हाथरस: पुलिस ने हाथरस भगदड़ (Hathras Stampede) मामले के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. घटना के बाद से ही वो फरार था. पुलिस ने उस पर एफआईआर की थी और एक लाख का इनाम घोषित किया था. इसके बाद से ही पुलिस उसे यूपी सहित राजस्थान, हरियाणा और आस-पास के राज्यों में तलाश रही थी. हाथरस सत्संग की अनुमति प्रशासन से देव प्रकाश ने ही ली थी. मुख्य आरोपी के अलावा पुलिस इस मामले में छह अन्य लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
आयोजकों ने भीड़ बढ़ने की जानकारी नहीं दी
पुलिस ने सत्संग आयोजकों पर अनुसार साक्ष्य छिपाने और शर्तों के उल्लंघन की एफआईआर की थी. ये भी लिखा गया है कि सत्संग में आने वाले भक्तों की संख्या को छुपाया गया. आयोजकों ने 80 हजार भक्तों के आने की जानकारी दी थी. लेकिन ये संख्या 2.50 लाख से अधिक हो गई. इसके बावजूद पुलिस और प्रशासन को इसकी सूचना नहीं दी गई. ट्रैफिक मैनेजमेंट का भी इंतजाम नहीं था.
वकील ने कहा, एसआईटी-एसटीएफ के सामने सरेंडर किया
हाथरस भगदड़ की घटना पर भोले बाबा के वकील एपी सिंह का कहना है कि हाथरस मामले में एफआईआर में नामजद देव प्रकाश ने एसआईटी और एसटीएफ के सामने सरेंडर कर दिया है. उसे मुख्य आयोजक बताया गया था. मेरा वादा था कि हम कोई अग्रिम जमानत नहीं लेंगे, कोई अर्जी नहीं देंगे और किसी कोर्ट में नहीं जाएंगे. क्योंकि हमने क्या किया है? हमारा अपराध क्या है? हमने आपसे कहा था कि हम देव प्रकाश को सरेंडर करेंगे. पुलिस के सामने ले जाएंगे, उससे पूछताछ करेंगे. जांच में हिस्सा लेंगे. अब पूरी जांच हो सकती है. उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाना चाहिए, वह दिल का मरीज है और उसके साथ कुछ गलत नहीं होना चाहिए.