमार द्विवेदी के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में गुरुवार को वकील इकट्ठा हुए.दीवानी कचहरी से सैकड़ो की संख्या में वकीलों का हुजूम अंबेडकर चौराहे पर इकट्ठा हुआ. मंत्री धरेंद्र कुमार द्विवेदी ने कहा कि इस तानाशाह सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों में अधिवक्ताओं पर बर्बरता की है और अधिवक्ता अब इसका मुंह जोर जवाब देंगे.वकीलों का आरोप था कि पूरे प्रदेश में वकीलों के ऊपर फर्जी मुकदमे लिखे गए हैं.
अधिवक्ता समाज इन फर्जी मुकदमा से डरने वाला नहीं है. हम लोग एकजुट होकर सभी मुकदमों को निरस्त कराएंगे. उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश सरकार एक-एक दोषियों बर्खास्त नहीं करती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा. वकीलों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान घंटों अंबेडकर चौक जाम रहा जिससे वाहनों की लंबी कतार लग गई. गोरखपुर में आज चिलचिलाती धूप में वकीलों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान घंटों रोड जाम होने की वजह से लोग परेशान हुए. कैंट पुलिस और ट्रैफिक पुलिस ने मिलकर किसी तरह से जाम खुलवाया.
Also Read: हापुड़ में वकीलों पर लाठीचार्ज : CM ने जांच को कमिश्नर की अध्यक्षता में एसआइटी गठित की, वकीलों का गुस्सा फूटाअलीगढ़ में हापुड़ के अधिवक्ताओं के समर्थन में जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपने गए सपा कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए.इस दौरान सपा जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष और पूर्व विधायक के सामने ही सपा कार्यकर्ता भिड़ गए. दरअसल गुरुवार को हापुड़ के अधिवक्ताओं के समर्थन में सपा कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन कर एडीएम सिटी को ज्ञापन सौंप रहे थे. इस दौरान अखिलेश यादव जिंदाबाद के नारे लग रहे थे,तो दूसरी तरफ सपा कार्यकर्ता आपस में ही भिड़ गए. सपा जिला अध्यक्ष लक्ष्मी धनगर के नेतृत्व में हापुड़ में अधिवक्ताओं पर हुए लाठीचार्ज को लेकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम सिटी अमित भट्ट को सौंपने गए थे. इस दौरान सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि हापुड़ की घटना को लेकर वकीलों पर ही फर्जी तरीके से मुकदमा दर्ज किया गया. उन्होंने सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि यूपी सरकार घमंडी,निरंकुश एवं तानाशाही पूर्ण रवैया अपना रखा है.जिसके कारण प्रदेश में पुलिस की कानून एवं प्रशासनिक व्यवस्था निरंकुश,लाचार और चौपट हो गई है.
आम नागरिकों को न्याय मिलन दूभर हो गया है. उन्होंने कहा कि कानून के विशेषज्ञों की भी सुनवाई नहीं हो रही है. अधिवक्ता हड़ताल करने पर मजबूर हो रहे हैं. अलीगढ़ सहित पूरे प्रदेश में न्यायिक कार्य ठप हो गया है. वही प्रदेश सरकार गहरी नींद में सोई हुई है. ज्ञापन पढ़ने के दौरान ही सपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए. धक्का – मुक्की और खींचतान हुई. वहीं हाथापाई भी हो गई. बताया जा रहा है कि सपा कार्यकर्ता आमिर आबिद का विवाद आशीष से हो गया. यह विवाद बढ़ते – बढ़ते धक्का मुक्की और खिंचतान तक होने लगी. हाथापाई होने पर दोनों को एक दूसरे से अलग किया गया, लेकिन तब तक पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया था. अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
हापुड घटना के संबंध में बार में उठाई गई शिकायतों के समाधान के लिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा गठित न्यायिक समिति 16 सितंबर को सुबह 11:00 बजे बैठक करेगी. वरिष्ठ रजिस्ट्रार (न्यायिक) द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार, “ समिति के माननीय अध्यक्ष को यह निर्देश देते हुए खुशी हो रही है कि समिति अपनी बैठक सुबह 11.00 बजे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समिति कक्ष में आयोजित करेगी. शनिवार, 9 सितंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की एक विशेष बैठक में, हापुड घटना के संबंध में वकीलों की शिकायतों को दूर करने के लिए न्यायालय द्वारा एक न्यायिक समिति का गठन किया गया था.
समिति में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश, न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता (अध्यक्ष के रूप में), न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति मोहम्मद शामिल हैं. फ़ैज़ आलम खान. इसमें उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता या उनके नामित, अध्यक्ष, बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश और अध्यक्ष, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन भी शामिल हैं.
इसके बाद, मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति महेश चंद्र त्रिपाठी की पीठ द्वारा एक स्पष्टीकरण जारी किया गया कि अध्यक्ष, हाई कोर्ट बार एसोसिएशन में हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, इलाहाबाद के अध्यक्ष के साथ-साथ अवध बार एसोसिएशन, लखनऊ के अध्यक्ष भी शामिल हैं. भौतिक उपस्थिति के अलावा, वर्चुअल मोड के माध्यम से समिति को संबोधित करने का अवसर भी प्रदान किया जाएगा.