Hathras Stampede: हाथरस भगदड़ मामले में पुलिस का खेल, बाबा नारायण साकार हरि का नाम एफआईआर से गायब
Hathras Stampede: हाथरस में नारायण साकार हरि के सत्संग में हुई भगदड़ में अब तक 121 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 28 घायल हैं. पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की है लेकिन बाबा का नाम उसमें नहीं है.
हाथरस: बाबा नारायण साकार हरि भगदड़ (Hathras Stampede) के बाद से गायब है. बाबा कहां है पुलिस को इसकी जानकारी नहीं है. वहीं लापता बाबा का नाम भी पुलिस की एफआईआर में नहीं है. सिर्फ सत्संग के मुख्य आयोजक देवप्रकाश माथुर पर एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में बाबा का नाम दर्ज न होने के कारण पुलिस की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं.
साक्ष्य छिपाने और शर्तों के उल्लंघन की एफआईआर
पुलिस ने सत्संग आयोजकों पर जो एफआईआर की है. उसके अनुसार साक्ष्य छिपाने और शर्तों के उल्लंघन की जानकारी दी गई है. ये भी लिखा गया है कि सत्संग में आने वाले भक्तों की संख्या को छुपाया गया. आयोजकों ने 80 हजार भक्तों के आने की जानकारी दी थी. लेकिन ये संख्या 2.50 लाख से अधिक हो गई. इसके बावजूद पुलिस और प्रशासन को इसकी सूचना नहीं दी गई. ट्रैफिक मैनेजमेंट का भी इंतजाम नहीं था.
हादसे के बाद आयोजक और सेवादार नहीं मिले
पुलिस के अनुसार जब हादसा हो गया तो आयोजकों और सेवादारों ने मदद नहीं की. हादसे में मृत और घायलों की संख्या छिपाने के लिए चप्पले और सामान खेतों में खड़ी फसल के बीच फेंक दिया गया. प्रशासन ने लगातार घायलों और मृतकों को घटना स्थल से हटा रहा था लेकिन सेवादार वहां से गायब थे.
2.5 लाख लोग के प्रबंधन के लिए 40 पुलिसकर्मी
सत्संग में प्रशासन की ओर से 40 पुलिसकर्मी लगाए गए थे. ये संख्या सत्संग में पहुंचे 2.5 लोगों को देखते हुए बहुत कम थी. दो एंबुलेंस भी मौके पर थी. लेकिन फायर ब्रिगेड वहां पर नहीं थी. हादसे के बाद भी घटना स्थल और अस्पतालों में कुप्रबंध दिखा. लोगों अपने परिवारीजनों के इलाज के लिए गुहार लगा रहे थे. हाथरस ट्रॉमा सेंटर से लेकर जिला अस्पताल में मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा था.
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