तबादला नीति के विरोध में स्वास्थ्य कर्मियों ने काला फीता बांधा, 24 जून से दो घंटे काम ठप करने की चेतावनी

स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी स्थानांतरण नीति 2023 का विरोध कर रहे हैं. उनकी कुछ मांगे हैं, जिसको लेकर उन्होंने काला फीता बांधकर विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. इस प्रदर्शन में स्वास्थ्य विभाग के सभी संवर्ग के कर्मचारी शामिल हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 20, 2023 6:43 PM

लखनऊ: तबादला नीति के विरोध में स्वास्थ्य कर्मियों ने मंगलवार से काला फीता बांधकर विरोध शुरू कर दिया है. यदि समय रहते उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो कर्मचारी 24 जून से काम ठप करेंगे. चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ उत्तर प्रदेश के आह्वान पर काला फीता बांधकर सांकेतिक प्रदर्शन किया गया.

बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी के सामने इकठ्ठा हुए कर्मचारी

चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रधान महासचिव अशोक कुमार ने बताया कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बलरामपुर चिकित्सालय लखनऊ सहित पूरे उत्तर प्रदेश में काला फीता आंदोलन किया गया. इस प्रदर्शन में प्रांतीय चिकित्सा संघ, राजकीय नर्सेज संघ, राजपत्रित डिप्लोमा फार्मेसी एसोसिएशन, डिप्लोमा फार्मेसी एसोसिएशन, चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी संघ उत्तर प्रदेश शामिल हैं.

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स्वास्थ्य विभाग के सभी संवर्ग विरोध में शामिल

इसके अलावा सहायक प्रयोगशाला संघ , एक्स-रे टेक्नीशियन एशोसिएशन , डार्क रूम असिस्टेंट एशोसिएशन उत्तर प्रदेश, टीबी कंट्रोल इम्प्लॉइज एशोसिएशन, ईसीजी टेक्नीशियन, इलेक्ट्रिशियन एसोसिएशन, मिनिस्ट्रीयल एशोसिएशन स्वास्थ्य भवन के कर्मचारियों अधिकारियों ने आंदोलन का समर्थन किया है.

कर्मचारियों ने स्थानांतरण नीति 2023 की निंदा की

कर्मचारियों ने स्थानांतरण नीति 2023 की निंदा करते हुए कहा कि चिकित्सा स्वास्थ्य महासंघ उत्तर प्रदेश ने कहा कि हमारी मांगों पर यदि ध्यान नहीं दिया गया तो कार्य बहिष्कार शुरू होगा. इसके लिये 24 जून का समय दिया गया है. सुबह 8 बजे से 10 बजे तक दो घंटे का कार्य बहिष्कार किया जाएगा. कर्मचारी मनमानी स्थानांतरण नीति से आक्रोशित हैं.

पूर्व में हुए स्थानांतरण का भत्ता देने सहित कई मांगें

अशोक कुमार ने कहा कि कर्मचारियों की कुछ मांगें हैं. इनमें पूर्व में हुए स्थानांतरण का भत्ता देने, अध्यक्ष/मंत्री को स्थानांतरण नीति से अलग रखना मुख्य है. इसके अलावा समूह ख, ग के स्थानांतरण स्वत: २०%, १०% पहले ही हो चुके हैं, जैसे कि जिला चिकित्सालय को उच्चीकृत कर मेडिकल कॉलेज बनाए जाने पर एकतरफा कार्यमुक्त किया गया है. लेकिन इन सभी को पद सहित कार्यमुक्त किया जाये.

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