हाथरस कांड में आज आ सकता है फैसला, सुरक्षा के कड़े इंतजाम, जिले की सीमा पर पहरा, जानें क्या है पूरा मामला

हाथरस कांड: प्रदेश में बहुचर्चित हाथरस के बूलगढ़ी कांड में गुरुवार को फैसला आ सकता है. इसे लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सियासी दलों की गतिविधियों पर भी पैनी नजर रखी जा रही है. वर्ष 2020 में हुआ यह कांड बेहद सुर्खियों में रहा था. सीबीआई ने चारों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए हैं.

By Sanjay Singh | March 2, 2023 9:50 AM
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Lucknow: प्रदेश में हाथरस के बहुचर्चित बूलगढ़ी कांड में गुरुवार को फैसला आ सकता है. इसे लेकर पुलिस बेहद सतर्क है और जनपद की सीमाओं पर पहरा सख्त कर दिया गया है. जनपद के साथ रेंज स्तर से भी फोर्स मुहैया कराई गई है. वर्ष 2020 में हुआ यह कांड बेहद सुर्खियों में रहा था. इसे लेकर विपक्ष ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे. मामले में युवती के अंतिम संस्कार को लेकर पुलिस प्रशासन भी विवादों के घेरे में आ गया था. इसके बाद कई अफसरों पर कार्रवाई की गई.

सीबीआई की चार्जशीट के बाद कोर्ट में चल रही सुनवाई

सीबीआई ने हाथरस के इस मामले में चारों आरोपियों के खिलाफ 376 डी, 302, एससीएसटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में आरोप पत्र दाखिल किया था. सीबीआई की चार्जशीट के बाद से कोर्ट में पूरे प्रकरण की सुनवाई चल रही है. इसमें 104 गवाहों में से सीबीआई ने 35 लोगों की गवाही करा दी है. इसलिए अब गुरुवार को एससी-एसटी एक्ट कोर्ट अपना फैसला सुना सकता है.

कड़ी सुरक्षा के किए गए इंतजाम

इसे लेकर पुलिस प्रशासन पूरी सतर्कता बरत रहा है. फैसले के बाद राजनैतिक पार्टी के लोगों के बूलगढ़ी गांव पहुंचने की संभावना है. इसलिए पुलिस कानून व्यवस्था को लेकर सतर्कता बरत रही है. आईजी दीपक कुमार के मुताबिक हाथरस में पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम किए जाने के निर्देश दिए गए हैं और फोर्स भी मुहैया कराई गई है. हर गतिविधि पर नजर रखी जाएगी.

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14 सितंबर 2020 को हुई थी वारदात

हाथरस के थाना चंदपा क्षेत्र के एक गांव में 14 सितंबर 2020 को 19 वर्षीय लड़की के साथ खेत में सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया था. पीड़िता बेहोशी की हालत में खेत में पड़ी हुई मिली. गंभीर अवस्था में उसे जिला संयुक्त चिकित्सालय लाया गया, जहां से उसे जेएन मेडिकल अलीगढ़ रेफर किया गया.

29 सितंबर को सफदरगंज में युवती ने तोड़ा दम

इसके बाद युवती ने अपने बयान में गांव के चार युवक संदीप ठाकुर, रामू, लवकुश और रवि पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था. इसके बाद पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी कर उन्हें जेल भेज दिया. वहीं 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरगंज में युवती की मौत हो गई थी. इसके बाद पुलिस-प्रशासन ने उसी दिन आधी रात में युवती का शव गांव लाकर अंतिम संस्कार करा दिया.

सीबीआई ने 29 दिसंबर 2020 को चार्जशीट की दाखिल

इस मामले में तत्कालीन पुलिस अधीक्षक और पुलिस क्षेत्राधिकारी सहित पांच पुलिसकर्मी निलंबित हुए थे. सीबीआई ने सामूहिक दुष्कर्म व हत्या में 29 दिसंबर 2020 को चार्जशीट दाखिल की. चार्जशीट में सीबीआई ने पीड़ित युवती के साथ सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में एससी-एसटी एक्ट कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया था. अब आज संभावित फैसले पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं.

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